क्‍या स्‍वास्‍थ्‍य के लिए नुकसानदेह हो सकती है स्‍वीमिंग

तैराकी एक अच्‍छा व्‍यायाम है, लेकिन क्‍या अधिक तैराकी से तैराको के स्वस्थ्य का खतरा हो सकता है। पूल में उतरने से पहले इस बात का पता लगा लीजिए कि पानी लगातार फिल्टर हो रहा है या नहीं, उस के क्लोरिनेशन का क्या इंतजाम है। ऎसा न होने पर उसमें कई तरह के संक्रमाणों की आशंका हो जाती है।
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क्‍या स्‍वास्‍थ्‍य के लिए नुकसानदेह हो सकती है स्‍वीमिंग


तैराकी परिसंचरण तंत्र के लिए एक बहुत बढ़िया कसरत होती है, लेकिन तैराको को स्वस्थ्य का जोखिम रहता है क्योंकि स्वीमिंग पूल में जो पानी होता है उसमे क्लोरीन की मात्रा बहुत होती है ।इस के साथ क्लोरीन के अत्याधिक संपर्क में आने से कैंसर का भी जोखिम बढ़ जाता है और इसी के साथ नवजात शिशुओ में जन्म से सम्बन्धित रोग होने की भी संभावना बढ़ जाती है ।शोधको ने बताया है की स्वीमिंग पूल  में क्लोरीन की मात्रा अनुमत सीमा से बहुत ज्यादा होती है। इसी वजह से क्लोरीन से सम्बन्धित उपफल जैसे की क्लोरोएसितिक एसिड एचएए का अत्याधिक श्रवण होता है ।जो की स्वीमिंग पूल के पानी में मिली हुई अशुद्धता से रसायनिक प्रतिक्रया करती हैं।

क्या कहता है शोध

इस शोध के लिए 41 तैराको से मूत्र के नमूने लिए गए (दोनों व्य्सको से और बच्चों से ) और स्वीमिंग पूल के आस पास के कर्मचारियों की जांच की गयी जिसमे की उनमे एचएए की मात्रा नापी गयी  ।यह देखा गया की एचएए व्यक्ति की मूत्र में क्लोरीन के संपर्क में आने के 30 मिनट बाद आ जाता है और यह शरीर से कुछ ही घंटो में निकल जाता है। पर एचएए बच्चों को ज्यादा प्रभावित करता है और उनमे ये संभवित स्वस्थ्य रोग कर सकता है। इससे ज्यादा रोचक बात यह है की एक तैराक एक शरीर में एचएए की मात्रा मुख्य रूप से स्वीमिंग पूल के पानी के मुख के द्वारा अंदर जाने से होती है और फिर उसके बाद संपर्क में आने से होती है ।हालाँकि पूल में काम कर रहे कार्यकर्त्ता में भी शरीर में एचएए की मात्र होती है पर यह मात्रा तैराको की तुलना में बहुत कम होती है।यह दशा बहुत ही अजीब हो जाती है क्योंकि क्लोरीन का प्रयोग पानी से अशुद्धता हटाने के लिए किया जाता है पर उसके उपफल स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक होते हैं। तैराको को पूल के पानी के द्वारा होने वाले स्वास्थ्य जोखिम के बारे में सावधान होने की ज़रूरत नहीं है । शोधक यह कहते हैं की अभी और अध्ययनों की ज़रूरत है जो की क्लोरीन के स्वीमिंग पूल के पानी में होने के बुरे प्रभाव के बारे में पुख्ता सबूत दे सके ।

 

 

कौन लोग न करें तैराकी

अस्थमा, मिर्गी या त्वचा संबंधी बीमारियों वाले लोगों को तैराकी नहीं कॉमन पूल में नहीं जाना चाहिये। इससे न सिर्फ उनको बल्कि दूसरों को भी संक्रमण हो सकते है। यदि फिर स्विमिंग करना चाहते हैं तो अपने डाक्टर को जरूर इस बारे में बताएं, जिससे वह आपको तैराकी के दौरान सचेत रहने वाली बातों के बारे में बता सकें।



क्या कहते हैं एक्सपर्ट

एक्सपर्ट कहते हैं कि तैराकी बहुत अच्छी चीज है, लेकिन इसके लिए बहुत जरूरी है कि आप स्वस्थ हों। लापरवाही आपके लिए ही नुकसानदायक हो सकती है। किसी तरह की बीमारी आदि होने पर दूसरों के लिए भी आप परेशानी न बनें और यह भी महत्वपूर्ण है कि उन मानकों पर भी जरूर ध्यान दें कि जो जरूरी हैं और किसी भी स्वीमिंग पूल में अपनाए जाने चाहिए।


पूल में उतरने से पहले इस बात का पता लगा लीजिए कि पानी लगातार फिल्टर हो रहा है या नहीं, उस के क्लोरिनेशन का क्या इंतजाम है। ऎसा न होने पर उसमें कई तरह के संक्रमाणों की आशंका हो जाती है। पानी ठीक से छना हुआ हो और उस की कीटाणुरहित रखने के लिए क्लोरीन का यूज किया गया हो, तभी वह आप के लिए सुरक्षित माना जा सकता है।



स्विंग के समय कभी-कभी थोडा पानी मुंह में चला जाता है। उसके पेट में जाने से संक्रमण हो सकता है। पीलिया, टायफाइड, अतिसार और पेट दर्द जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं। हालांकि इनडोर और ढके हुए स्विमिंग पूल में इसकी संभावना कम होती है। स्वीमिंग पूल चुनते समय सबसे पहले यह जरूर देख लें कि वहां अनुशासन हो। कुछ बातों का विशेष खायाल रखें, जैसे क्या स्वीमिंग पूल स्वास्थ्य के अनुकूल है, पानी की नियमित साफ-सफाई व रखरखाव हो रहा है या नहीं आदि। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि वहां एक बेहतर कोच और लाइफ गार्ड की व्यवस्था हो। पहले शरीर की मेडिकल जांच कराएं, तभी तैराकी करने जाएं।

 

Image Source- Getty Images


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