
दुनियाभर में कोरोना वायरस तेजी से फैला। कुछ देशों में अब भी दूसरी-तीसरी लहर आ चुकी है। इस वायरस के कारण लाखों लोगों की मौत हो गई, लेकिन यह अकेली बीमारी नहीं है, जिससे लाखों की संख्या में लोग मरे हैं। कई ऐसे बैक्टीरिया और मच्छर वाले रोग है जिनके कारण लोगों की मौत हो जाती है। हर साल मच्छर से होने वाले रोगों से करीब 7 लाख से ज्यादा मौतें हो जाती है। वहीं, अगर मलेरिया रोग की बात की जाए तो इसकी दवा होने के बाद भी हर साल करीब 4.35 लाख लोगों की मौत हो जाती है।
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इसके अलावा मच्छर से फैलने वाली बीमारी डेंगू-चिकगुनिया जैसी बीमारियों के खिलाफ अभी भी कोई वैक्सीन नहीं बनी है बल्कि प्लेटलेट्स थेरेपी से इसे ठीक करने की कोशिश की जाती है। इसलिए हम वर्ल्ड मॉस्कीटो डे के मौते पर इससे जुड़ी कुछ खास जानकारी जानने की कोशिश करते हैं।

विश्व मच्छर दिवस (World Mosquito Day) हर साल 20 अगस्त को मनाया जाता है। विश्व मच्छर दिवस लोगों में डेंगू-मलेरिया के कारणों और इसके लक्षणों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है ताकि लोग मच्छरों के रोगों को रोकने के लिए जरूरतमंद लोगों को सावधान कर सकें।
मच्छरों से होने वाले अलग-अलग रोग
मच्छर एक खतरे और मेजबान रोग हैं जिसमें मलेरिया और कई दूसरी घातक बीमारियां शामिल हैं। मच्छर अब लगभग एक सौ मिलियन से ज्यादा सालों से हैं, और उनके कारण होने वाली बीमारियों ने कई लोगों की जान ले ली है। हर दशक में लगभग 6 मिलियन मौतें अकेले मलेरिया के कारण होती हैं। मच्छर जनित कुछ बीमारियां:
- मलेरिया।
- डेंगू।
- चिकनगुनिया।
- पीला बुखार।
- इंसेफेलाइटिस।
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मच्छरों को लेकर कुछ खास तथ्य
- केवल मादा मच्छर मानव रक्त पर फीड करते हैं।
- मच्छर पृथ्वी पर सबसे घातक जानवर हैं।
- एक मच्छर की अधिकतम उम्र 5-6 महीने होती है।
- एक मच्छर के पंख प्रति सेकंड 300-600 बार मारते हैं।
- मच्छर बहुत धीरे-धीरे उड़ते हैं।
- मच्छरों को प्रजनन के लिए पानी की जरूरत होती है लेकिन बहुत ज्यादा नहीं।
- ज्यादातर मच्छर केवल 2-3 मील की यात्रा कर सकते हैं।
- मच्छर 75 फीट दूर कार्बन डाइऑक्साइड का पता लगाते हैं, ये उनकी खासियत होती है।
बीमारी फैलाने वाले मच्छर
एडीस, क्यूलेक्स, एशियन टाइगर मॉस्कीटो, क्यूलेक्स पिपेंस, मार्श मॉस्कीटो, सोरोफोरा सिलिएटा, टॉक्सोरिंच, क्यूलीसेटा, क्यूलिसिनेई, मैनसोनिया, येलो फीवर मॉस्कीटो, कुलीसिडे व अन्य।
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मच्छरों को भगाने का तरीका
- सभी पानी के कंटेनर को कवर करें।
- प्रत्येक सप्ताह में कम से कम एक बार पानी के टैंक, कंटेनर, कूलर, बर्डबैथ, पालतू जानवरों के पानी के कटोरे, पौधे के बर्तन, ड्रिप ट्रे को खाली करें और सूखाएं।
- बारिश के पानी को इकट्ठा न होने दें।
- खराब गटर और सपाट छतों के लिए नियमित रूप से जांच करें।
- एक रासायनिक नियंत्रण का इस्तेमाल भी कर सकता है, जैसे कि रासायनिक लार्विसाइड्स और एडल्टिसाइड।
- कीट से बचाने वाली क्रीम या दवाओं का इस्तेमाल करें।
- पूरे कपड़े पहनें जो शरीर को अच्छी तरह से कवर करते हों।
- बच्चों को मच्छरदानी के नीचे ही सुलाएं।
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