प्रेगनेंसी में योग करना बहुत फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि इन दिनों महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। जिसके चलते उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए डॉक्टर भी प्रेगनेंसी में योग करने की सलाह देते हैं। लेकिन क्या सभी योगासन प्रेगनेंसी में फायदेमंंद होते हैं? ऐसे कई योगासन हैं जिन्हें प्रेगनेंसी में करने से मां और बच्चे दोनों की सेहत को नुकसान पहंच सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान शारीरिक बदलावों के अनुसार व्यायाम को भी बदलना पड़ता है। कुछ आसन प्रेगनेंसी से पहले बहुत फायदेमंद होते हैं लेकिन जरूर नहीं के वे प्रेगनेंसी के दौरान भी आपके लिए समान रूप से काम करें। उन्हें करने में आपको असहजता हो सकती है साथ ही उन्हें करना भी मुश्किल हो सकता है। जिसके जलते वे गर्भावस्था के विभिन्न चरणों में जटिलताओं का कारण बन सकते हैं। इस लेख में हम आपको ऐसे 3 तरह के योगासनों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें आपको प्रेगनेंसी के दौरान करने से बचना चाहिए (Yoga Poses To Avoid During Pregnancy In Hindi)।
प्रेगनेंसी के दौरान न करें ये 3 योगासन (Yoga Poses To Avoid During Pregnancy In Hindi)
1. जंपिंग या फास्ट-फ्लोइंग पोज करने से बचें
प्रेगनेंसी के दौरान कूदने और तेज गति से करने वाली मुद्राएं आपके शरीर को तनाव में डाल सकती हैं। प्रेगनेंसी की शुरुआत में बहुत अधिक उछल-कूद और तेज पोज को करने से आपको मतली की समस्या हो सकती है। इस तरह के योगासनों से बचना ही सही है। इस दौरान आपको रिस्टोरेटिव और ग्राउंडिंग पोज करने पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए। क्योंकि यह गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास में मदद करते हैं और प्रेगनेंसी में होने वाली विभिन्न जटिलताओं से भी बच्चे को सुरक्षित रखते हैं। ऐसे में उन सभी योगासनों को करने से बचें जिनमें तेज गति और कूदना शामिल है।
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2. कंप्रेसिंग या ट्विस्टिंग पोज न करें
प्रेगनेंसी में ऐसे योगासन जिनमें मुड़ने, घुमने या ट्विस्टिंग जैसी गतिविधियां शामिल होती हैं आपके साथ-साथ आपके बच्चे की सेहत के लिए भी नुकसानदायक हो सकते हैं। आपको पेट से संंबंधित किसी भी जोरदार योगासन को करने से बचना चाहिए। क्योंकि जब ही भ्रूण गर्भाशय की दीवार से जुड़ जाता है तो उस दौरान प्लेसेंटा का निर्माण शुरू हो जाता है। ऐसे में इस तरह की गतिविधियां आपके पेट पर दबाव बना सकती हैं और उस क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को कम कर सकती हैं। इसलिए ऐसे सभी योगासनों से बचें जिनमें जिनमें पेट की मांसपेशियों को मोड़ने और संकुचित करने की आवश्यकता होती है, जैसे कि मून पोज़, बोट पोज़, घुटनों की ओर स्पाइनल ट्विस्ट आदि।
3. स्ट्रेचिंग पोज से बचें
प्रेगनेंसी में सट्रेचिंग आपके जोड़ों और लिंगामेंट्स को नुकसान पहुंचा सकती है। महिलाएं जैसे-जैसे प्रेगनेंसी में आगे बढ़ती हैं, उनका शरीर डिलीवरी की तैयारी शुरू कर देता है। इस स्थिति में उनकी मांसपेशियां और लिंगामेंट्स पहले की तलुना में अधिक लचीले हो जाते हैं। प्रेगनेंसी के दूसरे या तीसरे तिमाही के दौरान बहुत ज्यादा स्ट्रेचिंग करना लिंगामेंट या श्रोणि के जोड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए आपको उन सभी योगासनों से बचें, जिनमें शरीर को अत्यधिक खिंचाव की आवश्यकता होती है।
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प्रेगनेंसी में योगासनों का चुनाव करते समय बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है। ऐसे में बेहतर है कि इसमें आप किसी योग एक्सपर्ट की मदद लें, वे आपको सही योगासन चुनने में मदद करेंगे जो मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद हों।
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