न्यूरो से जुड़ी समस्याओं को लंबे समय तक नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी, कोविड की वजह से न करें इलाज में देरी

कोरोना वायरस की वजह से लोगों ने अपनी कई स्वास्थ्य समस्याओं को नजरअंदाज कर दिया है। लेकिन न्यूरो से संबंधित समस्याओं को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। 
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न्यूरो से जुड़ी समस्याओं को लंबे समय तक नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी, कोविड की वजह से न करें इलाज में देरी

पूरा विश्व एक साल से भी अधिक समय से कोरोना वायरस (Corona Virus) से जूझ रहा है। सरकारों (Governments), अस्पतालों (Hospitals) और लोगों (The people) का पूरा ध्यान कोविड-19 (Covid 19) पर ही हैं और यह बहुत जरूरी भी है। इस स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए सभी प्रयास किए जाने जरूरी हैं। लेकिन कई लोग कोरोना वायरस के डर से अपनी दूसरी स्वास्थ्य समस्या की अनदेखी कर रहे हैं और उसके इलाज के लिए कोरोना वायरस के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि ऐसा करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है कि कोरोना वायरस के चलते आप अपनी दूसरी स्वास्थ्य समस्या की अनदेखी ही कर दें। कई बीमारियां इतनी गंभीर होती हैं कि समय रहते उनका उपचार न कराया जाए तो वो घातक हो सकती हैं। इन्हीं में से एक है, न्यूरो से संबंधित समस्याएं। अगर इनका समय रहते उपचार न कराया जाए तो गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं और विकलांगता के साथ जान जाने का खतरा भी बढ़ सकता है। इसलिए इसके इलाज में आपको कभी भी देरी नहीं करनी चाहिए। समय रहते इसका इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है। मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, गाजियाबाद के न्यूरो सर्जरी विभाग के निदेशक डॉ. मनीष वैश्य बता रहे हैं कोरोना वायरस में क्यों न्यूरो से संबंधित समस्याओं को नहीं करना चाहिए नजरअंदाज- 

लाहीद मदीदलो

न्यूरो से संबंधित प्रमुख समस्याएं (Major Problems Related to Neuro) 

ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor)

कभी-कभी सिरदर्द होना बहुत आम है। लेकिन अगर आपको लगातार कई दिनों से सिरदर्द हो रहा है, रात में तेज सिरदर्द होने से नींद खुल रही है, चक्कर आ रहे हैं और सिरदर्द के साथ जी मचलाने और उल्टी होने की समस्या हो रही है तो इन लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। ये सभी संकेत मस्तिष्क पर प्रेशर (Brain Pressure) बढ़ने के हैं। मस्तिष्क में प्रेशर बढ़ने का कारण ब्रेन ट्यूमर हो सकता है। अगर आप पिछले कुछ दिनों से इस तरह की स्थिति का सामना कर रहे हैं तो सतर्क हो जाएं और तुरंत डायग्नोसिस (Diagnosis) करवाएं। 

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स्पाइनल कार्ड ट्यूमर (Spinal Card Tumor)

स्पाइनल कार्ड ट्यूमर, स्पाइनल कार्ड (Spinal Card) में विकसित (Developed) हो सकता है या शरीर के किसी दूसरे भाग से यहां तक पहुंच सकता है। कई दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं भी इसके विकसित होने का कारण बन सकती हैं। ट्यूमर के कारण कमर में तेज दर्द हो सकता है, दर्द पूरे शरीर में भी फैल सकता है। हाथ और पैर सुन्न हो सकते हैं और इनमें कमजोरी आ सकती है। शरीर का कुछ भाग भी लकवाग्रस्त हो सकता है। इसके उपचार के लिए सर्जरी (Surgery), रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy) या कीमोथेरेपी (Chemotherapy) की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए इसमें देरी बिल्कुल न करें।

स्पाइनल स्ट्रोक (Spinal Stroke)

जब स्पाइल कार्ड की ओर रक्त का प्रवाह बाधित (Blood Flow Impeded) होता है, तो उसे स्पाइनल स्ट्रोक (Spinal Stroke) कहते हैं। स्पाइल कार्ड को ठीक तरह से काम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में रक्त का प्रवाह (Blood Flow) होना जरूरी है। जब रक्त का प्रवाह कट ऑफ हो जाता है, स्पाइनल कार्ड को ऑक्सीजन (Oxygen) और पोषक तत्व (Nutrients) नहीं मिल पाते हैं, जिससे ऊतकों (Tissues) को नुकसान पहुंचता है और वो क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। इसकी वजह से स्पाइनल कार्ड से गुजरने वाले नर्व इम्पल्स (Nerve Impulse) ब्लॉक हो सकते हैं। 

सेरिब्रल/ ब्रेन एन्युरिज्म (Cerebral / Brain Aneurism)

मस्तिष्क की रक्त नलिकाओं (Brain Blood Vessels) का गुब्बारे की तरह फूल जाना ब्रेन एन्युरिज्म है। जब यह फटती हैं तो मस्तिष्क में रक्तस्त्राव (Brain Hemorrhage) होता है, जिसे हेमरेजिक स्ट्रोक (Hemorrhagic Stroke) कहते हैं। इसका तुरंत उपचार जरूरी है, क्योंकि यह बहुत घातक हो सकता है। हालांकि, अधिकतर मामलों में यह रक्त नलिकाएं फटती नहीं हैं। लेकिन इनका तुरंत उपचार करा लेना चाहिए, ताकि भविष्य में इनके फटने के खतरे को कम किया जा सके। अत्यधिक तेज सिरदर्द, जी मचलाना, उल्टी होना, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता इसके प्रारंभिक लक्षण हैं। 

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स्पाइनल कार्ड इंजुरी (Spinal Card Injury)

जब हमारी स्पाइनल कार्ड का कोई हिस्सा या इसके सिरे पर पाई जाने वाली तंत्रिकाएं क्षतिग्रस्त (Nerves Damaged) हो जाती हैं, तो इसकी शक्ति, संवेदना और कार्यप्रणाली में स्थायी रूप से बदलाव आ जाता है। कोई दुर्घटना, खेलकूद संबंधी गतिविधियां, शराब का सेवन और कैंसर (Cancer), अर्थराइटिस (Arthritis), ऑस्टोपोरोसिस (Osteoporosis) तथा स्पाइनल कार्ड की सूजन (Spinal Card Inflammation) आदि स्पाइनल कार्ड इंजरी का कारण बन सकती है। 

उपचार में देरी से बढ़ सकता है खतरा (Delay in Treatment May Increase the Risk)

मस्तिष्क (Brain) और तंत्रिका तंत्र (Nervous System) हमारे शरीर के बहुत जरूरी और संवेदनशील (Sensitive) भाग है। जब इनके साथ कोई समस्या होती है तो जीवन के लिए खतरा बढ़ जाता है। अगर स्पाइनल कार्ड और ब्रेन ट्यूमर का विकास बहुत धीमा है, तो आप अपना उपचार कराने के लिए थोड़ा समय ले सकते हैं। लेकिन ट्यूमर हाई ग्रेड है तो तुरंत उपचार की जरूरत पड़ती है। उपचार में देरी करना घातक हो सकता है। अगर चोट के कारण स्पाइनल कार्ड पर दबाव बढ़ रहा है, तो इस दबाव को सर्जरी के द्वारा दूर किया जाता है। उचित समय पर सर्जरी करा ली जाए तो स्पाइनल कार्ड को क्षतिग्रस्त (Spinal Card Damaged) होने से बचा सकते हैं। मिनिमली इनवेसिव सर्जरी (Minimally Invasive Surgery) तकनीक ने सर्जरी को बहुत आसान बना दिया है, इसमें छोटे-छोटे कट लगाए जाते हैं और सामान्यता आधे घंटे से भी कम समय लगता है। इस तरह की सर्जरी में पारंपरिक सर्जरी की तुलना में परेशानियां कम होती हैं और अस्पताल में ज्यादा रूकने की जरूरत भी नहीं होती है।

corona  

कोविड-19 के खत्म होने का इंतजार न करें (Do Not Wait For The Covid-19 to End)

हमारे देश में कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave) पहली लहर (First Wave) से ज्यादा गंभीर है। ऐसे में आप दूसरी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं (Other Serious Health Problems) के उपचार (Treatment) के लिए इस महामारी के खत्म होने का इंतजार न करें। अस्पतालों में कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं। अस्पतालों में कोविड पॉजिटिव (Covid Positive) और कोविड नेगेटिव (Covid Nagetive) के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए गए है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए भर्ती होने वाले मरीजों का कोविड टेस्ट किया जाता है। कोविड पॉजिटिव को अलग रखा जाता है और नेगेटिव को सामान्य मरीजों के साथ रख जाता है। ऐसे में आपको घबराने की जरूरत नहीं है आप अपना इलाज करवाने के लिए कोरोना के खत्म होने का इंतजार बिल्कुल न करें। समय से अपनी बीमारी का इलाज करवाएं और स्वस्थ रहें। 

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए इन बातों का रखा जा रहा है ध्यान (These Things Are Being Taken Care of to Prevent Corona Infection)

डॉक्टर मनीष वैश्य बताते हैं कि कोरोना काल में भी सर्जरी हो रही है। लेकिन कई लोग सर्जरी करवाने के लिए कोरोना के ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं, जो ठीक नहीं है। सर्जरी में देरी करने से उनकी समस्या बढ़ भी सकती है। अगर आपकी सर्जरी भी कोरोना के वजह से रुकी हुई है तो आप इसमें देरी न करें। अस्पतालों में भी मरीज का इस दौरान पूरा ध्यान रखा जा रहा है। मरीज को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए पूरी सेफ्टी दी जा रही है। सर्जरी के दौरान अस्पतालों में इन बातों का ध्यान रखा जा रहा है। 

neuro

  • - मेडिकल टीम के सभी सदस्यों, मरीज और केयरटेकर को मास्क पहनना जरूरी है।
  • - मेडिकल टीम के लिए मास्क के अलावा पीपीई किट और दूसरे सुरक्षात्मक चीजों का इस्तेमाल करना जरूरी है। 
  • - सर्जरी से पहले मरीज का कोविड-19 टेस्टिंग की जाती है, जिससे दूसरे लोगों में इसे फैलने से रोका जा सके।
  • - सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है।
  • - मरीज के लिए अस्पताल में एक से अधिक केयर टेकर को रूकने की अनुमति नहीं है।
  • - अधिकतर अस्पतालों में विजिटर्स  के आने पर पूरी तरह से रोक लगाई जा रही है।

कोई भी समस्या होने पर आपको डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। अगर आपको लगातार कोई समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। 

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