स्वाद ही नहीं, मसाले में प्रयोग होने वाली ज्यादातर चीजों में कई तरह की बीमारियों से लड़ने के आयुर्वेदिक गुण होते हैं। दालचीनी का प्रयोग भी भारतीय खानों में स्वाद और सुगंध के लिए मसाले के रूप में किया जाता है। दालचीनी कई गंभीर रोगों से बचाने के साथ-साथ एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल गुण भी रखती है। दूध में भी ढेर सारे पौष्टिक तत्व और प्रोटीन होते हैं, जो अपने आप में स्वास्थ्यवर्धक होता है। ऐसे में अगर दूध में हम दालचीनी जैसी गुणकारी चीज मिला देते हैं, तो इसका लाभ कई गुना बढ़ जाता है। आज हम आपको बता रहे हैं दालचीनी वाला दूध पीने के फायदे।
गठिया और हड्डी में दर्द के लिए
दालचीनी में दर्द खत्म करने का भी अद्भुत गुण होता है इसलिए इस दूध को पीने से हड्डी के दर्द में राहत मिलती है। इसके अलावा ये दूध हड्डियों को पोषण भी देता है जिससे गठिया, ऑस्टियोपोरोसिस जैसे रोग धीरे-धीरे ठीक हो जाते हैं। दालचीनी और दूध के लगातार सेवन से हड्डियों का घनत्व भी बढ़ता है। इसे बनाने के लिए एक ग्लास दूध में एक चम्मच दालचीनी का पाउडर और एक चम्मच शहद मिलाएं और रोज सोने से पहले पिेयें।
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कैंसर जैसे गंभीर रोग से बचाव
सभी मसालों और हर्ब्स में से सबसे ज्यादा एंटीऑक्सिडेंट्स दालचीनी में पाई जाती हैं इसलिए इसके सेवन से कई गंभीर बीमारियां दूर रहती हैं। दालचीनी आपको कैंसर जैसे गंभीर रोग से बचाती है और आप पर बढ़ती उम्र का असर धीरे-धीरे होता है। दालचीनी के प्रयोग से डीएनए डैमेज, सेल म्यूटेशन और कैंसर ट्यूमर का बढ़ना रुक जाता है इसलिए कैंसर आपको नहीं होता है और अगर कैंसर पहले से है तो बढ़ना रुक जाता है।
दिल की बीमारियों से बचाव
दालचीनी के सेवन से दिल की बीमारियां और हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी ठीक होती है। दालचीनी वाले दूध के नियमित प्रयोग से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है और गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती है। इसके अलावा दालचीनी ब्लड प्रेशर और इंटरनल ब्लीडिंग को भी ठीक करती है क्योंकि इसके प्रयोग से रक्त के थक्के नहीं जमते हैं औऱ टिशूज को खुद को रिपेयर करने की ताकत मिलती है।
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डायबिटीज से बचाव का सस्ता उपाय
दालचीनी में डायबिटीज से बचाव के भी गुण होते हैं। इसके सेवन से ब्लड शुगर का लेवल कम होता है और ये हार्मोन इंसुलिन को भी ठीक रखता है। दरअसल ग्लूकोज के हमारे खून में घुलने के लिए एक तरह के एंजाइम जिम्मेदार होते हैं जिन्हें एलानाइन कहा जाता है। दालचीनी के सेवन से ये एंजाइम खत्म हो जाते हैं और ब्लड में ग्लूकोज का लेवल घटने लगता है।
दिमाग की बीमारियों से बचाता है
दालचीनी में ढेर सारे एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं और इनमें से कई दिमाग संबंधी बीमारियों जैसे पार्किन्सन और अल्जाइमर से आपको बचाते हैं। दालचीनी न्यूरोलॉजिकल डिसआर्डर से बचाती है क्योंकि इसके सेवन से न्यूरो प्रोटेक्टिव प्रोटीन सक्रिय होते हैं। दालचीनी में दर्द और सूजन खत्म करने के भी गुण होते हैं इसलिए ये ब्रेन सेल्स में सूजन और ब्रेन ट्यूमर जैसी बीमारियों से भी बचाता है।
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