'अर्ली टु बेड, अर्ली टु राइज़... यह नर्सरी टाइम पढ़ी तो हर स्टूडेंट ने है पर इसमें दी गई सीख को अपनी डे टु डे लाइफ में फॉलो कर पाना सबके लिए मुमकिन नहीं है। अकसर देर रात तक पढ़ाई, गपशप या पार्टी करना यंगस्टर्स के डेली रूटीन में शामिल होता है, जिसकी वजह से उनकी ईटिंग हैबिट्स भी बदल जाती हैं। मिड नाइट फूड क्रेविंग को बैचलर्स से बेहतर कौन समझ सकता है! देर रात तक जगते रहने के कारण उनका ऑड टाइम्स में भूख लगना स्वाभाविक है। न तो हर किसी को आधी रात को बाहर जाकर कुछ खाने की परमीशन मिल पाती है, न ही हर जगह के ईटिंग जॉइंट्स उस समय तक खुले रहते हैं। देर रात हेवी मील्स लेने के बजाय कुछ ऐसे लाइट स्नैक्स लेने चाहिए, जिनसे आपके स्लीप हॉर्मोंस को ऐक्टिवेट होने में मदद मिल सके। अगर अकसर कुछ हलका-फुल्का खाने का मन करता हो तो यह लिस्ट आपके लिए है।
शरीर में इस एक चीज की कमी के चलते हो सकती हैं ये 10 परेशानियां
अखरोट : इन्हें नींद बढ़ाने वाले हॉर्मोन ट्रिप्टोफैन का बेहतरीन सोर्स माना जाता है। मुट्ठी भर अखरोट खाने से पेट तो भरता ही है, नींद भी जल्दी आ जाती है।
बादाम : अच्छी और गहरी नींद के लिए डाइट में मैग्नीशियम को शामिल करना बहुत ज़रूरी होता है। बादाम का सेवन आपकी इस मिनरल की ज़रूरत को पूरा करता है।
डेरी प्रोडक्ट्स : चीज़, दही, दूध आदि में पाए जाने वाले कैल्शियम से दिमाग ट्रिप्टोफैन का बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर पाता है। अकसर लोग सोने से पहले इन चीज़ों का सेवन करते हैं।
चेरी जूस : हालांकि, इसके बारे में पूरी निश्चितता से नहीं कहा जा सकता पर जो लोग इसका सेवन करते हैं, उन्होंने अपनी नींद के समय और क्वॉलिटी में सुधार महसूस किया है।
होल ग्रेन टोस्ट विद आमंड बटर : एक टेबलस्पून आमंड बटर में मैग्नीशियम का अच्छा डोज़ पाया जाता है। शरीर में इसकी कमी से नींद आने में दिक्कत होने के साथ ही मसल क्रैंप्स की समस्या भी हो सकती है।
सीरियल : इस स्नैक में अच्छी नींद के लिए ज़रूरी माने जाने वाले दो तत्व पाए जाते हैं, कार्बोहाइड्रेट (सीरियल से मिलता है) और कैल्शियम (दूध से मिलता है)।
कैमोमाइल टी : कुछ लोगों का मानना है कि चाय पीने के बाद उनकी नींद गायब हो जाती है, जबकि कैमोमाइल चाय पीने से ग्लाइसिन नामक केमिकल की बढ़ोतरी होती है, जिससे नव्र्स और मसल्स रिलैक्स होते हैं। यह हलके सेडेटिव की तरह काम करती है।
शहद : इसमें मौज़ूद प्राकृतिक चीनी बॉडी में इंसुलिन की मात्रा को थोड़ा बढ़ा देती है, जिससे ट्रिप्टोफैन आसानी से दिमा$ग तक पहुंच कर अपना काम कर पाता है।
जिंजर टी विद ड्राइड डेट्स : स्लीप एक्सपट्र्स सोने से पहले चाय पीने को एक तरह का स्लीपिंग अलार्म मानते हैं। एक निश्चित समय पर चाय पीने से दिमाग को भी आभास हो जाता है कि अब सोने का समय हो गया है। उसके साथ ड्राई फ्रूट्स लेना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। इनके अलावा मसाला पॉपकॉन्र्स को भी नाइट फूड आइटम्स की लिस्ट में शामिल किया जा सकता है।
नोट : ट्रिप्टोफैन एक नींद बढ़ाने वाला अमीनो एसिड है।
लेखिका : दीपाली पोरवाल
इनपुट्स : भावना शर्मा, डाइटीशियन एग्जि़क्यूटिव, कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल, पटियाला
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