अस्‍पताल जाने के बाद संक्रमण से कैसे करें बचाव

अस्पताल में कोई अपनी मर्जी से नहीं जाता, बल्कि वहां जाना उसकी मजबूरी ही होती है। अस्पताल जहां लोग तबियत सुधारने जाते हैं कई बार वहां से लोग बीमार होकर भी लौटते हैं। ऐसा क्यों और कैसे होता है आइये जानते हैं।
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अस्‍पताल जाने के बाद संक्रमण से कैसे करें बचाव

सारे अस्‍पताल में इंफेक्शन कंट्रोल प्रॉसिजर और पॉलिसीज होते हैं। अस्‍पताल का स्टाफ इंफेक्शन से बचने के लिए हर तरह की सावधानी बरतता है। हालांकि, हॉस्पिटल में इंफेक्शन का रिस्क कभी भी पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता। और, कुछ लोगों को इंफेक्शन होने का खतरा भी ज्यादा होता है। ऐसे लोग अगर अस्‍पताल जाते हैं तो उनका खतरा दुगना हो जाता है।

हॉस्पिटल में रहने से आपको फेफड़ों, जख्म, यूरीनरी ट्रैक्ट और ब्लड इंफेक्शन हो सकता है। ये सब हेल्थकेयर-असोसिएटिड इंफेक्शन या एचएआई कहलाते हैं। इन्हें नोसोकोमिकल इंफेक्शन भी कहा जाता है। लेकिन कुछ ऐसी चीज़ें हैं जिन्हें हॉस्पिटल में रहने से पहले और बाद में करने से आपका इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है।

इन्हें होता है अधिक जोखिम


अस्पताल में एडमिट सभी लोगों को एचएआई का थोड़ा जोखिम होता ही है। अगर आप बहुत बीमार हैं या आपकी सर्जरी हुई है, तो आपका जोखिम बढ़ जाता है। कुछ लोगों को ये जोखिम दूसरों से अधिक होता है। इन लोगों में छोटे बच्चे, खासतौर पर प्रिमैच्योर बेबी शामिल होते हैं। काफी उम्रदराज लोगों का जोखिम भी बढ़ जाता है। जो लोग पहले से ही किसी दूसरी बीमारी से ग्रस्त हों अस्पताल में रहकर उन्हें इंफेक्शन होने की आशंका बढ़ जाती है। इसके अलावा, जिन लोगों का इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होता है उनको इंफेक्शन होने का खतरा तो सबसे अधिक होता ही है।

अस्पताल में इंफेक्शन पर ऐसे रखें नियंत्रण


इंफेक्शन फैलने से बचाव के लिए आपको तीन आधारभूत उपाय अपनाने चाहिए। पहला, अस्पताल के इंफेक्शन कंट्रोल प्रॉसीजर और पॉलिसीज का पालन करें। बार-बार हाथों को अच्छी तरह से धोना। हाथ धोने के लिए अच्छे साबुन का इस्तेमाल करना। अगर आपके आसपास गंदगी हो तो अस्पताल के जिम्मेदार स्टाफ से शिकायत करके उसे साफ करवाएं। अगर आप एडमिट हैं और आपको नीडल या ड्रेसिंग में गंदगी दिखाई पड़ती है तो उसे तुरंत बदलवाएं। डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज आपको लंग इंफेक्शन से बचाव देगी।

अस्पताल में आपको और किसी को इंफेक्शन न हो इस बात का ध्यान रखें। किसी भी किस्म की आशंका के चलते डॉक्टर, नर्स व स्टाफ से खुलकर बात करें।

Image Source - Getty Images

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