आप खुद को फिट और हेल्दी रखने के लिए योगासन या एक्सरसाइज जरूर करते होंगे। लेकिन आप चाहें तो अपनी दिनचर्या में कुछ योग मुद्राओं (Yoga Postures or Mudra) को भी शामिल कर सकते हैं। योग मुद्राएं तनाव और चिंता को कम करने के साथ ही दिल को भी स्वस्थ रखने में मददगार होते हैं। हृदय (Heart) हमारे शरीर का एक बेहद अहम अंग होता है। इसलिए इसे स्वस्थ रखना हमारी जिम्मेदारी होती है। अगर नियमित रूप से योग मुद्राएं की जाए, तो हृदय को सेहतमंद रखा जा सकता है।
योग मुद्राएं दिल से संबंधी समस्याओं को कम करने में सहायक होते हैं। रोग रहित हृदय पाने के लिए आप अपान योग मुद्रा, सूर्य मुद्रा, रुद्र मुद्रा और प्राण मुद्रा का नियमित अभ्यास कर कर सकते हैं। इनसे दिल की सेहत एकदम दुरुस्त रहती है। योगा एक्सपर्ट दीपक झा से जानें इन मुद्राओं के बारे में-
1. अपान वायु मुद्रा (Apana Vayu Mudra)
अपने हृदय या दिल को स्वस्थ और बीमारी से मुक्त रखने के लिए आप नियमित रूप से अपान वायु मुद्रा का अभ्यास कर सकते हैं। हृदय रोगियों के लिए अपान वायु मुद्रा करना फायदेमंद होता है। कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित मरीजों को इससे काफी आराम मिलता है। अगर आपको दिल से जुड़ी कोई बीमारी है, तो नियमित रूप से इसे करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। साथ ही अगर आप स्वस्थ है और इसे रोज करते हैं, तो आपका हृदय हमेशा स्वस्थ रहेगा।
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- - अपान वायु मुद्रा करने के लिए सबसे पहले किसी साफ और शांत जगह पर एक मैट बिछा लें।
- - इस पर पद्मासन में बैठ जाएं। कमर और रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा रखें।
- - अपनी दोनों आंखों को बंद कर लें।
- - अब अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखें। इस दौरान हथेलियां ऊपर आसमान की तरफ होनी चाहिए।
- - इसके बाद अपनी तर्जनी उंगुली (Index Finger) को हथेली की तरफ को मोड़ें।
- - अपने मध्यमा या अनामिका उंगुली (Middle or Ring Finger) के सिरों को अंगूठे के सिरे से मिलाएं।
- - इस दौरान आपकी छोटी उंगुली एकदम सीधी रहेगी।
- - अब अपने मन को एकांत करने की कोशिश करें। आप चाहें तो इस दौरान कोई जाप भी कर सकते हैं। ओम का जाप किया जा सकता है।
- - इस मुद्रा में आप आधे घंटे तक रह सकते हैं। आप चाहें तो इसका समय भी बढ़ा सकते हैं।
अपान मुद्रा के अन्य फायदे (Other Benefits of Apan Mudra)
अपान मुद्रा न सिर्फ दिल के लिए बल्कि हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होता है। इसका अभ्यास रोज करने से सिरदर्द की समस्या में राहत मिल सकती है।
- - तनाव और चिंता कम करे
- - घबराहट और बैचेनी दूर होगी
- - पाचन क्रिया में सुधार

2. प्राण मुद्रा (Prana Mudra)
अपने दिल को एकदम स्वस्थ रखने के लिए प्राण योग मुद्रा करना भी बेहद लाभकारी होता है। रोजाना इसके अभ्यास से प्राण शक्ति बढ़ती है। प्राण मुद्रा धमनियों को भी स्वस्थ रखने में मददगार होती है। दिल को सक्रिय रखने के लिए भी प्राण मुद्रा को किया जा सकता है। अगर नियमित रूप से प्राण मुद्रा किया जाए, तो इससे हृदय रक्त संचार (Blood Circulation) अच्छी तरह से करने में सक्षम होता है।
- - प्राण मुद्रा को करने के लिए सबसे पहले आप पद्मासन में बैठ जाएं।
- - अब अपने दोनों हाथों को दोनों घुटनों पर रखें। हथेलियों को ऊपर की तरफ रखें।
- - अपनी कनिष्ठिका और अनामिका उंगुली (Little Finger and Ring Finger) के सिरों को अंगूठे के सिरे से मिलाएं।
- - इस दौरान आपकी मध्यमा और तर्जनी उंगुली (Middle and Index Finger) एकदम सीधी रहेगी।
- - अब आप किसी भी मंत्र का जाप कर सकते हैं। इसके अलावा लंबी गहरी सांस भी ले सकते हैं।
- - इस मुद्रा को करते समय आपकी आंखें बंद होनी चाहिए।
प्राण मुद्रा के अन्य फायदे (Other Benefits of Prana Mudra)
प्राण मुद्रा की हृदय को स्वस्थ रखने के साथ ही कई दूसरी समस्याओं में भी फायदेमंद होता है। इसे नियमित रूप से करने पर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) मजबूत होती है। साथ ही यह ब्लड सर्कुलेशन को भी बेहतर करता है। इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है।
- - डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद
- - हाइपरटेंशन और हाई ब्लड प्रेशर में राहत
- - फेफड़ों को मजबूत बनाए
- - शरीर में रक्त प्रवाह को बेहतर करे

3. सूर्य मुद्रा (Surya Mudra)
अपान और प्राण मुद्रा की तरह ही सूर्य मुद्रा करने से भी दिल हमेशा स्वस्थ रहता है। यह हृदय संबंधी रोगों को दूर करने में लाभकारी होता है। अगर इसे नियमित रूप से किया जाए, तो दिल हमेशा स्वस्थ रह सकता है। आप एकदम स्वस्थ हैं, तो भी इसका अभ्यास कर सकते हैं। इससे आपको कई अन्य फायदे भी मिल सकते हैं। सूर्य मुद्रा दिल को सक्रिय रखता है और रक्त के संचार को बेहतर करने में मदद करता है। आप भी रोज इस मुद्रा को करके खुद को स्वस्थ रख सकते हैं।
- - सूर्य मुद्रा को करने के लिए सबसे पहले एक शांतिपूर्ण जगह पर बैठ जाएं। अपनी कमर और रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा रखें।
- - अपने दोनों हाथों को दोनों घुटनों पर रखें और हथेलियां ऊपर की तरफ होने चाहिए।
- - अपनी अनामिका उंगुली (Ring Finger) को मोड़ें और अंगूठे के पास लाएं।
- - अब अंगूठे को अपनी अनामिका उंगुली के ऊपर रखें।
- - अपनी दोनों आंखें बंद करें और एंकात हो जाएं।
- - इस मुद्रा में आप 20-30 मिनट तक बैठ सकते हैं।
सूर्य मुद्रा के अन्य फायदे (Other Benefits of Surya Mudra)
सूर्य मुद्रा को नियमित रूप से करने पर शरीर में रक्त का संचार बेहतर होता है। साथ ही इससे शरीर में ऊर्जी भी बढ़ती है।
- - हृदय रोगियों के लिए लाभकारी
- - डायबिटीज और थायरॉइड में फायदेमंद
- - बेड कोलेस्ट्रॉल कम करे

4. रुद्र मुद्रा (Rudra Mudra)
रुद्र मुद्रा दिल को स्वस्थ रखने के लिए एक बेहतरीन योग मुद्रा है। इसके नियमित अभ्यास से हृदय से संबंधित रोगों को दूर किया जा सकता है। दिल की सेहत का ख्याल रखने के लिए आपको इसे जरूर करना चाहिए। यह शरीर में ऊर्जा और रक्त का संचार करने में भी मदद करता है। रुद्र मुद्रा से मन और दिमाग शांत होता है। इसके अभ्यास से मन से बुरे विचार दूर होते हैं।
- - रुद्र मुद्रा को करने के लिए सबसे पहले पद्मासन की आरामदायक अवस्था में बैठ जाएं।
- - अपने दोनों हाथों को दोनों घुटनों के ऊपर रखें। हथेलियां ऊपर की तरफ होनी चाहिए।
- - अब तर्जनी या अनामिका उंगुली (Index or Ring Finger) को अंगूठे की तरफ मोड़ें। इन दोनों उंगुलियों के सिरों को अंगूठे के सिरे से छुएं।
- - बाकि दोनों अंगुलियों को एकदम सीधा रखें।
- - अपनी दोनों आंखों को बंद करें और ध्यान लगाएं।
- - आप इस मुद्रा को 20-30 मिनट तक कर सकते हैं।
आप भी अपने हृदय को स्वस्थ रखने के लिए इन योग मुद्राओं का नियमित रूप से अभ्यास कर सकते हैं। इन योग मुद्राओं को खाली पेट करना चाहिए। इसके साथ ही इन्हें हमेशा शांतिपूर्ण और एंकात जगह पर करना चाहिए। शुरुआत में कोई भी योग मुद्रा योग गुरु की देखरेख में ही करें। अगर आपकी उंगुलियों में दर्द रहता है, तो इसे योग गुरु की सलाह पर ही आपको करना चाहिए।
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