
प्रेगनेंसी में महिलाओं को पेल्विक फ्लोर में दबाव के चलते दर्द व परेशानी होने लगती है। भ्रूण के बढ़ते आकार की वजह से भी महिलाओं पेल्विक एरिया में दर्द महसूस होता है। इसके साथ ही महिलाओं को डिलीवरी के बाद भी पेल्विक फ्लोर संबंधी समस्याएं होती है। इस समस्या में महिलाओं को उठने और बैठने में दर्द होता है। साथ ही उनको जांघों और योनी के आसपास के हिस्सें में हल्का-हल्का दर्द लगातार होता है। पेल्विक फ्लोर संबंधी समस्या होना आम बात है और अधिकतर महिलाओं को डिलीवरी के बाद ये समस्या होती है। इस परेशानी में डॉक्टर दवाएं, थेरेपी और सर्जरी के द्वारा महिलाओं का इलाज करते हैं। लेकिन योगासन और एक्सरसाइज से भी पेल्विक फ्लोर की समस्या को ठीक किया जा सकता है। इस लेख में आपको डिलीवरी के बाद पेल्विक फ्लोर के दर्द को कम करने वाले योगासन के बारे में बताया गया है।
डिलीवरी के बाद पेल्विक फ्लोर के दर्द के लिए किए जाने वाले योगासन - Postpartum Pelvic Floor Yoga in Hindi
सेतुबंधासन से दर्द को करें कम
डिलीवरी के बाद पेल्विक फ्लोर की समस्याओं को दूर करने के लिए आप सेतुबंधासन को डेली रूटीन में शामिल कर सकती हैं। इसमें आपको पीठ के बल लेटना होता है। इसके बाद हाथों की हथेलियों से पैरों के टखनों को पकड़कर सांस लेते हुए कमर को ऊपर की उठाना होता है। इस पोज में कुछ देर होल्ड करें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए सामान्य पोजीशन में आएं। इससे पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों की समस्या दूर होती है। इस योगासन को आप शुरुआत में 5 से 7 मिनट के लिए कुछ सेट्स में कर सकती हैं।
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मलासन का करें अभ्यास
डिलीवरी के बाद पेल्विक फ्लोर संंबंधी समस्या होने पर आप मलासन का अभ्यास कर सकती हैं। इसको स्क्वाट भी कहा जात है। इससे महिलाओं की कमर और पेल्विक फ्लोर के मांसपेशियां में खिंचाव आता है। इसके अभ्यास से पेल्विक फ्लोर संबंधी दर्द व अन्य परेशानियां दूर होती है। ये योगासन बेहद आसान होता है। इसमें पैरों के तलवो को एक समान रखते हुए हाथों को बाहर की ओर जोड़ना होता है। इस आसान में गहरी सांस लेते हुए नीचे बैठे और छोड़ते हुए ऊपर उठें।
भुजंगासन या कोबरा पोज
इस आसन को करने के लिए आपको पेट के बल पर जमीन में लेटना होता है। इसके बाद हाथों के सहारे कंधे और सिर को ऊपर की ओर उठाना होता है। ध्यान रहें कि इस समय आपको केवल कमर तक के हिस्से को ही ऊपर उठाना होगा। शरीर को ऊपर उठाते समय सांस अंदर की ओर खींचे। कुछ देर के लिए पोजीशन में रूकें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए नीचे की ओर आ जाए। इसमें आपको कोबरा की तरह आकृति बनानी होती है। इसलिए इसको कोबरा पोज भी कहा जाता है।
नौकासन
नौकासन को करने के लिए आपको जमीन पर बैठना होता है। इसके बाद आपको हाथों को सीधे करते हुए पैरों को पास ले जाना होता है, जबकि इस समय आपको अपने दोनों पैरों को सीधे रखते हुए ऊपर की ओर ले जाना होता है। इस पोज में आपको एक नौकासन की तरह आकृति बनानी होती है। इससे आपकी हिप्स और पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों के साथ ही जांघों की मांसपेशियां मजबूत बनती है। डिलीवरी के बाद इस योगासन को करने से पेल्विक फ्लोर की समस्याएं दूर होने लगती हैं।
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बटरफ्लाई पोज
इस योगासन में आपको सुखासन में बैठना होता है। इसके बाद आपको पैरों के तलवों को आपस में मिलाना होता है। इसे मिलने के बाद आपको पैरों के पंजों को दोनों हाथों से पकड़कर जांघों को ऊपर ओर नीचे की ओर ले जाना होता है। इससे पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों में खिंचाव आता है और उस हिस्से की समस्याए कम होने लगती हैं।
डिलीवरी के बाद आप शरीर रिकवरी कर रहा होता है। ऐसे में आपको हल्के योगासन करने चाहिए। इसके साथ ही किसी भी योगासन को करने के सही तरीके को जानने के लिए आपको योग क्लासेस ज्वाइन कर लेनी चाहिए। योग ट्रेनर की देखरेख में योगा करने से आपको इसके पूरे लाभ मिलते हैं और इससे अन्य जोखिम होने का खतरा कम हो जाता है।