राजमा में होते हैं उम्र के प्रभाव को कम करने वाले एंटीऑक्सिडेंट्स

राजमा में मौजूद प्रोटीज नामक तत्व कैंसर से लड़ने और उम्र के प्रभाव को कम करने में सक्षम है। इसमें मौजूद विटामिन ए आपको जवां बनाए रखने में मदद करता है।
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राजमा में होते हैं उम्र के प्रभाव को कम करने वाले एंटीऑक्सिडेंट्स

राजमा गुणों की खान है क्योंकि इसमें ऐसे ढेर सारे गुण होते हैं जो आपके पूरे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। आमतौर पर लोगों को राजमा चावल बहुत पसंद होता है। आयरन और विटामिन्स से भरपूर राजमा में कई ऐसे एंटी एजिंग एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं। ये एंटीऑक्सिडेंट्स उम्र के प्रभाव को कम करते हैं। इसलिए अपने आहार में राजमा को शामिल करने से आप लंबे समय तक खूबसूरत और जवान दिख सकते हैं।

राजमा की सब्जी को बहुत से लोग रात में खाते हैं मगर आपको बता दें कि राजमा की प्रकृति बादी होती है। इसलिए इसे रात की बजाय दिन में खाना चाहिए। अगर राजमा को दिन में खाया जाए तो ये आपके शरीर को कई फायदे पहुंचा सकता है। आइये आपको बताते हैं राजमा खाने से आपके शरीर को क्या लाभ मिलते हैं।

रोकता है उम्र का प्रभाव

राजमा में लो फैट प्रोटीन होता है इसलिए ये दिल की बीमारियों के बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद प्रोटीज नामक तत्व कैंसर से लड़ने और उम्र के प्रभाव को कम करने में सक्षम है। राजमा में मौजूद विटामिन ए आपको जवां बनाए रखने में मदद करता है। ये बढ़ती उम्र की परेशानियों से बचाता है। हर रोज बीन्स के सेवन से आप खुद में जल्द ही बदलाव महसूस करेंगे।

होते हैं कई एंटीऑक्सिडेंट्स

राजमा का प्रयोग रूमेटिक, आर्थराइटिस तथा मूत्र मली में समस्या की दवा बनाने के लिए किया जाता है। राजमा में एन्टीआक्सीडेंट की मात्रा भी काफी होती है। एन्टीआक्सीडेंट शरीर में कोशिकाओं की मरम्मत के लिए अच्छा माना जाता है। साथ ही इसे खाने से बॉडी के टॉक्सिन्स दूर होते हैं और स्किन में निखार आता है।

कैंसर से बचाव

राजमा में फ्लेवोनॉइड्स के साथ-साथ केंपफ्रेरॉल और क्यूरेस्टिन होता है जो कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता हैं। शोधों के मुताबिक सप्ताह में तीन से चार बार राजमा का सेवन महिलाओं को स्तन कैंसर की समस्या से बचाता है। इसके साथ ही एक सीमित मात्रा में राजमा का सेवन करने से पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है और पेट से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा भी नहीं रहता है।

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प्रेगनेंसी में है फायदेमंद

गर्भावस्था के दौरान राजमा के सेवन से गर्भस्थ शिशु के हृदय के विकास सही ढंग से होता है। अध्ययन बताते हैं कि यह शिशु को अस्थमा से बचाने में भी सहायक है। इसलिए इसे गर्भवती महिला के आहार में राजमा शामिल करें। इसके अलावा ये स्किन में ग्लो भी लाता है।

मासिक धर्म की समस्याएं

राजमा में फैट्स और कोलेस्ट्रॉल कम होता है और यह फाइबर व प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। इसके नियमित सेवन से महिलाओं में पीरियड के दौरान होने वाली समस्या में काफी आराम मिलता है। मेनोपॉज के दौरान में इसका सेवन महिलाओं के लिए बहुत जरूरी है।

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डायबिटीज

राजमा का 'ग्लाइसेमिक इन्डेक्स' कम होता है। इसका अर्थ है कि जिस तरह से अन्य भोज्य पदार्थों से रक्त में शक्कर का स्तर बढ़ जाता है, राजमा खाने के बाद ऐसा नहीं होता। राजमा में मौजूद फाइबर रक्त में शक्कर का स्तर बनाए रखने में मदद करते हैं। इसके साथ ही इसमें कैल्शियम, मैंगनीज होता है जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं। इसमें मैग्नीशियम होता है जिससे दिल की बीमारियों से बचाव होता है।

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