इंसान का शरीर हर पल और हर उम्र में बदलता रहता है। इस बदलाव के अनुसार इंसान को अपने खान-पान में भी बदलाव करना जरूरी होता है। क्योंकि हम जो खाते हैं, उसका प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि आहार संतुलित हो। सर्वोत्तम आहार जंकफूड रहित होता है और आप इसमें फलों को शामिल करने पर यह और अधिक स्वास्थ्यवर्द्धक हो जाता है। आहार के मामले में आमतौर पर हमारी आदत अनियमित होती है। जिसका हमारी सेहत पर दुष्प्रभाव पड़ता है। सेहत के अनुसार हर इंसान के खानपान की जरूरतें अलग होती हैं। आइए जानें अलग-अलग उम्र में सेहत के कैसा हो आहार।

बच्चों के लिए आहार
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- बच्चों के खाने में हमेशा 5 तरह के खाद्य पदार्थों को शामिल करें। इनमें दूध एवं दूध से बनी चीजें, अन्न एवं दालें, फल एवं सब्जियों आदि का होना बेहद जरूरी है।
- यदि बच्चा दूध पीने में आनाकानी करता है तो आप दूध में अलग-अलग फ्लेवर के पाउडर मिलाकर मिल्क शेक बनाकर अलग-अलग प्रकार से उसे दूध पीने के लिऐ प्रेरित कर सकते हैं।
- बच्चों को अलग-अलग फलों के जूस देने चाहिए यदि बच्चा जूस नहीं पीता तो उन्हें फल खिलाएं।
- बच्चें को कुछ भी खिलाते समय ध्यान रहें कि बच्चे का आहार पौष्टिक हो और उसमें विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, खनिज, आयरन और तमाम मिनरल्स शामिल हो।
युवावस्था में आहार
- युवावस्था ऐसी अवस्था है जब सबसे ज्यादा विटामिन, कैलोरी, मिनरल्स और प्रोटीन की जरूरत होती है।
- युवावस्था में संतुलित भोजन करते हुए भोजन में अनाज और अंकुरित चने, दाल, इत्यादि को शामिल करना चाहिए।
- आमतौर पर युवा जंकफूड के शौकीन होते है। लेकिन अच्छी सेहत के लिए जंकफूड को छोड़ना चाहिए।
- सेहत बनाने के लिए जरूरी है कि तैलीय पदार्थों को कम किया जाए और तरल पदार्थों को बढ़ाया जाए।
- युवाओं को अपने आहार में फल, दूध, दही, छाछ तथा अंकुरित अन्न की मात्रा अधिक करनी चाहिए।
- इसके अलावा युवाओं को सूप, शहद, मेवे इत्यादि भी अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
वृद्धावस्था में आहार
- वरिष्ठ नागरिकों को बढ़ती उम्र में बहुत ही संतुलित और हल्के आहार लेना चाहिए।
- वृद्धावस्था में बीमारियों का होना स्वाभाविक है। इस पड़ाव पर स्वास्थ्य समस्याएं व्यक्ति को परेशान करने लगती हैं। ऐसे में बीमारियों को ध्यान में रखते हुए आहार लेना चाहिए।
- ऐसी उम्र में पालक, बथुआ, चौराई, टमाटर, केला, संतरा, अंकुरित अनाज और दालें, चोकरयुक्त आटे की रोटी, रेशेदार फल और सब्जियां, पपीता, नाशपाती, बींस, बंदगोभी, राजमा, लोबिया, मेथी, लो फैट मिल्क, दही और पनीर को भी अपने भोजन में नियमित रूप से शामिल करें।
- कहने का अर्थ है वृद्धावस्था में रेशेदार, फाइबरयुक्त फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
- नमक , घी-तेल, मक्खन और मैदे से बनी चीजें, ज्यादा चाय-कॉफी, एल्कोहॉल और रेड मीट का सेवन सीमित मात्रा में या फिर बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
संतुलित आहार शरीर का निर्माण ही नहीं करता, बल्कि इसका उचित चुनाव औषधि का काम करके हमें रोगों से बचाता है। स्वस्थ-रोगमुक्त रहने के लिए अच्छे आहार के साथ हमारा रहन-सहन, व्यवहार, आचरण भी उपयुक्त होना आवश्यक है।
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