गर्भाशय के रक्षा कवच के कारण मां के झुकने से नहीं पड़ता बच्‍चे पर प्रभाव

गर्भावस्‍था के दौरान झुकना मां और बच्‍चे दोनों के लिए नुकसानदेह है, लेकिन किसी न किसी कारण महिला को झुकना पड़ता है, जानिए इस दौरान कितना झुकना चाहिए।
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गर्भाशय के रक्षा कवच के कारण मां के झुकने से नहीं पड़ता बच्‍चे पर प्रभाव

गर्भावस्‍था के दौरान महिलाओं को कई प्रकार की हिदायतें दी जाती हैं, जो मां और बच्‍चे दोनों के स्‍वास्‍थ्‍य के लिहाज से फायदेमंद होती हैं। जैसे-जैसे गर्भावस्‍था का कैलेंडर बढ़ता जाता है वैसे-वैसे मां के लिए कई बंदिशें शुरू हो जाती हैं।

काम करती हुई गर्भवती महिलागर्भावस्‍था के दौरान सबसे खतरनाक काम है झुकना, इस दौरान मां का पेट आगे की तरफ निकल आता है जिसके कारण महिला को झुकने में दिक्‍कत हो सकती है और झुकना बच्‍चे के लिए  भी खतरनाक हो सकता है। आइए हम आपको बताते हैं कि गर्भवती महिला को कितना झुकना चाहिए और झुकना मां और बच्‍चे के लिए सुरक्षित है या नही।

 

 

झुकने पर क्‍या होता है

गर्भावस्‍था के शुरूआती हफ्ते में झुकने पर बच्‍चे पर ज्‍यादा प्रभाव नही पड़ता, पहली तिमाही तक मां का पेट ज्‍यादा आगे की तरफ नही निकलता है जिसके कारण पहली तिमाही में झुकने में ज्‍यादा दिक्‍कत नही होती है। लेकिन गर्भावस्‍था की दूसरी तिमाही और तिसरी तिमाही में झुकना नुकसानदेह हो सेकता है। हालांकि झुकने का असर भ्रूण से ज्‍यादा महिला पर होता है वजन बढ़ने के कारण झुकत वक्‍त सावधानी न बरती जाये तो मां का बैलेंस बिगड़ सकता है और वह गिर सकती है। जिससे मां और बच्‍चे दोनों को चोट लग सकती है।

झुकना और भ्रूण

मां के झुकने का असर बच्‍चे पर नही पड़ता है, क्‍योंकि बच्‍चा गर्भाशय में पूरी तरह सुरक्षित होता है। गर्भाशय की दीवारें बच्‍चे को झुकते वक्‍त होने वाले किसी भी प्रकार के दबाव से बचाती हैं। गर्भाशय की मांसपेशियां एमनियोटिक द्रव से बनी होती हैं, जो बच्‍चे के चारों तरफ एक प्रकार का सुरक्षा घेरा बनाती हैं। गर्भावस्‍था की तीसरी तिमाही के आखिरी सप्‍ताह में महिला के लिए झुकना बहुत मुश्किल हो जाता है, यदि लेट प्रेग्‍नेंसी है तो 40 सप्‍ताह के बाद मां बिलकुल नही झुक सकती है। यदि आपने इस दौरान झुकने की कोशिश की तो गिरने का खतरा बढ़ जाता है।

 

खड़े होने के सही तरीके

  • गर्भावस्‍था के दौरान सही तरीके से खड़े होने और झुकने के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है।
  • खड़ी होने की अवस्‍था में एकदम सीधी रहिए, अपने सिर को ठोढ़ी को सीधा रखिए, सिर को आगे, बगल में या पीछे की तरफ बिलकुल मत झुकाइए।
  • घुटनों को सीधा रखिए, पैरों को हमेशा खुला ही रहने दीजिए और अपने सिर को हमेशा ऊपर की तरफ ही रखिए।
  • अपने शरीर का वजन दोनों पैरों पर समान रूप से रखिए।
  • एक साथ देर तक एक ही जगह पर खड़े होने से बचें।
  • रसोंई में खड़े होकर काम करने से बचिए, हो सके तो किचन में खाना पकाते वक्‍त किसी आरामदायक मेज का सहारा लीजिए।
  • कोई भी भारी सामान (खासकर पानी से भरी हुई बाल्‍टी) उठाने का प्रयास बिलकुल न करें।



यदि आप कुर्सी पर भी बैठी हैं तो आगे की तरफ झुकने से बचिए। गर्भावस्‍था में आराम आपके बच्‍चे दोनों के लिए फायदेमंद है। यदि आप गर्भवती के बाद भी घरेलू काम कर रही हैं तो चिकित्‍सक से परामर्श अवश्‍य लीजिए।

 

 

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