पुरुष स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए रोज करें ये 5 योगासन, जानें इन्हें करने का तरीका

स्पर्म की संख्या बढ़ाने के लिए आप इन योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं। इस लेख में जानें इन्हें करने का तरीका। 
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पुरुष स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए रोज करें ये 5 योगासन, जानें इन्हें करने का तरीका


योग करने के फायदे तो आप सभी जानते हैं। यह इनफर्टिलिटी की दिक्कत को दूर करने में भी सहायक होते हैं। योग करने से आपको स्पर्म काउंट बढ़ाने में मदद मिलती है। स्पर्म की संख्या कम होने की वजह से पुरुषों को तनाव सहित कई दिमागी समस्याओं से जूझना पड़ता है। योग करने से ग्लैंड्स उत्तेजित होते हैं जो टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के रिलीज होने में मदद करते हैं। यह हार्मोन स्पर्म काउंट को बढ़ाने में सहायक होते हैं। 

आज हम इस लेख के माध्यम से बताने जा रहे हैं उन योगासनों के बारे में जिन्हें करने से लो स्पर्म काउंट की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। जाने इन्हें करने का तरीका- 

1. पद्मासन (Padmasana)

पद्मासन को अंग्रेजी में लोटस पोज भी कहते हैं। यह स्पर्म काउंट बढ़ाने में सहायक होता है। इसे करने से पैर टोन होते हैं और कूल्हे लचीले बनते हैं। साथ ही घुटनों और जांघों को स्ट्रेच करने में मदद होती है। 

  • सबसे पहले योग मैट बिछाएं। 
  • रीढ़ सीधी रखकर पैरों को फैलाकर बैठें।
  • अब अपनी बाईं जांघ पर दाएं घुटने को मोड़कर रखें। 
  • इसके बाद बाएं घुटने को मोड़कर दाईं जांघ पर रखें।
  • सामान्य सांस लें और कुछ देर ऐसे ही रहें।

2. अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Ardha Matsyendrasana)

रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को बढ़ाने में अर्ध मत्स्येन्द्रासन आपकी मदद कर सकता है। साथ ही यह स्पर्म काउंट और स्पर्म मोबिलिटी को बढ़ाने के साथ शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए भी बेहद कारगर योग है। 

  • अर्ध मत्स्येन्द्रासन को करने के लिए सबसे पहले दंडासन की अवस्था में बैठें।
  • दाहिने पैर को उठाकर बाएं घुटने की बाईं तरफ रखें। 
  • अब दाईं तरफ देखते हुए बाएं हाथ की मदद से दाएं टखने को छुएं।
  • पीठ के पीछे दाएं हाथ को ट्विस्ट करें।
  • कुछ देर ऐसे ही रहें। इसे दूसरी तरफ से भी करें।

3. धनुरासन (Dhanurasana)

इसे करने से पूरे शरीर की मांसपेशियों को फायदा मिलता है। यह आसन स्पर्म काउंट बढ़ाने के साथ-साथ ब्लड सर्कुलेशन भी सुधारता है। 

  • धनुरासन को करने के लिए पेट के बल लेटें।
  • अब घुटनों से पैरों को पीठ की तरफ मोड़ें।
  • दोनों पैरों के टखनों को हाथों की मदद से पकड़ें।
  • आहिस्ता-आहिस्ता छाती और कूल्हे ऊपर उठाएं।
  • इस समय अपने पेट को फर्श पर ही रखें।
  • गर्दन पीछे झुकाएं और कुछ देर ऐसे ही रहें।

4. प्राणायाम (Pranayama)

प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से स्ट्रेस कम करने में मदद मिलती है। तनाव के कारण लो स्पर्म काउंट और इनफर्टिलिटी की दिक्कत होती है।

  • पीठ सीधी करके पालथी मारकर बैठें।
  • दाहिनी नाक के छिद्र को दाएं अंगूठे से बंद करें और बाईं तरफ से सांस लें।
  • अब दाएं हाथ की इंडेक्स फिंगर से नाक के बाएं छिद्र को बंद करें। 
  • इसी अवस्था में कुछ देर सांस रोकें।
  • अंगूठे को हटाकर नाक के दाईं ओर से सांस छोड़ें।

5. अग्निसार क्रिया (Agnisar Kriya)

यह मोटापे और कब्ज की समस्या को दूर के साथ ही स्पर्म काउंट बढ़ाने में भी मदद करती है।

  • सीधे खड़े होकर पैरों के बीच में थोड़ा गैप बनाएं। 
  • हथेलियों को घुटनों पर रखकर थोड़ा आगे झुकें।
  • पेट को अंदर खीचें और सांस छोड़ते रहें।
  • सांस छोड़ने के बाद कुछ सेकेंड के लिए सांस रोक लें।
  • अब पूरी सांस लेकर पेट फुलाएं।

स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए आप इन योगासनों का नियमित अभ्यास कर सकते हैं। इसके अलावा योग करने से आप सेहतमंद और रोगमुक्त रहते हैं। 

 

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