फास्ट लाइफ के चलते आज लोग हेल्थ कॉन्शियस होते हुए भी इस ओर ध्यान नहीं दे पाते कि ब्रेकफस्ट उनकी सेहत के लिए कितना जरूरी है। खाली पेट ऑफिस पहुंचकर चाय-कॉफी की चुस्कियां लेना अच्छा तो बहुत लगता है, लेकिन बाद में एसिडिटी के कारण लंच करने का मन ही नहीं होता। साथ ही गर्मी के कारण डाइजेशन की प्रॉब्लम।
समय पर नाश्ता या भोजन न कर पाना अपने आपमें एक बडी बीमारी है। हाइपरटेंशन, डायबिटीज या हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या इन्हीं सब कारणों से शुरू होती है। योगाचार्या प्रतिष्ठा शर्मा के अनुसार हेल्दी लाइफ के लिए आहार सबसे अहम होता है। लेकिन अकसर हम जरूरत से ज्यादा खाते हैं और वह चीजें भी खाते हैं, जिनकी हमारे शरीर को जरूरत नहीं होती। हम स्वाद पर अधिक ध्यान देते हैं, न कि पौष्टिक गुणों पर। जब हमें फलों और सब्जियों के रस की आवश्यकता होती है, तब हम कोल्ड ड्रिंक्स और अन्य जंक फूड की तरफ आकर्षित हो जाते हैं। यही बीमारी का कारण है। इसलिए डिटॉक्सीफिकेशन बहुत जरूरी है। नैचरोपैथी के हिसाब से हमें ताजी कुदरती चीजें-जैसे फल, सब्जियों का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए।
शरीर को डिटॉक्सीफाई करने के लिए खास किस्म का आहार भी जरूरी होता है। हमदर्द लैबोरेटरी के हकीम मोहम्मद तारिक के मुताबिक, मनुष्य का स्वास्थ्य टॉक्सिन के स्तरों से प्रभावित होता है। यूनानी चिकित्सा पद्धति के अनुसार शरीर को नुकसानदेह टॉक्सिन सब्सटेंस से बचाना व लीवर को दुरुस्त बनाना ही डिटॉक्सीफिकेशन होता है। लीवर शरीर का एक ऐसा प्रमुख अंग है जो तमाम आंतरिक क्रियाओं को नियंत्रित और संतुलित रखने का काम करता है। लीवर शरीर में फिल्टर की तरह काम करता है, इसलिए उसका दुरुस्त होना बेहद जरूरी है। यहां दिए गए आसान कुदरती उपायों को अपनाकर आप लीवर को नुकसानदेह टॉक्सिन से बचा सकते हैं।
1. पपीते के 10 ग्राम बीज को पीस लें। उसमें 10 बूंद नीबू का रस मिलाकर दिन में दो बार पीने से लीवर दुरुस्त रहता है।
2. मेटाबॉलिज्म सिस्टम को सही रखने के लिए सौंफ, नारियल और मिश्री की बराबर मात्रा लेकर पेस्ट बनाकर भोजन करने के आधा घंटे बाद नियमित रूप से खाएं।
3. गेहूं की बाली के जूस में विटमिन, कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन और अमीनो एसिड पाया जाता है जो एक बेहतरीन प्राकृतिक लीवर डिटॉक्सीफायर है।
4. गन्ने का रस लीवर के फंक्शन को दुरुस्त रखता है। इसमें कुदरती तौर पर अल्कालाइन होता है, जो शरीर में एसिड स्तर को निम्न रखने में मदद करता है। यह कमजोर लोगों के लिए रिवाइटलाइजिंग एजेंट है।
5. फाइबरयुक्त आहार सबसे जरूरी है। ब्राउन राइस और ताजे फल-सब्जियां-मूली, आर्टीचोक और ब्रॉक्ली बेहतरीन डिटॉक्सीफाइंग फूड हैं।
6. गहरी सांस लें ताकि पर्याप्त ऑक्सीजन शरीर में जा सके।
7. त्वचा पर ड्राई ब्रश चलाएं या डिटॉक्सीफाइंग पैचेस लगाएं। इसके अलावा डिटॉक्स फुट स्पा या डिटॉक्स फुट बाथ लें।
Read More Articles on Sports and Fitness in Hindi