बालों को रंगना फैशन का हिस्सा बन गया है, बाजार में कई प्रकार के हेयर कलर आ रहे हैं जैसे परमानेंट,सेमी - परमानेंट और टेम्परेरी हेयर कलर। इनका चुनाव करते समय हमें कई बातों का ध्यान रखना चाहिए।
आजकल सिर्फ यंग दिखने के लिए ही नहीं, फैशनेबल दिखने के लिए भी लोग हेयर कलरिंग का इस्तेमाल करने लगे हैं। पहले सफेद बालों को छुपाने के लिए लोग हेयर डाई करवाते थे, पर अब ट्रेंड बदल गया है। शौकिया तौर पर अब लड़कियां बाल रंगवा रही हैं। बाजार में बालों को रंगने वाले कई प्रोडक्ट हैं, जिनका दावा भी अलग-अलग है। पर इन दावों पर जाने के बजाय आप खुद ही इनको जांचें और परखें।
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हेयर कलर करवाना युवाओं से लेकर उम्रदराज लोगों सबमें प्रचलित है। अच्छी क्वालिटी और कॉम्प्लेक्शन के मुताबिक लड़कियां कलर कराना पसंद कर रही हैं। वहीं दूसरी ओर महिलाएं जागरूक भी हो रही हैं। वे किसी फिल्मी सतारे की नकल से नहीं बल्कि अपने व्यवसाय और व्यक्तित्व के हिसाब से हेयर कलरिंग कराती हैं। हेयर कलर सामान्यतः तीन प्रकार का होता है, पहला पर्मानेंट, दूसरा सेमी-पर्मानेंट और तीसरा टेम्पररी। पर्मानेंट हेयर कलर में ऐसा नहीं है कि यह रंग हमेशा आपके बालों पर रहेगा बल्कि बालों के कटने या बढ़ने दोनों सूरत में कलर चला जाता है और आप दूसरा कलर लगा सकते हैं। इस कलर का खर्च लगभग ढ़ाई से पांच हजार रुपए तक होता है। यह खर्च कलरिंग के ब्रांड व दुकान के हिसाब से अलग- अलग भी होता है।
स्थायी हेयर कलर के नुकसान
बालों को रंगने या मनचाहा रंग पाने के लिए आजकल पर्मानेंट हेयर डाइ के तरह-तरह के ब्रांड्स बाजारों में उपलब्ध हैं लेकिन इनके उपयोग के खामियाजों का भी पता लगा है।
कैंसर का खतरा
कुछ शोधों में इनसे कैंसर का संबंध माना है तो कुछ शोधों में गाढ़े रंग के पर्मानेंट हेयर डाइ से महिलाओं में ल्यूकेमिया या लिम्फोमा जैसे रोग हो सकते हैं। हालांकि इनके प्रभावों को लेकर कुछ शोधों में इन्हें नकारा भी गया है पर चिकित्सकों की राय है कि कम से कम गर्भवती महिलाएं ऐसे हेयर डाइ का इस्तेमाल डॉक्टरी परामर्श के बिना ना ही करें।
डॉक्टरों के अनुसार परमानेंट हेयर कलर करवाने वालों को बाद में त्वचा संबंधी दिक्कतों सामना करना पड़ता है। इसलिए यदि हेयर कलर करवाना भी हो तो परमानेंट के बजाय टेम्परेरी कलर करवाएँ तो बेहतर है। परमानेंट हेयर कलर इस्तेमाल करना नुकसानदेह होता है। इसमें क्योंकि कई कैमिकल होते हैं, जिससे बाल सफेद जल्दी हो जाते हैं। यदि हेयर कलर इस्तेमाल करना भी हो तो परमानेंट के बजाय टेम्परेरी होना चाहिए।
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परमानेंट हेयर कलर में अधिक मात्रा में अमोनिया होता है। जो बालों को सफेद करने के अलावा उनकी कोमलता खत्म कर देता है। इसके इस्तेमाल से कम उम्र में ही युवाओं के बाल अधिक झड़ने का खतरा हो जाता है। इसलिए जहां सम्भव हो परमानेंट हेयर कलर के इस्तेमाल से बचना चाहिए। कहीं शौक के चक्कर में सिर के बाल न गंवाने पड़ें।
स्थायी हेयर कलर के नुकसान के रूप में बालों का झड़ना, बालों का सफेद होना, सांस लेने में दिक्कत, गले में कफ जमना, सर्दी-जुकाम, त्वचा में जलन, एलर्जी, आँखें लाल होना, खुजली आदि समस्याएं हो सकती हैं। इन स मस्याओं से बचने के लिए आप चाहें तो बाजार में बिकने वाले हेयर डाइ की जगह प्राकृतिक हेयर डाइ खुद बना सकते हैं।
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