
दुनियाभर में हर साल करीब 750 अरब डॉलर का खाना खराब हो जाता है। इस खाने से भारी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड निकलती है, जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है। पर्यावरण प्रदूषण से जुड़े इस तथ्य का खुलासा वैश्विक स्तर पर जारी एक रिपोर्ट में हुआ है।
संयुक्त राष्ट्र कृषि एवं खाद्य संगठन की तरफ से फूड वेस्टेज फुटप्रिंट-इंपैक्ट ऑन रिसोर्सेस नाम से जारी की गई रिपोर्ट में खराब भोजन से आर्थिक नुकसान के साथ ही जलवायु, भूमि और जैव विविधता पर पड़ने वाले असर के बारे में बताया गया है।
यह अपनी तरह का पहला अध्ययन है। इसके अनुसार विश्व में हर साल डेढ़ अरब टन खाद्य सामग्री खराब हो जाती है। इस सामग्री में से 3.30 अरब टन कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकल कर वायुमंडल को प्रदूषित करती है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि खराब खाद्य सामग्री के निपटारे के लिए पानी की व्यापक खपत होती है।
यह पानी रूस की वोल्गा नदी में पूरे साल बहने वाले पानी के बराबर है। खराब हुई कुल खाद्य सामग्री में से 54 प्रतिशत हिस्सा उत्पादन, कटाई, छंटाई और भंडारण के दौरान नष्ट हो जाता है और शेष 46 प्रतिशत हिस्सा प्रसंस्करण, वितरण और उपभोग के दौरान खराब होता है।
संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन के महानिदेशक जोसी ग्राजियानो डिसिल्वा ने कहा है कि खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव की जरूरत है।
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