डायबिटीज के रोगियों के लिए एक अच्छी खबर है। जी हां, इलाज का एक ऐसा नए तरीके की खोज की गई है जिससे डायबिटीज के रोगियों को चोट लगने पर उनके जख्म भर जाएंगे। उनके अंग काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दरअसल, डायबिटीज के रोगियों को अक्सर पैरों पर जख्म होते रहते हैं जिसे खराब रक्त संचार के कारण ठीक करना लगभग मुश्किल ही होता है। इन घावों से होने वाले गंभीर संक्रमण की हालत में व्यक्ति का संक्रमित अंग काटना पड़ जाता है ताकि बाकी अंगों को संक्रमण से बचाया जा सके। यह अध्ययन जर्नल ऑफ डर्मेटोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।
अगर डायबिटीज के मरीज हैं, तो बाहर के खाने को कहें 'नो'
कनाडा में यूनिवर्सिटी ऑफ मांट्रियल हॉस्पिटल रिसर्च सेन्टर में न्यूरोलॉजिस्ट ज्यां फ्रांस्वा केलेर के मुताबिक, इस तरह के उपचार से हम जख्मों को भरने और मधुमेह रोगी को होने वाले जख्मों को भरने में कामयाब हो सकते हैं। हम अंग विच्छेद से बच सकते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, हमने एक ऐसा तरीका ईजाद किया है जिससे कुछ खास श्वेत रक्त कोशिकाओं में बदलाव किया जा सकता है और उन्हें त्वचा संबंधी जख्मों को तेजी से भरने में सक्षम बनाया जा सकता है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह जानी पहचानी बात है कि वाइट ब्लड सेल्स यानी श्वेत रक्त कोशिकाएं जख्मों को भरने की सामान्य प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाती हैं। इन श्वेत कोशिकाओं को कोशिकीय स्वच्छ प्रक्रियाओं में महारत होती है और ये उतकों की मरम्मत के लिए आवश्यक होती है।
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