अकसर खुशी, ग़म या तेज धूप से चहरा लाल हो जाता है, जोकि आम बात है। लेकिन यदि ऐसा हर दिन होता है तो ये एक गंभीर विषय हो सकता है। ये रोजेशिया हो सकता है। रोजेशिया एक प्रकार का त्वचा रोग होता है। इस बीमारी में चेहरे का लाल हो जाना, फुंसियां निकलना और खुजली जैसी शिकायतें आम बात होती हैं। स्टेरॉइड रोजेशिया से बड़ी संख्या में लोग पीड़ित हैं। हालांकि इस समस्या से बचाव करना संभव है। तो चलिये विस्तार से जानें क्या है रोजेशिया और इससे बचाव के तरीके।
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क्या है रोजेशिया व इससे बचाव
यह हमारे यहां होने वाली साधारण समस्या है, जिसे रोसासीया कहा जाता है। रेड वाइन, चॉकलेट, धूप, चिंता, और मसालेदार खाना आदि के सेवन से इस बीमारी को बढ़ावा मिलता है। इससे बचाव के लिये चहरे को ठीक से साफ करें और खान-पान का विशेष ध्यान रखें, धूप में निकलने से 15 से 20 मिनट पहले यूवीए और यूवीबी से बचाव वाली सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। धूप में ज्यादा देर रहने पर सनस्क्रीन दो घंटे बाद दोबारा इस्तेमाल करें। खूब पानी का सेवन करें। कभी-कभी त्वचा पर (खासतौर पर चेहरे पर) रोजेशिया की समस्या अर्थात बहुत अधिक लाली और जलन भी त्वचा के कैंसर का लक्षण हो सकते हैं। माथा, गाल, ठुड्डी और आंखों के आस-पास की त्वचा लाल हो और उसमें खूब जलन हो तो भी ये त्वचा कैंसर का संकेत हो सकते हैं। तो ऐसे लक्षण दिखाई देने पर त्वचा रोग विशेषज्ञ को भी अवश्य दिखाएं।
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स्टेरॉइड रोजेशिया
खास बात यह है कि ये बीमारी साक्षर लोगों में अधिक पाई जा रही है। डॉक्टरों के मुताबिक ड्रग बीटामेथा सोन, वोमिटाजोन, सेल्सिक एसिड आदि ऐसे ड्रग हैं जिनका जाने अनजाने में इस्तेमाल इस बीमारी को न्योता दे रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि समय रहते जागरूक होने की आवशयकता है अन्यथा देश की बड़ी आबादी इन स्टेरॉइड क्रीम की वजह से चर्म रोग का शिकार हो सकती है। त्वचा की बीमारी को लेकर बाजार में बिक रही दवाओं और क्रीम में स्टेरॉइड यूज होने का मामला सामने आने के बाद इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट, वेनइरोलॉजिस्ट एंड लेप्रोलॉजिस्टस ने ड्रग्स कंट्रोलर को पत्र भी लिखा था। इसके अनुसार इन दिनों अलग-अलग कंपनी की कई दवाइयां और क्रीम बाजार में हैं, जिसमें ऐसे केमिकल्स और स्टेरॉइड मिले हैं, जो स्किन के लिए घातक साबित हो रहे हैं।
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आहार भी है महत्वपूर्ण
विटामिन डी की सही मात्र लें यह हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ-साथ त्वचा को सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से भी बचाकर त्वचा कैंसर के खतरे को भी कम करता है इसके अलावा चाय पिएं इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट यौगिक त्वचा को हानिकारक किरणों से बचाते हैं। ग्रीन टी में मौजूद पालीफेनल स्किन कैंसर से बचाव करता है आप टमाटर और अंगूर भी खाएं। संवेदनशील त्वचा वालों के लिए कॉटन और सिल्क फैब्रिक का चुनाव करना सही रहता है। सिंथैटिक वस्त्रों के मुकाबले ये रिएक्शन कम करते हैं। मेकअप उतारते समय भी कॉटन बौल्स का इस्तेमाल करें न कि सिंथैटिक बॉल्स का।
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रोजेशिया हो सकता है। रोजेशिया एक प्रकार का त्वचा रोग होता है। इस बीमारी में चेहरे का लाल हो जाना, फुंसियां निकलना और खुजली जैसी शिकायतें
आम बात होती हैं। स्टेरॉइड रोजेशिया से बड़ी संख्या में लोग पीड़ित हैं। हालांकि इस समस्या से बचाव करना संभव है। तो चलिये विस्तार से जानें क्या है
रोजेशिया और इससे बचाव के तरीके।
क्या है रोजेशिया व इससे बचाव
यह हमारे यहां होने वाली साधारण समस्या है, जिसे रोसासीया कहा जाता है। रेड वाइन, चॉकलेट, धूप, चिंता, और मसालेदार खाना आदि के सेवन से इस
बीमारी को बढ़ावा मिलता है। इससे बचाव के लिये चहरे को ठीक से साफ करें और खान-पान का विशेष ध्यान रखें, धूप में निकलने से 15 से 20 मिनट
पहले यूवीए और यूवीबी से बचाव वाली सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। धूप में ज्यादा देर रहने पर सनस्क्रीन दो घंटे बाद दोबारा इस्तेमाल करें। खूब पानी का
सेवन करें। कभी-कभी त्वचा पर (खासतौर पर चेहरे पर) रोजेशिया की समस्या अर्थात बहुत अधिक लाली और जलन भी त्वचा के कैंसर का लक्षण हो सकते
हैं। माथा, गाल, ठुड्डी और आंखों के आस-पास की त्वचा लाल हो और उसमें खूब जलन हो तो भी ये त्वचा कैंसर का संकेत हो सकते हैं। तो ऐसे लक्षण
दिखाई देने पर त्वचा रोग विशेषज्ञ को भी अवश्य दिखाएं।
स्टेरॉइड रोजेशिया
खास बात यह है कि ये बीमारी साक्षर लोगों में अधिक पाई जा रही है। डॉक्टरों के मुताबिक ड्रग बीटामेथा सोन, वोमिटाजोन, सेल्सिक एसिड आदि ऐसे ड्रग
हैं जिनका जाने अनजाने में इस्तेमाल इस बीमारी को न्योता दे रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि समय रहते जागरूक होने की आवशयकता है अन्यथा देश
की बड़ी आबादी इन स्टेरॉइड क्रीम की वजह से चर्म रोग का शिकार हो सकती है। त्वचा की बीमारी को लेकर बाजार में बिक रही दवाओं और क्रीम में
स्टेरॉइड यूज होने का मामला सामने आने के बाद इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट, वेनइरोलॉजिस्ट एंड लेप्रोलॉजिस्टस ने ड्रग्स कंट्रोलर को पत्र भी
लिखा था। इसके अनुसार इन दिनों अलग-अलग कंपनी की कई दवाइयां और क्रीम बाजार में हैं, जिसमें ऐसे केमिकल्स और स्टेरॉइड मिले हैं, जो स्किन के
लिए घातक साबित हो रहे हैं।
आहार भी है महत्वपूर्ण
विटामिन डी की सही मात्र लें यह हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ-साथ त्वचा को सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से भी बचाकर त्वचा कैंसर के
खतरे को भी कम करता है इसके अलावा चाय पिएं इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट यौगिक त्वचा को हानिकारक किरणों से बचाते हैं। ग्रीन टी में मौजूद
पालीफेनल स्किन कैंसर से बचाव करता है आप टमाटर और अंगूर भी खाएं।
संवेदनशील त्वचा वालों के लिए कॉटन और सिल्क फैब्रिक का चुनाव करना सही रहता है। सिंथैटिक वस्त्रों के मुकाबले ये रिएक्शन कम करते हैं। मेकअप
उतारते समय भी कॉटन बौल्स का इस्तेमाल करें न कि सिंथैटिक बॉल्स का।
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