मौसम में बदलाव होते ही लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस मौसम में मच्छर के कारण होने वाली बीमारियों में जीका और डेंगू को भी शामिल किया जाता है। ये दोनों ही बीमारियां मुख्य रूप से एडीज मच्छरों, विशेष रूप से एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस द्वारा फैलती हैं। अपनी समानताओं के बावजूद, जीका और डेंगू में अलग-अलग लक्षण और जोखिम कारक हो सकते हैं। इस लेख में आगे डॉ. गौरव जैन, सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल से जानते हैं कि डेंगू और जीका वायरस में क्या अंतर होता है।
जीका वायरस क्या है?
यह वायरस युगांडा के जीका नाम के जंगलों में सबसे पहले पाया गया था। लेकिन, अब यह रोग पूरी दुनिया में फैल चुका है। जीका वायरस मच्छरों के काटने से होता है। इसमें यौन संपर्क, ब्लड चढ़ाने और प्रेग्नेंसी में मां से बच्चे को हो सकता है।
लक्षण
जीका इंफेक्शन में ज्यादातर लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। लेकिन जब लक्षण होते हैं, तो वे आम तौर पर हल्के होते हैं और उनमें बुखार, दाने, कंजक्टिवायटिस, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, सिरदर्द आदि को शामिल होती है।
डेंगू कैसे होता है?
डॉ. दीपक गुप्ता, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन एंड इन्फेक्शन डिज़ीज़, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के मुताबिक डेंगू चार संबंधित वायरस (DENV-1, DENV-2, DENV-3 और DENV-4) में से किसी एक के कारण होता है। डेंगू मुख्य रूप से एडीज मच्छरों द्वारा फैलता है और यह शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में हो सकता है।
लक्षण
डेंगू होने पर कुछ लोगों को कम लक्षण महसूस होते हैं, जबकि दूसरे को ज्यादा परेशानी हो सकती है। इसमें रोगी को तेज बुखार, तेज सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, दाने और हल्की ब्ली (जैसे, नाक या मसूड़ों से खून आना, आसानी से चोट लगना) होता है। यह चरण लगभग 2-7 दिनों तक रहता है।
जीका और डेंगू के बीच अंतर
डॉ. पंकज वर्मा, सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, नारायणा हॉस्पिटल से जानते हैं कि जीका वायरस और डेंगू के बीच क्या अंतर हो सकता है।
लक्षणों के आधार पर
- जीका वायरस: जीका वायरस आमतौर पर हल्के लक्षण पैदा करता है, अधिकांश इंफेक्शन में ज्यादा परेशानी नहीं होती है। लेकिन, यह वायरस गर्भावस्था के दौरान संक्रमण से जुड़े गंभीर जन्म दोष हैं।
- डेंगू: लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। गंभीर डेंगू जानलेवा हो सकता है, जिसके लिए अस्पताल में भर्ती होने और चिकित्सीय देखभाल की आवश्यकता होती है।
जीका वायरस और डेंगू से होने वाली बीमारियों का जोखिम
- जीका वायरस: नवजात शिशुओं में जन्मजात जीका सिंड्रोम सबसे गंभीर समस्या का कारण है। इसमें गिलियन-बैरे सिंड्रोम का जोखिम भी बढ़ जाता है।
- डेंगू: डेंगू होने पर डीएचएफ और डीएसएस जैसी जानलेवा स्थिति हो सकती हैं, जिसमें गंभीर ब्लीडिंग, बॉडा का पार्ट काम न करना और मृत्यु हो सकती है।
जीका वायरस और डेंगू में कौन सा है ज्यादा खतरनाक
- जीका वायरस: जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु दर अपेक्षाकृत कम है, मृत्यु दुर्लभ है। लेकिन, इसका मुख्य प्रभाव भ्रूण के विकास पर पड़ता है।
- डेंगू: जीका वायरस के मुकाबले डेंगू की गंभीर स्थिति में जान का जोखिम अधिक होता है। यदि, सही समय पर इलाज न किया जाए तो रोगी की स्थिति गंभीर हो सकती है।
इसे भी पढ़ें: डेंगू बुखार क्या है? जानिए इसके लक्षण, कारण और घरेलू उपचार
इन दोनों ही बीमारियों में यह कहना गलत होगा कि कोई बीमारी दूसरे से अधिक खतरनाक हो सकती है। इन दोनों ही बीमारियों की गंभीरता रोगी के लिए जोखिम को बढ़ा सकती है। अगर, आपको भी कुछ दिनों से बुखार, उल्टी, सिरदर्द, थकान की शिकायत है तो ऐसे में डॉक्टर से संपर्क करें।