गर्भावस्‍था की तीसरी तिमाही में दर्द और अनिद्रा से कैसे बचें

गर्भावस्‍था की तीसरी तिमाही दर्द और अनिद्रा की समस्‍या बहुत आम होती है, अगर आप भी इस समस्‍या से परेशान है तो यहां दिये उपाय और सुझाव आपके लिए मददगार हो सकते हैं।
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गर्भावस्‍था की तीसरी तिमाही में दर्द और अनिद्रा से कैसे बचें

गर्भावस्‍था एक ऐसा समय है जब गर्भवती को पहले से कहीं ज्‍यादा सुखद नींद की आवश्‍यकता होती है, लेकिन इन नौ महीनों के दौरान दर्द और अन्‍य समस्‍याओं के चलते अच्‍छी नींद पाना पहले से कहीं ज्‍यादा कठिन हो जाता है, खासतौर पर गर्भावस्‍था की तीसरी तिमाही में तो यह बिल्‍कुल भी संभव नहीं हो पाता। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप इस दौरान हमेशा दर्द और अनिद्रा से परेशान रहें क्‍योंकि बहुत सारे उपाय और सुझाव आपको जरूरी आराम पाने में मदद कर सकते है। आइए गर्भावस्‍था की तीसरी तिमाही में दर्द और अनिद्रा से बचने के उपायों के बारे में जानें।
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गर्भावस्‍था में होने वाले दर्द और बचाव

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के दौरान दर्द बहुत आम है। गर्भावस्‍था के दौरान वजन और गर्भावस्‍था हार्मोंन के प्रभाव के कारण शरीर बहुत ज्‍यादा तनाव में रहता है। पीठ, कमर, नितंबों, कूल्हे, जांघ और योनि में दर्द गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में महिलाओं की सबसे आम चिंता में से एक है। इस तरह के दर्द को कम करने के लिए दर्द के कारणों के बारे में जानना बहुत जरूरी होता है।


कमर के निचले हिस्‍से और कूल्‍हे में दर्द

गर्भावस्‍था के दौरान यूटरस बड़ा और भारी हो जाता है। जी हां आमतौर पर गर्भावस्था के समय महिलाओं का वजन बढ़ता है। बढ़े हुए वजन का प्रभाव मांसपेशियों और मुख्य रूप से कमर की हडि्डयों पर होता है। जिससे कमर और हिप में दर्द होने लगता है। पीठ और कूल्‍हे के दर्द को बेहतर बनाने का सबसे अच्‍छा तरीका एक्‍सरसाइज है। दर्द को कम करने के लिए पीठ और पेट को बेहतर स्थिति में रखें। इसके अलावा गुनगुने पानी से सिकाई को दूर किया जा सकता है।


साइटिका

कमर से संबंधित नसों में से अगर किसी एक में भी सूजन आ जाए तो पूरे पैर में असहनीय दर्द होने लगता है, इसे साइटिका का दर्द कहते है। यह दर्द रीढ़ की हड्डी से शुरू होकर टांगों के निचले हिस्‍से तक जाता है। गर्भावस्था में, बढ़े हुए गर्भाशय के तंत्रिका पर दबाव के कारया यह समस्‍या होती है। आप साइटिका के दर्द को हीट थेरेपी और दर्द की विपरीत दिशा में सोकर कम कर सकते हैं।


योनि में दर्द

गर्भाशय ग्रीवा के जल्‍दी (प्रसव से पहले घंटे, दिन, या सप्ताह) चौड़ा होने की स्थिति में योनि में तेज दर्द का अनुभव होने लगता है। हालांकि इसे लेकर बहुत ज्‍यादा चिंता करने की जरूरत नहीं हैं, लेकिन यह बात आपको अपनी डॉक्‍टर को बतानी चाहिए। अगर आपको योनि या पेट के निचले हिस्‍से में तेज दर्द महसूस हो रहा है, तो तुरंत अपने डॉक्‍टर से संपर्क करें।


गर्भावस्‍था में अनिद्रा की समस्‍या और बचाव के उपाय

 

यदि गर्भावस्‍था की तीसरी तिमाही में आपको अनिद्रा की समस्‍या हो रही हैं, तो हो सकता है कि आप दुनिया में अपने बच्चे के प्रवेश के बारे में सोच रहे हो। या फिर बड़े पेट के कारण आपको आरामदायक स्थिति नहीं मिल पा रही हो। फिटल मूवमेंट और मांसपेशियों में ऐंठन से नींद में खलल पड़ सकता है। हालांकि यह सामान्‍य बात है, लेकिन आम रात की अच्‍छी नींद के लिए इन उपायों को अपना सकती है।

  • पीठ के बल सोने की बजाय, साइड करवट से सोये। पेट के वजन का संतुलित करने के लिए अपने पेट के नीचे और पैरों के बीच में एक तकिया रखें।
  • सोने से पहले एक कप गर्म दूध या गर्म पानी से स्‍नान करें।
  • बिस्‍तर पर जाने से पहले हल्‍की एक्‍सरसाइज करें।
  • रात का खाना धीरे-धीरे खाये।
  • सोने की दिनचर्या बनाये।
  • अपने श्‍वासों पर ध्‍यान दें।
  • अपने दिमाग पर ज्‍यादा दबाव न लें।
  • सोने से पहले तरल पदार्थो का सेवन सीमित करें, क्‍योंकि बार-बार बाथरूम जाने से नींद में खलल पैदा हो सकती है।
  • कैफीन के सेवन से बचें।
  • डॉक्‍टर की मंजूरी के बिना किसी भी दवा को न लें।
  • समय पर ध्‍यान न दें।

चिंता न करें, क्‍योंकि अनिद्रा आपके बच्‍चे को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा सकती है।

इस लेख से संबंधित किसी प्रकार के सवाल या सुझाव के लिए आप यहां पोस्‍ट/कमेंट कर सकते हैं।

Image Source : Getty
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