कहीं आपके चेहरे के पिंपल्‍स का कारण ऑक्‍सीजन की कमी तो नहीं..

यूं तो ऑक्‍सीजन की कमी को शरीर में होने बीमारियों का मुख्‍य कारण माना जाता है, लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि ऑक्‍सीजन की कमी के कारण आपके चेहरे पर मुंहासे भी हो सकते हैं। आइए इस समस्‍या से बचने के उपायों के बारे में जानकारी लेते हैं।
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कहीं आपके चेहरे के पिंपल्‍स का कारण ऑक्‍सीजन की कमी तो नहीं..

आज के समय में बहुत से लड़के-लड़कियां एक बात से बेहद परेशान होते है और वह है चेहरे पर कील-मुंहासो का होना। किसी के भी चेहरे पर दाग-धब्बे अच्छे नहीं लगते और इससे एक खूबसूरत चेहरा भी बदसूरत नजर आने लग जाता है। यह समस्‍या यौवनावस्‍था में प्रवेश करने वाले युवक या युवतियों को शरीर में कई प्रकार के केमिकल और हार्मोनल परिवर्तन के कारण होती है। मुहांसों की समस्या तैलीय त्‍वचा वाले लोगों के साथ भी ज्यादा होती है। इसके अलावा गलत खानपान, चेहरे पर मेकअप और तनाव को भी मुंहासों का कारण माना जाता है। लेकिन एक नए अध्ययन में पाया गया है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण भी मुंहासों की समस्‍या हो सकती है।
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ऑक्‍सीजन की कमी से पिंपल्‍स की समस्‍या

यूं तो ऑक्‍सीजन की कमी को शरीर में होने बीमारियों का मुख्‍य कारण माना जाता है, लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि ऑक्‍सीजन की कमी के कारण आपके चेहरे पर मुंहासे भी हो सकते हैं। जी हां ऑक्‍सीजन की कमी से मनुष्य में बैक्टीरिया पैदा होता है जोकि मुंहासे पैदा कर सकता है। यह बात एक शोध से भी सामने आई है। अमेरिका के कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किए अध्ययन से पता चला है कि जब बाल और त्वचा कोशिकाओं के साथ वायुहीन वातावरण में फंसकर प्रोपीऑनआईवैक्टीरियम एक्ने सीरम में बदल जाता है, यह तेल हमारी त्वचा पर पाया जाता है और फैटी एसिड त्वचा कोशिकाओं में सूजन को सक्रिय करता है।

आमतौर पर यह सूजन हिस्टोन्स से बंद एंजाइमों के रूप में जाना जाता है। लेकिन फैटी एसिड बैक्टीरिया द्वारा उत्पादित सूजन जारी रहती है और खुजली का कारण बनती है।


क्‍यों होती है शरीर में ऑक्‍सीजन की कमी

शरीर के सभी अंगों को, सही तरीके से कार्य करने के लिए, एक निश्चित स्तर पर ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। जो ब्‍लड के द्वारा शरीर के उत्‍तकों और कोशिकाओं समेत पूरे शरीर में पहुंचती है। लेकिन यदि यह स्तर जरूरत से ज्यादा नीचे आ जाए तो इस स्थिति को हाइपोक्सिया कहा जाता है। जिसका सबसे मुख्य लक्षण सांस लेने में तकलीफ के रूप में सामने आता है। इस बीमारी के लक्षणों में सांस में तकलीफ, हृदय गति बढ़ जाना, सांसे तेज हो जाना, त्वचा का रंग नीला हो जाना, अकारण ही पसीना निकलना, मानसिक भ्रम हो जाना शामिल हैं। लेकिन इसके अलावा ऑक्‍सीजन की कमी से आपको मुंहासों की समस्‍या भी हो सकती है। आइए इस समस्‍या से बचने के उपायों के बारे में जानकारी लेते हैं।

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आयरन से भरपूर आहार लें

आयरन से भरपूर आहार के सेवन से आप ऑक्‍सीजन ग्रहण कर सकते हैं। आयरन ऑक्सीजन के प्रवाह को आपके शरीर में बढ़ाने का काम करता है। इसलिए अगर आप पर्याप्त मात्रा में आयरन लेगें, तो निश्चित तौर पर आप ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा ग्रहण करेंगे।


प्राणायाम है फायदेमंद

शरीर में बीमारियों का मुख्य कारण ऑक्सीजन की कमी है। इसकी वजह से कोशिकाओं का विघटन शुरू हो जाता है। तब हताश शरीर बीमार पड़ जाता है। प्राणायाम करने से न केवल हमारे शरीर के प्रत्येक भाग में भरपूर ऑक्सीजन पहुंचती है, अपितु विषैले तत्व बाहर भी निकल जाते हैं।


सुबह के समय ताजी हवा लें

आमतौर पर हम अपने घरों की खिड़कियों को धूल के कारण बंद ही रखते हैं, लेकिन क्‍या आप जानते हैं ऐसा करने से घर में ऑक्‍सीजन की कमी हो जाती है और आप पर्याप्‍त मात्रा में ऑक्‍सीजन ग्रहण नहीं कर पाते। खासतौर पर सुबह के समय ऑक्सीजन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इसलिए सुबह के समय घर में ताजी हवा के लिए अपने घरों की खिड़कियों को खोल दें।

पानी से भी लें ऑक्सीजन

पानी भी ऑक्सीजन का बहुत अच्‍छा स्रोत है। इसलिए आप दिन भर में खूब सारा पानी पियें, इससे न सिर्फ आपके शरीर की सफाई होती है, बल्कि आपको ऑक्सीजन भी मिलती है।

ऑक्सीजन का सबसे बेहतरीन उपाय है एक्सरसाइज

कार्डियो व्यायाम जैसे रनिंग, जॉगिंग, ब्रिस्क वॉक, साइक्लिंग या एरोबिक्स शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को सामान्य बनाए रखते हैं। इस दौरान व्यक्ति जल्दी-जल्दी सांस लेता और छोड़ता है जिससे फेफड़े सेहतमंद रहते हैं। रोजाना 45 मिनट का व्यायाम जरूर करें।

इस तरह इन उपायों को अपनाकर आप शरीर में ऑक्‍सीजन की कमी को पूरा कर मुंहासों की समस्‍या से बच सकते हैं।    

Image Source : Getty

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