विटामिन डी एकमात्र ऐसा विटामिन होता है जो सूर्य की रोशनी से प्राप्त किया जाता है। यह शरीर के विकास, हड्डियों के विकास और स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है और धूप के संपर्क में आने पर त्वचा इसका निर्माण करने लगती है। विटामिन डी शरीर में कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करता है, जो तंत्रिका तंत्र की कार्य प्रणाली और हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। शरीर में विटामिन डी की उचित मात्रा उच्च रक्तचाप के खतरे को कम करता है। लेकिन हाल में हुए एक अध्ययन के अनुसार, विटामिन डी प्रोस्टेट कैंसर के संभावना को कम करने या कैंसर के कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में कुछ हद तक मदद करता है।
प्रोस्टेट कैंसर
प्रोस्टेट पुरूष के प्रजनन अंग का एक बाहरी ग्लैंड है। प्रोस्टेट ग्लैंड सीमेन और स्पर्म को सुरक्षित रखने वाले फ़्ल्यूइड बनाने के अलावा यूरीन को कंट्रोल करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रोस्टेट होने के असली कारणों का पता अभी तक नहीं चल पाया है लेकिन कुछ कारण हैं जो कैंसर के इस प्रकार के लिए जोखिम कारक हैं। धूम्रपान, मोटापा, सेक्स के दौरान फैला वायरस या फिर शारीरिक शिथिलता यानी की व्यायाम न करना प्रोस्टेट कैंसर का कारण हो सकता है।
शोध के अनुसार
सर्जरी या लेजर ट्रीटमेंट के बिना विटामिन डी की खुराक से लो-ग्रेड प्रोस्टेट को कम या खत्म किया जा सकता है। मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैरोलिना के ब्रुस होलिस ने कहा, हम अभी पूरे भरोसे के साथ यह तो नहीं कह सकते कि विटामिन डी प्रोस्टेट कैंसर को जड़ से ही मिटा देता है, मगर बचाव जरूर करता है। बढ़ने नहीं देता है। होलिस ने कहा, यह लो-ग्रेड प्रॉस्टेट कैंसर को बैलिस्टिक होने से रोकता है।
ये निष्कर्ष डेनवर में हुई अमेरिकन केमिकल सोसाइटी (एसीएस) की 294वीं बैठक और प्रदर्शनी में प्रस्तुत किए गए। एक व्यक्ति को सर्जरी के जरिए प्रॉस्टेट ग्रंथि के सभी अवयव निकलवाने से पहले, बायोप्सी के बाद 60 तक इंतजार करना चाहिए, ताकि बयोप्सी के कारण हुआ सूजन कम हो सके। होलिस ने कहा कि अगर इन 60 दिनों की अवधि के दौरान इन लोगों को विटामिन डी की खुराकें दी जाएं, तो प्रॉस्टेट कैंसर पर इसका असर पड़ेगा। होलिस की टीम ने एक नए यादृच्छिक, नियंत्रित नैदानिक परीक्षण में 37 ऐसे पुरुषों को शामिल किया, जिन्हें लो-ग्रेड प्रॉस्टेट कैंसर था।
निष्कर्ष
इन लोगों को दो समूहों को विभाजित कर दिया गया, इनमें से एक समूह को हर दिन विटामिन डी की खुराक दी गई और दूसरे समूह को नहीं दी गई। 60 दिन बाद इन दोनों समूहों के पुरुषों की प्रॉस्टेट ग्रंथियां निकाली गईं और इनका परीक्षण किया गया। शोध के शुरुआती परिणाम दर्शाते हैं कि जिन लोगों ने विटामिन डी की खुराक खाई थी, उनके प्रॉस्टेट ट्यूमर में सुधार हुआ, जबकि विटामिन डी की खुराक नहीं पाने वाले पुरुषों की प्रॉस्टेट ग्रंथि या तो वैसी ही थी, या उसकी हालत और खराब हो गई थी।
होलिस ने बताया, ‘कैंसर, खासतौर से प्रोस्टेट ग्रंथि के कैंसर का संबंध सूजन से होता है।’ और विटामिन डी ग्रंथि के अंदर की सूजन से लड़ता है।’ इस तरह से विटामिन डी प्रोस्टेट कैंसर को बढ़ने नहीं देता।
Image Courtesy : Getty Images
Read More Articles on Prostate Cancer in Hindi
Read Next
क्या नया पैप स्मीयर है टैंपून
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version