राजधानी दिल्ली में पिछले दो माह में रोड रेज अखबारों की सुर्खी बने रहे। आज लोगों की व्यस्तता और तनाव इतना अधिक हो गया है कि छोटी सी बात पर गुस्सा आ जाता है. अपनी ही समस्याओं ने हमें संवेदनहीन बना दिया है और हम दूसरों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेते. रोड रेज के बढ़ते मामलों का एक कारण यह भी है. इस रोड रेज ने कुछ लोगों की जान तक ले ली. आप रोड रेज की समस्याओं से कैसे बचे जानने के लिए पढ़े रोड रेज से बचने के 5 टिप्स-
यातायात नियमों का पालन करें- सदैव यातायात के नियमों का पालन करे और लेन को बदलते समय सही इंडिकेटर दे. जिससे दूसरों को परेशानी न हो और गाड़ियों के टकराव की स्थिति न बने.
जाम होने पर न मचाएं हड़बड़ी
दिल्ली की सड़कों पर गाड़ियों की लगातार बढ़ रही संख्या का एक असर रोड रेज के तौर पर भी देखने को मिल रहा है. सड़कों पर जगह के अनुपात में गाड़ियों की संख्या कहीं ज्यादा है. ऐसे में यदि किसी की गाड़ी में दूसरे की गाड़ी जरा सी छू भर जाए, तो मारपीट की नौबत आ जाती है. आये दिन आप सड़क पर ऐसे होते देखते होंगे. सड़क जाम से पैदा हुई झुंझलाहट में भी कई बार झगड़े-फसाद के हालात बन जाते हैं. जाम होने पर आप जल्दबाजी न मचाएं और किसी और की गाड़ी यदि आपकी गाड़ी से छू जाए तो उसे टालने की आदत डाले. क्योंकि कोई जान-बूझकर ऐसा नहीं करता.
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मांफी मांगना सीखिए
यदि आपकी गाड़ी किसी से गलती से टकरा जाये तो दूसरे पक्ष से मांफी मांगने में तनिक भी न झिझके. यदि आप खुद मांफी मांग लेंगे तो दूसरा पक्ष भी शांत हो जायेगा. वैसे भी मांफी मांग लेने से कोई छोटा नहीं हो जाता पर समस्या अवश्य टल जाती है.
मांफ करना सीखे
यदि कोई आपकी गाड़ी को टक्कर मार दे और आपकी प्यारी गाड़ी को नुकसान पहुंच जाए तो आपना आपा न खोये और पहले मन को शांत करे. जब क्रोध नीचे पहुंच जाये तो दूसरी की गाड़ी के पास जाएं और उसको कोई चोट तो नहीं लगे अवश्य जाने और उसे ढंग से गाड़ी चलाने की सीख दें.
पुलिस की लें सहायता
दूसरा पक्ष उग्र होता जाये और शांत कराने पर भी शांत न हों, आपके मांफी का उस पर कोई असर न पड़े तो आप उससे कहे की हम पुलिस को बुला लेते हैं फिर जो उचित होगा वही किया जायेगा. पुलिस को तुरंत इन्फॉर्म करें.
अंत में सबसे खास बात यदि आप अपने गुस्से पर नियंत्रण नहीं कर पाते और छोटी -छोटी बातों पर अधिक क्रोधित हो जाते हैं तो मनोवैज्ञानिक डॉक्टर से अवश्य सलाह लें और गुस्से पर काबू पाने के लिए योग और मैडिटेशन का सहारा लें.