इस लापरवाही से रणबीर कपूर को हो गया टायफाइड, जानें रोग के कारण और लक्षण

बॉलीवुड स्टार रणबीर कपूर इस समय टायफाइड से जूझ रहे हैं। डॉक्टर्स ने रणबीर को कुछ दिन आराम करने की सलाह दी है। इसकी वजह से रणबीर को अपनी फिल्म 'ब्रम्हास्त्र' की शूटिंग भी कैंसिल करनी पड़ी। टायफाइड एक तरह का संक्रामक बुखार होता है इसलिए ये एक से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलता है।
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इस लापरवाही से रणबीर कपूर को हो गया टायफाइड, जानें रोग के कारण और लक्षण

बॉलीवुड स्टार रणबीर कपूर इस समय टायफाइड से जूझ रहे हैं। डॉक्टर्स ने रणबीर को कुछ दिन आराम करने की सलाह दी है। इसकी वजह से रणबीर को अपनी फिल्म 'ब्रम्हास्त्र' की शूटिंग भी कैंसिल करनी पड़ी। टायफाइड एक तरह का संक्रामक बुखार होता है इसलिए ये एक से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलता है। आमतौर पर टायफाइड मौसम बदलने के दौरान हमारी ही कुछ गलतियों के कारण होता है। ऐसी ही गलती रणबीर कपूर ने भी की और अब उन्हें इस बीमारी से जूझना पड़ रहा है।

रणबीर ने कौन सी गलती

यूं तो मौसम बदलने के समय टायफाइड किसी को भी हो सकता है मगर रणबीर कपूर को टायफाइड होने का असल कारण उनकी लापरवाही है। दरअसल फिल्म 'ब्रम्हास्त्र' में स्लिम-ट्रिम दिखने के लिए रणबीर इस समय तगड़ी डायटिंग पर हैं। इसी वजह से वो बहुत स्ट्रिक्ट डाइट फॉलो कर रहे हैं। बिजी शिड्यूल और डायटिंग के कारण रणबीर कई बार खाना खाना छोड़ देते थे और लिक्विड डाइट के सहारे रह रहे थे। इसका उनके शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ा और वो बीमार हो गए।

क्यों खतरनाक है खाना छोड़ना या डायटिंग

बिना किसी न्यूट्रिश्निस्ट या डॉक्टर से सलाह लिए खाना छोड़ना या डायटिंग करना कई बार खतरनाक हो सकता है। दरअसल डायटिंग का मतलब हम समझते हैं खाना कम कर देना या छोड़ देना, मगर ऐसा नहीं है। डायटिंग का मतलब होता है हाई कैलोरी खाने में कुछ कटौती करना मगर शरीर के लिए सभी जरूरी पोषक तत्व कम कैलोरी वाले आहार से ग्रहण करना। जब आप डायटिंग करते हैं, तो इन बातों का ध्यान नहीं रखते हैं और ऐसी चीजें भी खाना छोड़ देते हैं, जिनके बिना शरीर को नुकसान हो सकता है।

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क्या हैं टायफाइड बुखार के लक्षण

आमतौर पर ये बुखार एक से दो हफ्तों तक चलता है| टायफाइड के मरीज़ों को 103 से 104 डिग्री बुखार की शिकायत निरंतर रह्ती है| कई मरीज़ों में चेस्ट कंजेशन भी विकसित हो जाता है| इसके अलावा पेट दर्द की परेशानी आम है| पूरी तरह मरीज़ को ठीक होने में 4 से 6 हफ्ते लग जातें हैं| टायफाइड के दौरान मरीज़ को कई तरह की समस्याओं का अनुभव होता है। इसके सबसे सामान्य लक्षणों में भूख न लगना, सिर दर्द, शरीर और जोड़ों में दर्द, बुखार, सुस्ती और डायरिया हैं।

क्या है इलाज

टायफाइड बुखार का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं द्वारा किया जाता है| एक सही एंटीबायोटिक थेरेपी से टायफाइड के मरीज़ को एक या दो दिन में ही आराम मिल जाता है और 7-10 दिनों में पूरी तरह से स्वस्थ होने की सम्भावना भी रेह्ती है| अगर आपका चिकित्सक आपको किसी भी प्रकार के बैक्टीरिया इनफेक्शन की जानकारी देता है केवल तभी एंटीबायोटिक दवाएँ अपने चिकित्सक की सलह पर लेनी चाहियें। डाक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं को सही समय पर लें| ज़रा सी भी लापरवाही आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है|

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टायफाइड में जरूरी हैं ये सावधानियां

  • अपने हाथ थोड़ी-थोड़ी देर में धोते रहें| ऐसा करने से आप इंफेक्शन से दूर रह सकते हैं| खास तौर पर खाना बनाते समय, खाना खाते समय और शौचालय के उपयोग के बाद साबुन से अपने हाथ धोयें|
  • अनुपचारित पानी पीने से बचें|
  • कच्चे फल और सब्ज़ियाँ खाने से बचें|
  • ज़्यादातर गर्म खाद्य-पदार्थों का सेवन करें| संग्रहित खाद्य-पदार्थों से बचें|
  • घर की चीज़ों को नियमित रूप से साफ करें| दिन में एक बार टोएलेटस, दरवाज़े के हैंडल, टेलीफोन और नलों को साफ करें|
  • टाइफाइड के टीके भी टाइफाइड की रोकथाम में अच्छे साबित हुए हैं|

दालें, ताज़ा फल और हरी सब्ज़ियो के सेवन से आपकी प्रतिरक्षा के स्तर में सुधार आता है। इसलिये टायफाइड बुखार के समय इनको अपने आहार का हिस्सा बनायें। आपका स्वास्थ्य, आपके और आपके परिवार के लिये बहुत महत्वपूर्ण है|

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