
कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसका इलाज अभी तक पूरी तरह से संभव नहीं हो पाया है। दुनियाभर की आबादी का एक बड़ा हिस्सा कैंसर से पीड़ित है। हर साल लाखों की संख्या में लोग इससे जान गवां कर हैं। हमारा इम्यून सिस्टम शरीर में होने वाले इंफेक्शन के साथ ही साथ कैंसर से लड़ने में भी मदद करता है। फिर भी कुछ लोगों की शरीर कैंसर से लड़ने में असमर्थ हो जाता है।
टी सेल्स पड़ जाती हैं कमजोर
दरअसल, शरीर में मौजूद साइटोटॉक्सिक टी सेल्स कैंसर सेल्स में पाए जाने वाले प्रोटीन को पहचान लेती हैं, जिसके बाद वह कैंसर सेल को नष्ट करने की प्रक्रिया में लग जाता है। लेकिन कुछ लोगों की शरीर में कैंसर का पता लगने से पहले ही कैंसर सेल्स बढ़ जाती हैं, जिस कारण T cell कैंसर सेल्स को मारने में असमर्थ हो जाती है। ऐसे में कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैलता जाता है और शरीर उससे लड़ नहीं पाता है। वैज्ञानिकों ने कैंसर से शरीर के लड़ने में असमर्थ होने का कारण बताया कि जब टी सेल कैंसर सेल्स को पहली बार पहचानती है तो शुरुआती दौर में वह ठीक से काम करती है, लेकिन बार-बार कैंसर सेल्स का सामना करने के बाद टी सेल्स कमजोर पड़ जाती हैं, जिससे इसकी क्षमता थोड़ी कम हो जाती है, जिस कारण शरीर कैंसर से लड़ नहीं पाता है।
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शुरुआती दौर में कैंसर कैसे ठीक होता है
इस विषय पर अधिक जानकारी पाने के लिए हमने ज़ायरोपैथी, स्वास्थ्य विशेषज्ञ कामायनी नरेश कुमार (Mr Kamayani Naresh Kumar, Health Expert, Zyropathy) से बातचीत। उन्होंने बताया कि ऐसे में खान-पान और लाइफस्टाइल में बदलाव भी अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में एसिडिक चीजें खाने से कैंसर सेल्स और बढ़ सकती हैं इसलिए ऐसे में एल्केलाइन फूड्सा का सेवन करें। ऐसी स्थिति में इम्यून सिस्टम को मजबूत रखें क्योंकि यह कैंसर सेल्स से लड़ने में मदद करता है। यही नहीं ऐसे में अगर शरीर में गांठ बने तो बिना देरी किए चिकित्सक से सलाह लें।
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