वर्तमान समय में वर्कआउट को चाहे लोगों का शौक कह लें या फिर जरूरत दोनों ही संदर्भों में वर्कआउट का महत्व है। भागदौड़ भरी जिंदगी, अनियमित खानपान और भागदौड़ भरी जिंदगी के चलते लोगों में पेट के साथ ही कई अन्य तरह की भी बीमारियां हो रही हैं। ऐसे में वर्कआउट करना बहुत जरूरी हो गया है। बिजी शड्यूल के चलते लोगों के पास वर्कआउट करने के सही समय का अभाव रहता है। ऐसे में लोग जब समय मिलता है तब वर्कआउट कर लेते हैं। कुछ लोग हमेशा इस कंनफ्यूजन में रहते हैं कि खाली पेट वर्कआउट करने के फायदे होते हैं या नुकसान! आज हम आपको बता रहे हैं कि खाली पेट वर्कआउट करने के क्या फायदे होते हैं।
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फैट ज्यादा बर्न होता है
खाली पेट वर्कआउट करने का सबसे बड़ा फायदा फैट बर्न होता है। भूखे पेट एक्सरसाइज करने से ज्यादा वजन कम होता है। जबकि भरे पेट नहीं हो पाता है। ज्यादा कठिन वर्कआउट करने के लिए हमें ऊर्जा शरीर में मौजूद कार्बोहाइड्रेट और ग्लाइकोजिन से मिलती है। यदि शरीर में ग्लाइकोजिन का स्टोरेज नहीं है तो शरीर यह ऊर्जा फैट से लेगा जिससे फैट ज्यादा बर्न होगा।
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वजन नहीं बढ़ता
जो लोग बढ़ते वजन से परेशान हैं उनके लिए खाली पेट वर्कआउट करना बहुत अच्छा आॅप्शन है। खाली पेट वर्कआउट करने से वजन तेजी से घटता है। इसके साथ ही चेहरे पर निखार भी आता है। इसका कारण है कि हमारा फैट बर्निंग प्रोसैस सिंपेथिक नर्वस सिस्टम (एसएनएस) द्वारा कंट्रोल किया जाता है, और यह एसएनएस, एक्सरसाइज और पेट खाली होने पर एक्टिव होता है। भूखे पेट व्यायाम करने से सेलुलर फ़ैक्टर्स और कैटेलिस्ट का असर बढ़ जाता है, इससे ऊर्जा के लिए फैट और ग्लाइकोजिन का ज्यादा इस्तेमाल होता है।
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इंसुलिन नियंत्रित रहता है
आजकल के दौर में लोग भारी संख्या में डायबिटीज के मरीज हैैं। क्योंकि यह बीमारी लाइफस्टाइल से जुड़ी हुई है और आजकल लोगों का लाइफस्टाइल बहुत बिगड़ा हुआ है। खाली पेट वर्कआउट करने से इंसुलिन नियंत्रित रहता है। अगर इंसुलित नियंत्रित रहेगा तो व्यक्ति का डायबिटीज भी नॉर्मल रहेगा। इसलिए ना सिर्फ डायबिटीज के मरीजों को बल्कि आम व्यक्ति को भी खाली पेट वर्कआउट करने की कोशिश करनी चाहिए।
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