फ्लू ज्यादातर सर्दियों में होने वाला एक संक्रामक रोग है। इसे इंफ्लूएन्जा नाम से भी जाना जाता है। यह एक श्वसन संक्रमण है जो इंफ्लूएन्जा वायरस से होता है। ये संक्रमण विशिष्ट रूप से हवा या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सीधे संपर्क से फैलता है। इंफ्लूएन्जा वायरस अति संक्रामक होता है। इस वायरस के सबसे आम प्रकार ए और बी हैं। अधिकांश लोगों को अपने जीवन के दौरान कई बार फ्लू के संक्रमण होते हैं। लेकिन क्या आप फ्लू के प्रकारों के बारे में जानते हैं, अगर नहीं तो आइए इस आर्टिकल के माध्यम से जानकारी लेते हैं।
मौसमी फ्लू
वायरस के माध्यम से फैलने वाली श्वास संबंधी बीमारी को मौसमी फ्लू कहते है। इस रोग में गला, नाक, श्वासनली व फेफडे प्रभावित होते हैं। गले में खराश, बुखार, नाक का बहना एवं थकान इस बीमारी के लक्षण हैं। आमतौर पर मौसमी फ्लू एक सप्ताह के भीतर ठीक हो जाता है लेकिन अगर इस बीमारी की अवधि लंबी हो जाए तो आपको डॉक्टर की सलाह से एंटीबायोटिक दवाएं लेनी पड सकती हैं।
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H1N1 फ्लू
H1N1 फ्लू या स्वाइन फ्लू एक घातक वायरस है, जो सुअरों से फैलता है। स्वाइन फ्लू दरअसल सुअरों के बुखार को कहते हैं। यह उनकी सांस से जुड़ी बीमारी है। यह बीमारी जुकाम से जुड़े एक वायरस से पैदा होती है। संक्रमित सूअरों के साथ रहने वाले व्यक्ति स्वाइन फ्लू की चपेट में आ सकते हैं तथा आगे चलकर वे व्यक्ति अन्य लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। इस फ्लू को फैलाने वाले वायरस का नाम H1N1 है। इस बीमारी में गला श्वासनली, फेफडों के साथ पेट व आंतों को भी नुकसान हो सकता है।
बर्ड फ्लू
बर्ड फ्लू को एवियन फ्लू भी कहते है। यह संक्रामक रोग पक्षियों में होता है। इसकी शुरुआत पहले जंगली पक्षियों में होती है, फिर यह पालतु पक्षियों में और फिर इन पक्षियों के संपर्क में आने वाले आदमियों मे भी फैल जाता है। इसका कारक जीव एच 5 एन । अत्यन्त संक्रामक होता है। आरंभ में इसके लक्षण गले की खराश और श्वास नलिका के इन्फेक्शन से मिलते जुलते रहते हैं। लेकिन धीरे-धीरे फ्लू जैसे लक्षण यानी बुखार, मतली और प्रायः कंजस्टिवाइटिस विकसित होने लगता है।
इबोला
इबोला एक प्रकार का वायरस है। यह दुनिया भर के सबसे घातक वायरसों में से एक है। इससे सामान्य फ्लू के वायरस की तरह निपटा नहीं जा सकता। इबोला एक ऐसा रोग है जो मरीज के संपर्क में आने से फैलता है। अचानक बुखार आना, कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश और थकान इसके लक्षण है।
चिकनगुनिया
चिकनगुनिया एक तरह का बुखार है, जो वायरस से होता है। यह संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से होता है। ये एडीज मच्छर मुख्यत दिन के समय काटते हैं। इस रोग के लक्षण डेंगू बुखार से मिलते-जुलते होते हैं। चिकनगुनिया वायरस का संक्रमण एक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। बुखार, जोड़ों में गंभीर दर्द, ठंड लगना और सिर दर्द, अत्यधिक संवेदनशीलता, आंखों का संक्रमण, मांसपेशियों में दर्द, थकान, भूख की कमी, उल्टी और पेट में दर्द इस बीमारी के प्रारम्भिक लक्षण हैं।
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