गर्भवती महिलाएं नॉर्मल डिलीवरी चाहती हैं तो करें ये 4 योगासन, योग एक्सपर्ट से जानें इन्हें करने का सही तरीका

नॉर्मल डिलीवरी के लिए कुछ खास आसन, प्राणायाम और योगा को आजमाकर समस्या से निजात पाया जा सकता है। योगा प्रशिक्षक से जानें कौन-कौन से योगासन हैं बेस्ट।
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गर्भवती महिलाएं नॉर्मल डिलीवरी चाहती हैं तो करें ये 4 योगासन, योग एक्सपर्ट से जानें इन्हें करने का सही तरीका

योग शरीर को स्वस्थ रखने के साथ नार्मल डिलीवरी में भी काफी सहायक होता है। आज कल ज्यादातर गर्भवती नार्मल डिलीवरी की चाह रखती हैं। लेकिन शरीर में कई तरह की परेशानी और शरीर के नार्मल डिलीवरी के लायक ना होने के कारण सिजेरियन डिलीवरी करानी पड़ती है। इन परेशानी दूर करने और शरीर को नार्मल डिलीवरी के लायक बनाने के लिए हम आपको कुछ आसन के बारे में बताएंगे, जिससे नार्मल डिलीवरी होती है। इसके लिए हमने जमशेदपुर के गांधी मैदान में योग प्रशिक्षण देने वाली श्वेता झा से बात की। उन्होंने नार्मल डिलीवरी में उपयोगी आसन और इसे करने के तरीके की विस्तार से जानकारी दी। 

पहले डॉक्टर से सुझाव जरूरी

सबसे जरूरी यह बताया कि कभी भी किसी भी गर्भवती को यदि डॉक्टर योग व आसन करने से मना करें तो उसे नहीं करना चाहिए। वहीं योगा प्रशिक्षक से बी इन आसनों को करने के पूर्व सलाह लेनी चाहिए। अपनी हेल्थ कंडीशन के बारे में बताना चाहिए। बता दें कि गर्भावस्था किसी भी महिला के लिए सबसे नाजुक दौर होता है। उस दौरान जच्चा बच्चा की सुरक्षा का ख्याल रखना बेहद ही जरूरी होता है। यदि आप नॉर्मल डिलीवरी के लिए योगासन करना चाहती हैं तो इसके लिए सबसे पहले आपको डॉक्टरी सलाह की आवश्यकता पडे़गी। उसके बाद ही आप इन आसनों को कर पाएंगी। बिना डॉक्टर के सलाह और योग प्रशिक्षक के सलाह के इसे करना आपके सेहत के साथ पेट में पल रहे शिशु की सेहत के लिए काफी हानिकारक होता है। 

Normal Pregnancy Yoga

मलासन है बेहद लाभकारी

एक्सपर्ट बताती हैं कि मल त्यागने के समय हम जिस पुजिशन में बैठते हैं उसे हम मलासन कहते हैं। इस पुजिशन के कारण यह नार्मल डिलीवरी में काफी उपयोगी होती है। यह पेट और पीठ के लिए काफी लाभदायक होता है। यह पेट और पीठ के तनाव को कम करता है। इसके अलावा मलासन से घुटनों, जोड़ों के दर्द को कम करता है। इससे गैस और कब्ज भी खत्म होती है। इस आसन को गर्भवती छठे माह से शुरू कर सकती हैं। लेकिन डॉक्टरी सलाह लेकर। बता दें कि गर्भावस्था में महिलाओं को कब्ज की काफी शिकायत होती है। इसे कर वो उस समस्या से भी छुटकारा पा सकती हैं। 

इसे करने की विधि

  • सबसे दोनों घुटने को मोड़कर मल त्यागने वाले पुजिशन में बैठ जाएं
  • अब दाएं हाथ की काख  ( अंडर आर्म ) को दाएं और बाएं हाथ की काख (अंडर पिट) को बाएं घुटने में टीका लें 
  • दोनों हाथों को जोड़कर नमस्कार वाली मुद्रा में आ जाएं
  • कुछ देर तक करने के बाद अब इस पुजिशन में रहें
  • उसके बाद सामान्य पुजिशन में आ जाएं

इसमें यह सावधानी बरतें

मलासन में गर्भवती अगर गलती करेंगी तो यह नुकसानदेह हो सकता है। इस आसन को करते समय कूल्हों को घुटने के ऊपर नहीं रखना चाहिए। इससे इस आसन की पुजिशन खराब हो जाती है।  इससे सारा वजन पैरों पर पड़ जाता है। जो नुकसान पहुंचाता है।  

Titali Asan

बद्धकोणासन और तितली आसन भी है फायदेमंद

बद्धकोणासन को तितली आसन भी कहा जाता है। गर्भावस्था में इसे करने से काफी फायदे मिलते हैं। लेकिन इसे करने के पूर्व आपको डॉक्टरी सलाह के साथ योग प्रशिक्षक से ट्रेनिंग लेने की आवश्यकता है। बिना एक्सपर्ट की सलाह लिए और उनके मार्ग निर्देशन में इसे करना काफी हानिकारक साबित हो सकता है। इस करने के दौरान जब पैर हिलेंगे तो यह तितली के पंख जैसे लगेंगे, इसलिए इसे तितली आसन भी कहा जाता है। यह गर्भवती के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसे प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही से शुरू कर देना चाहिए और नौ माह तक करना ताहिए। कम से कम 30 से 40 बार करना चाहिए।

जानें इसे करने का सही तरीका

  • इसको करने के लिए दोनों पैरों को मोड़कर या पलथी मारकर बैठ जाएं
  • उसके बाद दोनों पैर के तलवों को एक साथ जोड़ लें 
  • एड़ी को जितना हो सके उतना करीब लाएं
  • अब दोनों घुटनों को एक साथ ऊपर नीचे करें
  • इसे 30 से 40 बार एक बार में करना चाहिए

इस आसन में इन सावधानियों को बरतें

खाना खाने के तुरंत बाद इस आसन को नहीं करना चाहिए। भोजन और आसन के बीच में चार से छह घंटे का गैप रखें। अगर महिलाओं को पीरियड है तो इस आसन को नहीं करें। घुटने में चोट लगी है तो इस आसन को करने से बचें। हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट के मरीज डॉक्टर से सलाह लेने के बाद इस योग को करें। गर्भवती महिलाएं इसे योगा प्रशिक्षक के निर्देशन में ही करें।

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स्टैंडिंग स्क्वाट्स है फायदेमंद

स्टैंडिंग स्क्वाट्स  कई प्रकार के होते हैं। गर्भवती महिलाओं को बेसिक स्टैंडिंग स्क्वाट्स करना चाहिए। इस आसन को हम खड़े होकर करते हैं। इसलिए इसे स्टैंडिंग स्क्वाट्स कहते हैं। इससे पेल्विक मांसपेशियां मजबूत होती हैं। पहली बार इसे आप कर रहीं हैं तो शुरू में कम सेट्स मारें, धीरे-धीरे इसके सेट्स को बढ़ाएं। गर्भवती के लिए सूमो स्क्वाट्स भी काफी फायदेमंद होता है। इसमें हाथों को सीधा रखते हुए नीचे की ओर जाना है। इसे करने से पहले डॉक्टरी सलाह व योगा प्रशिक्षक की सलाह लेना जरूरी है।

इस आसन को करने की विधि

  • सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं
  • हाथों को कंधों से थोड़ी दूर रखें
  • अपने घुटने को मोड़ते हुए नीचे जाएं
  • शरीर का भार कूल्हे पर रखें
  • हाथों को सीधा करके नीचे की ओर ले जाएं
  • इस एक्सरसाइज के दौरान पीठ को सीधा रखें
  • नीचे झुकें और कुछ देर इसी अवस्था में रहने की कोशिश करें

इस आसन को करने के दौरान बरतें सावधानियां

योगा प्रशिक्षक बतातीं हैं कि इसे सही तरीके से करना चाहिए। वजन उठाकर गर्भवती स्क्वाट्स न करें। रीढ़, हाथ, कंधों पर तनाव नहीं डालना है। स्क्वाट्स करते समय बॉडी की पुजिशन सही होनी चाहिए। गर्भवती महिलाएं योग प्रशिक्षक से सलाह लेकर स्क्वाट्स करें।

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Anulom Vilom

अनुलोम विलोम के हैं काफी फायदेमंद

गर्भवती महिलाएं अनुलोम विलोम करतीं हैं तो नार्मल डिलीवरी के लिए यह फायदेमंद होती है। इससे ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है और ब्लड प्रेशर इससे कंट्रोल में रहता है। अनुलोम विलोम पेट के गैस को निकालता है, जिससे उल्टी सफर के दौरान नहीं होती है। प्राणायाम करने से हमारे पेट में जितने ब्लॉकेज होते हैं खुल जाते हैं।

इस आसन को इस तरह करें

  • सबसे पहले चौकड़ी (पलथी मारकर) मारकर बैठें जाएं
  • इसके बाद नाक के बाएं छिद्र से सांस भरेंगे और दाहिने से छोड़ेंगे
  • कुछ देर तक अंदर सांस को रखेंगे 
  • अगर हम बाएं छिद्र से 10 सेकेंड में सांस ले रहे हैं तो चार सेकेंड तक सांस को अंदर रखेंगे, 12 से 14 सेकेंड में सांस छोड़ेंगे
  • इस प्रकार से दाहिने नाक के छिद्र से भी इस आसन को दोहराना है
  • अगर सिर्फ यह एक छिद्र से करेंगे तो यह पूरा एक साइकिल होगा
  • सांस लेते समय आज्ञा चक्र पर ध्यान केंद्रित रखें
  • इसे करते समय ओम का जाप करें, इससे आपको ज्यादा फायदा मिलेगा

इसे करते समय इन सावधानियों को बरतें

गर्भवती महिलाएं इस आसन को करते समय सांस को ज्यादा देर तक ना रोकें। इस आसन को खाली पेट करें। भोजन के चार पांच घंटे बाद इस आसन को करें। इसके अलावा योग प्रशिक्षक की सलाह लेना काफी जरूरी होता है।

योगासन को करने के पहले योग प्रशिक्षक से लें ट्रेंनिंग

योगासन को करके आप शरीर को स्वस्थ्य व संतुलित कर सकतीं हैं और नॉर्मल डिलीवरी भी हासिल कर सकतीं हैं। लेकिन इसके पहले जरूरी है कि योग प्रशिक्षक से ट्रेनिंग ले लिया जाए। क्योंकि हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है, कई लोगों को बीमारी होती है तो कई निरोग रहते हैं। आप अच्छे से योग करें इसके लिए पहले एक्सपर्ट के निर्देशन में योग करना सही रहता है। ताकि जहां भी आप गलती कर रहे हों योग प्रशिक्षक आपकी गलतियों को सुधारें। गर्भावस्था के केस में आपको डॉक्टरी सलाह भी लेनी चाहिए।

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