गर्मियों में गलत खान-पान से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। बाजार में मिलने वाले फास्ट फूड्स और जंक फूड्स ज्यादातर हानिकारक पदार्थों से बने होते हैं। मैदे, तेल, सोडियम ग्लूटामेट आदि के प्रयोग से बाजार में बिकने वाले ज्यादातर फास्टफूड्स सेहत के लिहाज से बहुत नुकसानदायक होते हैं। इनको लगातार खाने से शरीर को कई तरह के रोगों का खतरा होता है। खासकर गर्मी में इन फूड्स का सेवन आपके लिए बहुत खतरनाक हो सकता है
गर्मी में कई बार पेट में मरोड़ उठने लगती है। खूब पेट दर्द देता है। इस पेट दर्द को कुछ लोग सामान्य दर्द मानकर नजरअंजदाज कर देते हैं या फिर गर्म पानी पीकर बैठ जाते हैं। गर्म पानी से थोड़ा आराम मिलता है तो सोचते हैं कि इलाज हो गया लेकिन ये इलाज कुछ समय के लिए ही होता है। क्योंकि गर्मी में होने वाले पेट दर्द का कारण सामान्य पेट दर्द नहीं होता बल्कि ये एमिबायोसिस या अमीबिक पेचिश के कारण होता है।
अमीबिक पेचिश पेट में अमीबा बनने को कहते हैं। अमीबा सामान्य तौर पर मल पर बनता है लेकिन कई बार ये पेट में बनने लगता है जो की पेट दर्द का कारण होता है।
एमीबायोसिस
अमीबिक पेचिश को मेडिकल लैंगवेज में एमिबायोसिस कहते हैं। यह बाहर के खाने से या चीनी व मैदा ज्यादा मात्रा में खाने से होता है। दरअसल इंसान के आंतों में दो प्रकार के बैक्टीरिया होते हैं- अच्छे और बूरे। जब हम गंदा या अनहेल्दी भोजन ज्यादा करते हैं तो आंत में उपस्थित अच्छे बैक्टीरिया मर जाते हैं और बूरे बैक्टीरिया के कारण पेट में अमीबिक पेचिश बनने लगते हैं जिससे की पेट दर्द की शिकायत होती है। गर्मी के मौसम में अमीबिक पेचिश की समस्या अधिक होती है।
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कितना सामान्य है ये अमीबिक पेचिश
अमीबिक पेचिश की समस्या भारत और विकासशील देशों में काफी सामान्य मानी जाती है। एक रिसर्च के अनुसार ये बात सामने आई है कि हर साल इसके कारण दुनिया में 70,000 लोगों की मृत्यु हो जाती है।
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ये हैं कारण
अमीबिक पेचिश का मुख्य कारण खुले में बिकने वाले स्ट्रीट फूड्स, फास्ट फूड्स, जंक फूड्स और ज्यादा तला-भुना खाना है। ये सभी फूड्स शरीर के लिए हानिकारक होते हैं क्योंकि इन्हें बनाने में साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है और खराब क्वालिटी की चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा अमीबिक पेचिश का मुख्य कारण दूषित पानी पीना या बासी खाना खाना है। किसी भी स्थिति में आपको 6 घंटे से ज्यादा देर का बना हुआ खाना नहीं खाना चाहिए। खाने के कभी भी दोबारा गर्म करके न खाएं क्योंकि कई आहारों में इसके कारण बैक्टीरिया बनने की प्रक्रिया तेज हो जाती है। चीनी और मैदे से बने फूड्स जैसे बिस्किट, टॉफी, नूडल्स और पिज्जा आदि के सेवन से भी ये समस्या हो सकती है।
रोग के शुरुआती लक्षण
- पेट फूलना
- पेट में मरोड़े उठना
- गैस की समस्या बनना
- पेट में असहनीय दर्द
- कब्ज की समस्या और मल करने में दर्द देना
- दुर्गंधयुक्त मल
अन्य लक्षण
- बुखार
- ठंड लगना
- पेट में मतली होना
- उल्टी होना
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कैसे करें उपचार
अमीबिक पेचिश से बचने के लिए डॉक्टर लोगों को एंटोबायोटिक कोर्स करवाते हैं। ये कोर्स छह से सात महीने का होता है। लेकिन इस स्थिति तक खुद को पहुंचने ना दें। इसके लिए बाहर का खाना पूरी तरह से बंद कर दें। ऐसे ही अन्य बातों का भी ख्याल रखना चाहिए।
- बाहर का खाना, खाना बंद करें।
- त्रिफला खाएं।
- लहसुन खाएं।
- आंवले और एलोवेरा का जूस पिएं।
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