इनसान खुद अपने ही हाथों अपनी सेहत बिगाड़ने में लगा है। न खाने का वक्त, न सोने का ठिकाना और न करसत करना और न ही टहलने जाना। अपनी इन्हीं खराब आदतों के चलते इनसान कम उम्र में ही हृदयाघात जैसी समस्याओं का शिकार हो रहा है। हृदयाघात, स्ट्रोंक जैसी बढ़ती हृदय की समस्याएं हमारी बदलती जीवनशैली की ही देन हैं। आज युवाओं में हृदयाघात जैसी समस् होना कोई आश्चर्य की बात नहीं। खान-पान की गलत आदतों से लेकर हमारी आराम तलब जीवनशैली तक इन बीमारियों का कारण है। लेकिन बदलते समय के साथ चलना हमेशा से ही समझदारी माना गया है। इसलिए अच्छा होगा आप सजग हो जाएं और अपना खयाल रखें। हृदय से जुड़ी कुछ कुछ समस्याओं से कारण और उनसे बचने के रास्तों के बारे में बता रहे हैं एस्कॉर्ट अस्पताल के कार्डियोलाजिस्ट डॉक्टर प्रवीन अग्रवाल -
एक स्वस्थ व्यक्ति को हृदय की समस्याओं से बचने के लिए क्या करना चाहिए?
आज अधिकतर ऑफिस की इमारतें बहुमंजि़ला हैं। लोग इसके लिए सीढि़यों की बजाय लिफ्ट का प्रयोग करते हैं। इससे वे थोड़ा-बहुत व्यायाम करने का मौका भी गवां देते हैं। अगर संभव हो तो हमें सीढि़यों का ही इस्तेमाल करना चाहिए।
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हृदयाघात के लक्षण क्या हैं?
हृदयाघात के लक्षण सामान्य से तीव्र हो सकते हैं- जैसे: हृदय के आसपास अत्यंत दबाव महसूस करना, सीने में जकड़न महसूस होना, किसी प्रकार की बेचैनी या गैस का अनुभव करना।
आजीवन स्व्स्थ रहने के लिए क्या करना चाहिए?
सबसे महर्त्वपूर्ण बात है गतिशील बनें। मादक पदार्थों का सेवन ना करें। धूम्रपान छो़ड़ें, डायबिटीज़, हाइपरटेंशन और कॉलेस्ट्रोल के स्तर को नियंत्रित रखें।
अपनी जीवनशैली में किस प्रकार का सुधार लाएं?
जिम जाएं, जॉगिंग करें और जितना हो सके चलने का प्रयास करें। आपके घर या ऑफिस के आसपास जिम जैसी सुविधाएं तो होंगी ही, उनका लाभ उठाएं।
आहार के प्रति कैसा होना चाहिए हमारा रवैया?
संतुलित आहार लें। ऑफिस की पैंट्री या होटल का खाना कम से कम खायें। जितना हो सके संतुलित आहार का सेवन करें।
कुछ सामान्य बातों को ध्यान में रखकर आप स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं। तो आज ही शपत लीजिये की जीवनशैली में सभी जरूरी बदलावन कर आप अपने दिल का पूरा खयाल रखेंगे ताकी ये आपका पूरा खयाल रख पाए।
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