स्‍ट्रेप थ्रोट से इस तरह बचायें अपना गला

स्ट्रेप गला- यह स्ट्रेप जीवाणु से होने वाला गले का संक्रमण है। यह जीवाणु स्ट्रेप से पीडि़त किसी व्यक्ति की नाक या गले से गिरने वाली तरल बूंदों से फैलता है।
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स्‍ट्रेप थ्रोट से इस तरह बचायें अपना गला

स्ट्रेप गला एक तरह से स्ट्रेप जीवाणु से होने वाला गले का संक्रमण है। यह जीवाणु स्ट्रेप से पीडि़त किसी व्यक्ति की नाक या गले से गिरने वाली तरल बूंदों से फैलता है। सर्दी के मौसम में यह काफी तेजी से फैलता है। जब लोग एक-साथ भीतर रहते हैं। स्ट्रेप गले से पीड़ित किसी व्यक्ति के साथ 2 से 7 दिनों तक रहने के बाद यह स्वयस्थम व्यक्ति को भी प्रभावित कर सकता है।

 Strep throat

स्ट्रेप गले के लक्षण

 

  • 100.5° फारेनहाइट या 38° सेल्सियस से अधिक बुख़ार
  • कपकपी
  • गले में दर्द
  • निगलने में कठिनाई
  • गर्दन में सूजन
  • सांस लेने में परेशानी
  • शरीर में पीड़ा
  • भूख न लगना
  • मितली या उलटी
  • पेट में दर्द
  • टॉन्सिल और गले का पिछला भाग लाल या सूजा हुआ दिखाई दे सकता है और इसमें मवाद के सफेद या पीले धब्बों के साथ बिन्दु हो सकते हैं। स्ट्रेप संक्रमण के कुछ गिने-चुने मामले एक ऐसा विश उत्पन्न कर सकते हैं जिससे आपके शरीर के ऊपर एक चमकदार लाल त्वचा ददोरा हो जाता है। इस ददोरे को लोहितज्वगर कहा जाता है।

 

 

आपकी देखभाल

 

  • यदि आपमें स्ट्रेप गले के लक्षण हों तो अपने चिकित्सक से मुलाकात करें। आपका चिकित्सक लालिमा, सूजन और सफेद या पीले धब्बों के लिए आपके गले के पिछले भाग  की जांच करेगा। स्ट्रेप जीवाणु की जांच करने के लिए आपके गले के पिछले भाग पर फाहा लगाने से स्ट्रेप का शीघ्र परीक्षण किया जा सकता है। परिणाम अक्सर 10 मिनटों के भीतर प्राप्त हो जाते हैं।
  • यदि आपका परिणाम यह प्रकट करता है कि आपको स्ट्रेप गला है, तो आपका एन्टीबायोटिक दवा के साथ उपचार किया जाएगा । इसे एक-बारगी शॉट के रूप में या घर में ली जाने वाली गोलियों के रूप में दिया जा सकता है। आपको आदेश के अनुसार सारी गोलियाँ लेनी चाहिए।
  • आप प्रतिजैविक उपचार के 24 घंटों के बाद और जब आपको बुखार न रहे, तब अपने काम पर या विद्यालय में लौट सकते हैं।
  • 24 घंटो तक एंटिबायटिक लेने के बाद अपना दाँतों का ब्रश बदल दें।
  • बहुत अधिक तरल पदार्थ पिएं।
  • प्रतिदिन कम से कम एक बार अपना बुखार चैक करें। बुखार का उपचार अपने चिकित्सक के आदेशों के अनुसार करें।
  • गिलासों या कपों का आदान-प्रदान न करें, दूसरे व्यक्तियों की प्लेटों में खाना न खाएं या दूसरे व्यक्तियों का भोजन न करें।
  • खांसते या छींकते समय अपना मुंह ढंक लें।
  • खांसने, छींकने या अपनी नाक साफ करने के बाद अपने हाथ धो लें।

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