डायबिटीज आज हर पांच में से एक व्यक्ति को होती है। हालांकि एक समय था जब डायबिटीज 40 की उम्र पार कर चुके लोगों को होती थी लेकिन आजकल डायबिटीज बहुत आम बीमारी हो गई है। इतना ही नहीं इस बीमारी के उपचार के लिए भी बहुत से साधन उपलब्ध है, जिन्हें आप घर पर भी प्रयोग कर सकते हैं। इतना ही नहीं डायबिटीज जांच के लिए भी ऐसे प्रोडक्ट मौजूद हैं जिससे आप आसानी से पता लगा सकते हैं कि आपका शुगर लेवल कितना है और शुगर बढ़ी है या नहीं। आमतौर पर डायबिटीज का डायगनोसिस करने के कई अलग-अलग फंडे हैं लेकिन उसके लिए आपको पता होना चाहिए कि आपको डायगनोस कब करना है और कब नहीं। आमतौर पर डायबिटीज का डायगनोस करने के लिए खाली पेट और खाने के दौ घंटे का भी ध्यान रखा जाता है। आइए जानें कैसे करें डायबिटीज का डायगनोस।
- डायबिटीज से पीडि़त व्याक्ति का ब्लड शुगर लेवल लगातार घटता-बढ़ता रहता है। लेकिन समस्या तब आती है जब इस लेवल के घटने-बढ़ने से मरीज को अधिक समस्या होने लगती है।
- मरीज का शुगर लेवल के घटने-बढ़ने की स्थिति मरीज के लाइफ स्टाइल, खानपान इत्यादि पर बहुत निर्भर करती है।
- यदि आपके घर में कोई डायबिटीज से पीडि़त है, खासकर आपके माता-पिता, तो आपको डायबिटीज होने की आशंका अधिक होगी। ऐसे में आपको नियमित रूप से आपको अपना ब्लड शुगर लेवल चैक करना चाहिए। इसके लिए आप घर में भी ग्लूकोमीटर लाकर अपना ब्लड शुगर लेवल चैक कर सकते हैं।
- शुगर लेवल चैक करने के लिए आप पीपी-फास्टिंग दोनों ही तरह से अपना शुगर लेवल चैक कर सकते हैं। फास्टिंग टेस्ट के दौरान आपको खाली पेट शुगर चैक करनी होगी। फास्टिंग का अर्थ है आप कम से कम आठ-नौ घंटे खाली पेट रहें। यदि खाली पेट शुगर टेस्ट में आपका शुगर लेवल 70 से 100 एमजी के बीच है जो आपकी शुगर ठीक है लेकिन शुगर लेवल इससे अधिक है तो आपकी शुगर लेवल बढ़ना शुरू हो गया है।
- पीपी टेस्ट के दौरान आप खाना खाने के डेढ़ से दो घंटे बाद अपना शुगर लेवल टेस्ट कर सकते हैं। इस टेस्ट के दौरान यदि आपका शुगर लेवल 100 से 140 एमजी के बीच है तो आपकी डायबिटीज नियंत्रण में है लेकिन यदि इससे अधिक है तो आपकी यह डायबिटीज की पहली स्टेज है।
- इसके अलावा भी डायबिटीज डायगनोस करने का तरीका है। आप लैब में भी टेस्ट करवा सकते हैं। यहां आपका ब्लड इंजेक्शन से लेकर शुगर लेवल चैक किया जाता है। हालांकि ये प्रोसेस थोड़ा लंबा होता है और इसकी रिपोर्ट भी आपको तुरंत नहीं मिलती।
- खाली पेट शुगर जांच आप किसी भी दिन कर सकते हैं। हालांकि खाना खाने के दो-तीन घंटे बाद कभी भी आप पीपी यानी प्लाजमा ग्लुकोज की जांच करवा सकते हैं।
- इन सबके अलावा एक डायबिटीज डायगनोस करने का एक तरीका और होता है और वह है ओरल ग्लुकोज़ टोलरेंस टेस्ट। इस जांच के दौरान टेस्ट से पहले करीब 2 घंटे पहले करीब 75 ग्राम एनहाइड्रस ग्लुकोज़ को पानी में मिला कर पीना होता है तभी सही शुगर लेवल की जांच की जा सकती है।
- इस तरह से आप ग्लूकोमीटर की मदद लें या फिर लैब में टेस्ट करवाएं लेकिन आप नियमित जांच करवाकर डायबिटीज को डायगनोस कर सकते हैं। नियमित का अर्थ यह नहीं कि आप प्रतिदिन जांच करवाएं बल्कि आप एक से दो सप्ताह या फिर हर महीने भी ये टेस्ट कर सकते हैं।
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