8 साल की उम्र में आ गया था 80 साल वाला बुढ़ापा, दुनिया की सबसे कम उम्र की बूढ़ी लड़की की इस बीमारी से मौत

पूरी दुनिया में सिर्फ 160 लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। फिल्म 'पा' में अमिताभ बच्चन को जो बीमारी थी, लगभग वैसी ही बीमारी से पीड़ित थी ये महिला।
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8 साल की उम्र में आ गया था 80 साल वाला बुढ़ापा, दुनिया की सबसे कम उम्र की बूढ़ी लड़की की इस बीमारी से मौत

फिल्म 'पा' में अमिताभ बच्चन का कैरेक्टर याद है आपको? इस फिल्म में अमिताभ बच्चन 'प्रोजीरिया' नामक बीमारी से प्रभावित दिखाए गए थे, जिसका शरीर सामान्य लोगों की अपेक्षा बहुत तेज गति से बूढ़ा होता है। हो सकता है फिल्म देखने के बाद कुछ लोगों ने इसे 'फिक्शन' मान लिया हो। मगर आपको बता दें कि प्रोजीरिया सच में एक दुर्लभ बीमारी है, जिसके रोगियों की संख्या दुनिया में बहुत कम है।

पिछले दिनों यूक्रेन में ऐसी ही एक महिला का मामला सामने आया है, जिसकी उम्र सामान्य लोगों की तुलना में 10 गुना तेजी से बढ़ रही थी। महज 8 साल की उम्र में इस लड़की का शरीर 80 साल के बूढ़े जैसा हो गया था। दुखद यह है कि 8 साल की उम्र में ही इस लड़की की कई गंभीर बीमारियों से लड़ते हुए मौत हो गई। और इसी के साथ ये लड़की दुनियाभर में बुढ़ापे के कारण सबसे कम उम्र में मरने वाली इंसान बन गई। इस लड़की का नाम अन्ना साकीडॉन (Anna Sakidon) था।

10 महीने की उम्र में चलने लगी थीं अन्ना

डेलीमेल के मुताबिक अन्ना साकीडॉन की वास्तविक उम्र सिर्फ 8 साल थी मगर बायलॉजिकल उम्र 80 साल थी। पिछले महीने ही उन्होंने अपना 8वां जन्मदिन मनाया था। अन्ना हमेशा से सबकी दुलारी रही थीं। महज 10 महीने की उम्र में उन्होंने खड़े होकर चलना सीख लिया था। वो इतनी अच्छी तरह चलती थीं कि लोगों को आश्चर्य होता था कि इतना छोटा बच्चा कैसे चल सकता है। 2 साल की उम्र में वो पूरे घर में भाग-दौड़ करने लगी थीं और अपनी मां के पीछे-पीछे लगी रहती थीं। यही नहीं तमाम बीमारियों से ग्रस्त होने के बावजूद अन्ना हमेशा खुश रहती थीं और हंसती रहती थीं। उन्हें अपने टेडीबियर को बांहों में भरकर किस करना अच्छा लगता था, मगर मां के अलावा अन्य लोगों के पास वो सुरक्षित नहीं महसूस करती थीं।

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दुर्लभ बीमारी से थी प्रभावित

8 साल की उम्र में भी अन्ना साकीडॉन का वजन 8 किलोग्राम से भी कम था। वो एक ऐसी बीमारी से पीड़ित थीं, जो पूरी दुनिया में सिर्फ 160 लोगों को है। उनकी मौत शरीर के कई अंगों के फेल होने के कारण (multiple failure of her inner organs) हुई। डॉक्टर्स बताते हैं कि इसका कारण उनका शरीर था जो इतनी जल्दी 80 साल के बूढ़े जैसा हो गया था। अन्ना की मां इवाना (Ivanna) ने पहले दिए इंटरव्यू में बताया था कि वो अपनी बेटी को ठीक करने के लिए सबसे कुछ कुर्बान कर सकती हैं। उनकी मां का एक ही सपना था कि किसी दिन कोई ऐसी जांच सामने आएगी, जिसमें डॉक्टर्स गलत साबित होंगे और उनकी बच्ची को बचा लिया जाएगा।

कैसे हुई अन्ना की मौत

अन्ना का इलाज करने वाली Dr Nadezhda Kataman बताती हैं कि, "अन्ना जनवरी में ही 8 साल की पूरी हुई थीं। आमतौर पर प्रोजीरिया से प्रभावित व्यक्ति का शरीर सामान्य लोगों की तुलना में 8 से 10 गुना ज्यादा तेजी से बूढ़ा होता है। इसलिए अन्ना की बायलॉजिकल उम्र 70-80 साल के बूढ़े जैसा था। उनकी हड्डियां तो धीरे-धीरे बढ़ रही थीं, मगर शरीर के अंग उनकी बायलॉजिकल उम्र के हिसाब से बूढ़े हो रहे थे। आमतौर पर ऐसे बच्चों की मौत स्ट्रोक के कारण होती है। अन्ना को भी कई बार स्ट्रोक्स के अटैक आए थे और लकवा (पैरालिसिस) भी हुआ था, जिसके कारण उन्हें अपने हाथ और पैरों को हिलाने में भी मुश्किल आने लगी थी।"

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अन्ना जन्म से ही एक जेनेटिक बीमारी से प्रभावित थीं, जिसे Hutchinson-Gilford progeria के नाम से जाना जाता है। दुनिया में सिर्फ 160 लोगों को ये बीमारी है।

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