Study: योग और प्राणायाम से कम हो सकती है अस्थमा मरीजों में सांस की समस्या, जानें 3 आसान ब्रीदिंग एक्सरसाइज

एनल्स ऑफ मेडिसिन जर्नल में रिलीज हुई एक स्टडी के मुताबिक एक्सरसाइज करने से अस्थमा के रोगियों में सांस लेने में होने वाली कठिनाई कम हो सकती है।
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Study: योग और प्राणायाम से कम हो सकती है अस्थमा मरीजों में सांस की समस्या, जानें 3 आसान ब्रीदिंग एक्सरसाइज

अस्थमा एक गंभीर समस्या है, जिससे दुनियाभर में 339 मिलियन लोग पीड़ित हैं। इस स्थिति में मरीजोंं को सांस लेने में समस्या होती है। इसे लंबे समय तक नजरअंदाज करना कई बार सांस से जुड़ी समस्याओं और अस्थमा अटैक का भी कारण बन सकता है। ऐसे में योग और प्राणायाम करना कई तरीकों से लाभकारी हो सकता है। एनल्स ऑफ मेडिसिन जर्नल में रिलीज हुई एक स्टडी के मुताबिक एक्सरसाइज या फिर कुछ खास ट्रेनिंग करने से अस्थमा के रोगियों में सांस लेने में होने वाली कठिनाई कम हो सकती है। 

एरोबिक एक्सरसाइज हो सकती है मददगार 

डॉ. Shuangtao Xing, एसोशिएट प्रोफेसर, स्कूल ऑफ फीजिकल एजुकेशन, हेनेन नॉर्मल यूनिवर्सिटी के मुताबिक एरोबिक और योग की ट्रेनिंग को करके अस्थमा के मरीजों में फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाया और सांस लेने की प्रकिया में सुधार किया जा सकता है। इससे राहत पाने के लिए आप ब्रीदिंग एक्सरसाइज कर सकते हैं। 

अस्थमा रोगियों के लिए 3 ब्रीदिंग एक्सरसाइज 

1. भ्रामरी 

अस्थमा में सांस लेने वाली कठिनाई को कम करने के लिए आप भ्रामरी प्राणायाम कर सकते हैं। यह एक प्रकार की ब्रीदिंग एक्सरसाइज है, जो श्वसन प्रणाली की कार्यक्षमता को बढ़ाती है और सांस लेने में हो रही कठिनाई को भी दूर करती है। यह प्राणायाम करने से प्रदूषण के कारण फेफड़ों पर पड़ने वाला असर भी कम होता है। 

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asthma 

2. अनुलोम-विलोम 

अनुलोम-विलोम प्राणायाम सांस से जुड़ी समस्याओं को कम करने में काफी लाभकारी होता है। इसे करने से सांस लेने की प्रक्रिया में सुधार होता है साथ ही साथ अस्थमा के लक्षणों में भी कमी आती है। इसके लिए मरीजों को नियमित रूप से कम से कम 10 से 15 मिनट तक इस आसन को करने की सलाह दी जाती है। 

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3. कपालभाति 

कपालभाति करना सेहत के लिए कई तरीकों से फायदेमंद होता है, इसे करने से फेफड़े मजबूत होते हैं साथ ही इसे करने से फेफड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचने की प्रक्रिया भी तेज होती है, जिससे सांस लेने में होने वाली कठिनाई कम होती है।

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