
आपने अक्सर अपने बड़े-बुजुर्गों को ये कहते सुना होगा कि मोटापा कई बीमारियों की जड़ है, जिसमें डायबिटीज, ह्रदय रोगों और तमाम तरह की जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां भी शामिल हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मुताबिक, 1975 के बाद से दुनियाभर में मोटापा तीन गुना तक बढ़ गया है। इसके साथ ही बच्चों में मोटापा 21वीं सदी की सबसे गंभीर जन स्वास्थ्य चुनौतियों में से भी एक है, जो दर्शाता है कि आगे आने वाले समय में बीमारियां किस कदर लोगों पर हावी रहने वाली हैं। अत्यधिक वजन वाले बच्चे आगे चलकर मोटापे का शिकार हो जाते हैं, जिससे उनके कई रोगों के शिकार होने की संभावना और खतरा बहुत हद तक बढ़ जाता है।
जरूरत से ज्यादा वजन और मोटापा कई क्रॉनिक डिजीज का सबसे प्रमुख कारण है, जिसमें
- डायबिटीज
- ह्रदय रोग
- कैंसर शामिल है।
Today is #WorldObesityDay.
— World Health Organization (WHO) (@WHO) March 4, 2020
Worldwide obesity has nearly tripled since 1975.
Most of the 🌎🌍🌏's population live in countries where overweight & obesity kills more people than underweight.
Obesity is PREVENTABLE and TREATABLE.https://t.co/oeuauqWru6 pic.twitter.com/CsFt9ellxQ
डब्लूएचओ के मुताबिक, मोटापे को रोका जा सकता है और इसे कम भी किया जा सकता है बस जरूरत है जीवनशैली में छोटे-मोटे बदलाव और खान-पान बदलने की। डब्लूएचओ के मुताबिक, कम एनर्जी वाले फूड का ज्यादा सेवन और शारीरिक गतिविधियां न करने से अनहेल्दी तरीके से वजन बढ़ता है। शारीरिक गतिविधियों के स्तर में कमी के परिणामस्वरूप भी ऊर्जा का अभाव होता है और वजन बढ़ने लगता है।
An increased consumption of energy dense foods, without an equal increase in #PhysicalActivity, leads to an unhealthy increase in weight. Decreased levels of physical activity will also result in an energy imbalance and lead to weight gain.#WorldObesityDay pic.twitter.com/gKXgJzqmcb
— World Health Organization (WHO) (@WHO) March 4, 2020
खान-पान बदलने की शुरुआत आपके सुबह के नाश्ते से होनी चाहिए और दिन की अच्छी शुरुआत करने के लिए सुबह उठकर फ्रूट जूस पीने से अच्छा कुछ नहीं हो सकता है। जब बात फ्रूट जूस की आती है तो संतरे या मौसमी जैसे सिट्रस फल का विकल्प सबसे अच्छा और बेहतर माना जाता है। संतरा न केवल आपको खट्टा-मीठा स्वाद देता है बल्कि पूरे दिन होने वाली किसी भी तरह की परेशानी फिर चाहे शारीरिक थकान हो या मानसिक थकान से निपटने के लिए तैयार करता है। संतरा एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। संतरे के रस को अपनी डाइट में शामिल करने का एक और कारण है वजन कम करना। जी हां, अगर रोजाना संतरे की एक नियमित मात्रा का सेवन किया जाए तो शरीर पर चढ़ी अतिरिक्त चर्बी को कम किया जा सकता है और कई स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने में मदद मिल सकती है।
Eating a healthy diet 🍎🍉🍌🥕🥦🍆 can help prevent #obesity. People can:
— World Health Organization (WHO) (@WHO) March 4, 2020
✔️ maintain a healthy weight
✔️ limit total fat intake
✔️ increase consumption of fruit, vegetables, pulses, whole grains and nuts
✔️ limit the intake of free sugars and salthttps://t.co/oeuauqEQCy pic.twitter.com/oHE2k45cjd
Regular physical activity ⛹️♂️🏊♂️🏄♀️🚴♀️🚴♂️🤾♀️ helps maintain a healthy body.
— World Health Organization (WHO) (@WHO) March 4, 2020
People should engage in adequate levels of #PhysicalActivity. At least 150 minutes⏲️ of regular activity per week reduces the risk of:
☑️ cardiovascular disease
☑️ diabetes
☑️ colon cancer
☑️ breast cancer pic.twitter.com/3UYZgpvaHQ
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वेस्टर्न यूनिवर्सिटी स्थित रॉबर्ट्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने पाया है कि दिन में ढाई गिलास संतरे का जूस पीने से मोटापा कम किया जा सकता है और डायबिटीज व ह्रदय रोगों के खतरे को कम किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने मीठे संतरे में 'नोबलेटिन' नाम का मॉलीक्यूल पाया है, जो मोटापे को रोकने और उसे प्रंबधित करने का काम करता है। ये निष्कर्ष जर्नल ऑफ लिपिड रिसर्च में प्रकाशित हुए हैं।
शोधकर्ता मुर्रे हफ ने कहा, '' मोटापा और इसके परिणामस्वरूप मेटाबॉलिक सिंड्रोम हमारे स्वास्थ्य देखभाल तंत्र पर एक बहुत बड़ा भार है और हमारे पास बहुत कम चीजें ऐसी हैं, जो प्रभावी रूप से काम करती दिखाई देती हैं। हमें नए तौर-तरीकों की खोज पर जोर देना जारी रखने की जरूरत है।''
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टीम ने नोबलेटिन के प्रभावों की जांच के लिए नोबलेटिन के साथ चूहों को हाई फैट, हाई कोलेस्ट्रॉल वाली डाइट खिलाई। शोधकर्ताओं ने पाया कि ये चूहें पहले के मुकाबले पतले होते चले गए और इनका इंसुलिन रेजिस्टेंस व ब्लड फैट भी कम हो गया, विशेषकर उन चूहों के मुकाबले जिन्हें नोबलेटिन न देकर सिर्फ हाई फैट, हाई कोलेस्ट्रॉल वाली डाइट खिलाई गई।
हफ ने कहा, ''हम यह देखने की कोशिश कर रहे थे कि हम नोबलेटिन के साथ कुछ कमाल कर सकते हैं। हमें पता चला कि चूहों में मोटापे के सभी नकरात्मक प्रभाव भी कम हो गए। हम नोबलेटिन का प्रयोग कर इन सभी लक्षणों को कम कर सकते हैं और धमनियों में जमा प्लाक को कम करना शुरू कर सकते हैं।''
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