थकान में भी आपको खरगोश सा चुस्त बनाएंगे ये वर्कआउट

थकान के बाद कुछ करने का मन नहीं करता है, लेकिन कई ऐसे व्‍यायाम हैं जिनको करने के बाद आप खुद को खरगोश सा चुस्‍त बना सकते हैं, इस लेख में विस्‍तार से जानें।
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थकान में भी आपको खरगोश सा चुस्त बनाएंगे ये वर्कआउट

दिन भर की भाग-दौड़ और काम के बाद शाम होते-होते न सिर्फ शरीर थक जाता है बल्कि दिमाग़ भी थकने लगता है। जिसके चलते रात को न तो कुछ खाने का मन करता है और न ही किसी से बात करने का, इसके बाद नींद भी ठीक से नहीं आती। रोज़ ऐसा होने पर धीरे-धीरे काम भी एक बोझ बनता जाता है। लेकिन अगर हम आपको कुछ ऐसे एक्सरसाइज बताएं जिन्हें करने पर थके होने के बावजूद भी आप खुद को खरगोश सा चुस्त पाएं तो कैसा हो। जी हां, हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे एक्सरसाइज जो न सिर्फ आपके शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं, बल्कि आपकी थकान व सुस्ती को भी छूमंतर कर देते हैं।

चलिये थोड़ी एरोबिक्स हो जाए

शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए एरोबिक्स एक बेहत लोकप्रिय और कारगर एक्सरसाइज है। एरोबिक एक्सरसाइज एक वैज्ञानिक शैली है। एरोबिक शब्द एयर से बना है, जिसका वैज्ञानिक अर्थ है 'शरीर में आक्सीजन की अधिक मात्रा यानी शुध्द हवा को श्वास के जरिए शरीर में पहुंचाना'। एरोबिक्स करने से जब आक्सीजन की ज्यादा मात्रा शरीर में पहुंचती है तो इससे ब्लड प्रेशर सामन्य हो जाता है। दिल की असामान्य धड़कनें रेग्युलेट होती हैं और फेफड़े मजबूत होते हैं। साथ ही किसी भी प्रकार का मानसिक तनाव भी दूर होता है। आप इसके लिये डांस को चुन सकते हैं।

 

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स्विमिंग से बेहतर भला क्या है

स्विमिंग में असाधारण गुण यह है कि यह जमीन पर किये जाने वाले एक्सरसाइज की तुलना में शरीर के लिए अधिक सुविधाजनक और फायदेमंद है। साथ ही ये एक कमाल की फन एक्टिविटी भी है। हवा की तुलना में पानी का अधिक घनत्व होता है और जमीन पर एक्सरसाइज करने के बनिस्पद स्विमिंग से मांसपेशियों को अधिक बलपूर्वक काम करना होता है। अन्य किस्म की एरोबिक गतिविधियों (दौड़ने, टेनिस या एरोबिक क्लास) के विपरीत स्विमिंग में एक ही समय में शरीर के सभी हिस्सों - निचले एवं उपरी हिस्सों के अंगों की मांसपेशियों का इस्तेमाल होता है। साथ ही ठंडा-ठंडा पानी दिन की सारी सुस्ती और थकान छू कर देता है और आप फिर से तरोताज़ा महसूस करते हैं।

आइये थोड़े पैडल मार लें

साइकलिंग एक बेहद प्रभावशाली और मज़ेदार एरोबिक एक्सरसाइज होती है। रोज़ाना साइकलिंग करने से सांस संबंधी समस्या भी ठीक होती है। इससे दिल की बीमारी, हाई ब्लडप्रेशर, डायबिटीज व मोटापे के रोगियों को आराम मिलता है। साइकलिंग से ‘स्ट्रेंथ को-ऑर्डिनेशन’ बनता है व वेट-मैनेजमेंट में सहायता मिलती है। वहीं दूसरी ओर साइकलिंग और कमाल का शौक है जो आपको न सिर्फ फिट और तरोजाता बनाता है, बल्कि आपके आत्मविश्वास को भी बढ़ता है। यकीन मानिये ये बेहद मज़ेदार है, साइकलिंग से मूड सुधरता है। मैं खुद साइकलिंग और स्विमिंग के फायदे महसूस कर चुका हूं।

तो चलिये आज से ही अपनी दिचर्या में इन सकारात्मक और लाभदायक शौक शामिल करते हैं और एक फुर्तीली और माज़ेदार जिंदगी का अनुभव करते हैं। इससे आपको वाकई 'आम के आम और गुठलियों के दाम' कहावत सच होती लगेगी।   


Image Source - Getty Images


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