दुनिया में हर तीसरा व्यक्ति अपने जीवनकाल में कभी न कभी अनिद्रा अर्थात नींद न आने की समस्या का शिकार होता है, जिसे इनसोमनिया कहा जाता है। आमतौर पर एक व्यस्क इंसान को सात से आठ घंटे की आरामदायक नींद जरूर लेनी चाहिये, लेकिन जब वह ऐसा नहीं कर पता है तो उसे कई समस्याओं जैसे, तनाव, थकान और चिड़चिड़ापन आदि होने लगते हैं। इसके अलावा नींद की कमी से डायबिटीज, दिल की बीमारी, उच्च रक्तचाप आदि गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। कैफीन और एल्कोहल का अधिक सेवन, शाम को भारी कसरत, ज्यादा तैलीय भोजन का सेवन आदि भी अनिद्रा का कारण हो सकते हैं। हांलाकि यदि कुछ बातों का खयाल रखा जाए तो इस समस्या से बचाव हो सकता है। तो चलिये जानें इनसोमनिया से निपटने के कुछ आसान व कारगर तरीके क्या हैं।
इनसोमनिया के लक्षण व कारण
अगर आपको लंबे समय से नींद नहीं आती तो यह समस्या इनसोमनिया हो सकती है। हार्मोन परिवर्तन, दबाव, मानसिक असंतुलन और ड्रग्स लेने आदि के कारण पर्याप्त और अच्छी नींद नहीं मिल पाती है। नींद न आने की ये बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन बढ़ती उम्र के साथ यह समस्या बढ़ती जाती है। इनसोमनिया के लक्षण में नींद नहीं आना, खर्राटे लेना, देर से नींद आना, नींद आने के बाद भी बार-बार जागना, नींद में चलना आदि शामिल होते हैं। लेकिन घबराएं नहीं, संतुलित भोजन, जीवन शैली में कुछ परिवर्तन और जड़ी-बूटियों के सेवन से आप इसका इलाज किया जा सकता है।
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इनसोमनिया से निपटने के तरीके
- कैफिन ड्रिंक्स जैसे कॉफी, चाय, सोड़ा आदि के सेवन से शरीर में एड्रेनालिन पहुंचता है जो नींद में बाधा उत्पन्न करता है। इसलिये इनका सेवन करने से बचें।
- खाने में अधिक नमक का इस्तेमाल करना भी इनसोमनिया का कारण बनता है। तो सीमित मात्रा में ही नमक का सेवन करें।
- विटामिन बी की कमी भी इनसोमनिया और सामान्य तनाव के लक्षण से जुड़ा पाया गया है। इसलिये रात के खाने में विटामिन बी वाले पदार्थो को शामिल करें। रात के भोजन में मछली या चिकन भी ले सकते हैं, क्योंकि इनमें विटामिन बी-3 प्रचुर मात्रा में होता है।
- इस समस्या में सोने से पहले एक गिलास गरम दूध काफी मददगार हो सकता है, क्योंकि दूध में एमीनोएसिड-ट्रायप्टोफान होता है जो आराम की नींद लाने में मदद करता है।
- शरीर में मैग्नीशियम की कमी घबराहट पैदा करती है जिस कारण से भी नींद नहीं आती। इसलिए गेहूं, मूंगफली समेत मैग्नीशियम तत्व वाले पदार्थो को अपने भोजन में शामिल करें।
- रोज मेडिटेट करें, अपनी पंसद का संगीत सुनें, अपने बेडरूम से इलैक्ट्रोनिक उपकरणों को थोड़ा दूर रखें और गर्म तेल से सिर की मसाज करें। प्राणायाम, मकरासन और शवासन का आदि का भी अभ्यास किया करें।
- आयुर्वेद के मुताबिक वात इनसोमनिया का कारण होता है। ब्राह्मी, अश्वगंधा और जटामंसी आदि इस समस्या में फायदेमंद हो सकती हैं।
नींद की बीमारी में डॉक्टर की सलाह लेने के साथ-साथ अच्छा खाना और जीवन शैली में परिवर्तन भी आपकी खोई हुई नींद वापस लाने में मददगार हो सकते हैं। लेकिन इस समस्या के इलाज के तौर पर नींद की गोलियां लेना खतरनाक हो सकता है।
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