ब्रेन अटैक के होते हैं ये सामान्य लक्षण, एफएएसटी करें और बचाएं जान

सर्दियों के मौसम में स्ट्रोक (ब्रेन अटैक) के मामले अन्य ऋतुओं की तुलना में कहीं ज्यादा बढ़ जाते हैं।
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ब्रेन अटैक के होते हैं ये सामान्य लक्षण, एफएएसटी करें और बचाएं जान

सर्दियों के मौसम में स्ट्रोक (ब्रेन अटैक) के मामले अन्य ऋतुओं की तुलना में कहीं ज्यादा बढ़ जाते हैं। लापरवाही बरतने पर यह मेडिकल कंडीशन जानलेवा हो सकती है, लेकिन कुछ सावधानियां बरतकर जहां स्ट्रोक से बचा जा सकता है, वहीं समय रहते इस रोग का अब कारगर इलाज भी संभव है। मस्तिष्क के किसी भाग में रक्त की आपूर्ति बाधित होने या गंभीर रूप से कम होने के कारण स्ट्रोक (ब्रेन अटैक) होता है। स्ट्रोक के कारण मस्तिष्क के टिश्यूज में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी होने पर कुछ ही मिनटों में, मस्तिष्क की कोशिकाएं मृत होने लगती हैं। स्ट्रोक होने पर जल्द से जल्द समुचित उपचार करने पर मस्तिष्क की क्षति और संभावित जटिलताओं को कम किया जा सकता है।

ऐसे पहचानें

  • बोलने और समझने में दिक्कत। आवाज में लड़खड़ाहट हो सकती है या किसी की बात को समझने में दिक्कत हो सकती है।
  • चेहरे, हाथ या पैर में कमजोरी या इनका सुन्न होना। विशेष रूप से शरीर के एक तरफ के चेहरे, हाथ या पैर में अचानक सुन्नपन या कमजोरी महसूस होना।
  • एक या दोनों आंखों से देखने में दिक्कत महसूस करना। आपको अचानक एक या दोनों आंखों से धुंधला या काला दिख सकता है या एक का दो दिख सकता है।
  • अचानक तेज सिर दर्द हो सकता है और इसके साथ ही उल्टी, चक्कर आना या बेहोशी हो सकती है।
  • चलने में परेशानी। ज्यादा चलते समय अचानक लड़खड़ना।

'फास्ट' का आशय समझें

अगर आप स्ट्रोक के किसी संकेत या लक्षण को महसूस कर रहे हैं, तो समय गंवाएं बगैर आप के अलावा परिजनों या प्रियजनों को एफएएसटी (फास्ट) के बारे में सोचना चाहिए और फिर कार्य करना चाहिए। 'एफएएसटी' का आशय है..

एफ - फेस (चेहरा): व्यक्ति को मुस्कराने के लिए कहें। क्या उसके चेहरे का एक हिस्सा लटक रहा है।

ए - आर्म (बांह): व्यक्ति को दोनों बांहों को उठाने को कहें। क्या एक हाथ गिर जा रहा है। क्या व्यक्ति हाथों को ऊपर उठाने में असमर्थ है।

एस - स्पीच (बोलना): व्यक्ति को कोई एक साधारण वाक्य को दोहराने के लिए कहें। क्या उसकी आवाज में लड़खड़ाहट है या वह अजीब तरीके से बोलता है।

टी - टाइम (समय): अगर आपको इनमें से कोई लक्षण प्रकट हों, तो तुरंत ऐसे अस्पताल में संपर्क करें, जहां पर न्यूरोलॉजिस्ट व न्यूरो सर्जन उपलब्ध हों।

स्ट्रोक के प्रकार

लगभग 85 प्रतिशत स्ट्रोक इस्कीमिक स्ट्रोक होते हैं। शेष 15 प्रतिशत स्ट्रोक ब्रेन हेमरेज के कारण होते हैं। ब्रेन हेमरेज का एक प्रमुख कारण हाई ब्लडप्रेशर है। इस्कीमिक स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क की धमनियां संकरी या अवरुद्ध हो जाती हैं,जिससे रक्त प्रवाह में अत्यधिक कमी हो जाती है। इसे इस्कीमिया कहा जाता है। इस्कीमिक स्ट्रोक के अंतर्गत थ्रॉम्बोटिक स्ट्रोक को शामिल किया जाता है। जब मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों में से किसी एक में रक्त का थक्का (थ्रॉम्बस) बनता है तो थ्रॉम्बोटिक स्ट्रोक पड़ता है। यह थक्का धमनियों में वसा के जमाव (प्लॉक) के कारण होता है जिसके कारण रक्त प्रवाह में बाधा आ जाती है। इस स्थिति को एथेरोस्क्लीरोसिस कहा जाता है।

एम्बोलिक स्ट्रोक

मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति करने वाली किसी एक धमनी में मस्तिष्क से दूर किसी अन्य अंग, आम तौर पर आपके हृदय में रक्त के थक्के (थ्रॉम्बस) बनते हैं, जो रक्त प्रवाह के साथ बहकर मस्तिष्क की रक्त धमनी को संकरा बना देता है। इस तरह के रक्त के थक्के को एम्बोलस कहा जाता है।

ट्रान्जिएन्ट इस्कीमिक अटैक

टीआईए: इस्कीमिक अटैक (टीआईए) को मिनी स्ट्रोक के रूप में भी जाना जाता है। इसमें कम समय के लिए उसी तरह के लक्षण होते हैं, जिस तरह के लक्षण स्ट्रोक के समय होते हैं। मस्तिष्क के किसी हिस्से में थोड़े समय के लिए रक्त आपूर्ति में कमी होने पर टीआईए की स्थिति उत्पन्न होती, जो पांच मिनट से भी कम समय तक रहती है। अगर किसी व्यक्ति को टीआईए हुआ है, तो इसका मतलब यह है कि मस्तिष्क या हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली कोई धमनी आंशिक तौर पर अवरुद्ध हुई है या धमनी संकरी हुई है।

डॉ.सोनिया लाल गुप्ता न्यूरोलॉजिस्ट

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