वर्क फ्रॉम होम का लोगों की नींद पर हो रहा है बुरा असर, जानें स्लीप साइकिल को संतुलित रखने के आसान उपाय

नेशनल स्लीप फाउंडेशन एक स्लीप शेड्यूल से चिपके रहने की सलाह देता है, तो आइए जानते हैं नींद को नियमित करने के तरीके।
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वर्क फ्रॉम होम का लोगों की नींद पर हो रहा है बुरा असर, जानें स्लीप साइकिल को संतुलित रखने के आसान उपाय

लॉकडाउन के दौरान ज्यादातर लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। वहीं वर्क फ्रॉम होम के बारे में अक्सर लोगों की अवधारणा यही होती है कि हम मस्ती से काम कर रहे होते हैं। जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है। दरअसल हाल ही में आया शोध बताता है कि वर्क फ्रॉम होम ने लोगों के नींद के चक्र को प्रभावित किया है। ज्यादातर लोगों को ठीक से नींद नहीं आ रही है, जिसके कारण उनके मानसिक स्वास्थ्य पर इसका खराब असर पड़ रहा है। बेंगलुरु में नींद से जुड़े विकारों के लिए काम करने वाली संस्था वेकफिट. कॉम (Wakefit) द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार भारत में लगभग 67 प्रतिशत लोग अब देर से सो रहे हैं। आइए जानते हैं इस शोध के बारे में विस्तार से।

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लॉकडाउन के बाद लोगों के नींद और जागने के चक्र प्रभावित हुआ है

लॉकडाउन और अब इसके विस्तार ने लोगों के आंदोलनों को प्रतिबंधित कर दिया है, जिससे वे अपने घर तक ही सीमित रहते हैं और दिन-प्रतिदिन काम की समय सीमा को पूरा करते हैं। लेकिन, इसने उनके नियमित घंटों को भी बदल दिया है, और किसी तरह से उनके नींद-जागने के चक्र को प्रभावित किया है। कई लोग इस समय अतिरिक्त जिम्मेदारियों से घिर गए हैं, जिससे उनका रूटीन बदल गया है। घर का ख्याल रखते हुए, और परिवार के अन्य सदस्यों विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, अपने काम के प्रबंधन के दबाव का सामना कर रहे हैं। इसलिए अब, एक निश्चित समय पर अपने वर्कस्टेशन से लॉग आउट करने के बाद भी खुद को समय नहीं दे पा रहे हैं।

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ऑफिस वर्क और पर्सनल कमिटमेंट्स के बीच हैं परेशान

जैसा कि पहले भी था लोग ऑफिस वर्क और पर्सनल कमिटमेंट्स के बीच परेशान रहते थे, पर अब ये और ज्यादा बढ़ गया है। इससे कई वयस्कों में नींद की कमी हो गई है, और संभावित रूप से मानसिक स्वास्थ्य संकट भी हो सकता है। शोध में बताया गया है कि पहले की तुलना में अब लॉकडाउन के बाद लगभग 81 प्रतिशत लोग इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि लॉकडाउन समाप्त हो जाने के बाद, उनकी नींद का कार्यक्रम बेहतर हो जाएगा। अध्ययन के लिए, लगभग 1,500 लोगों का मूल्यांकन किया गया था। अध्ययन से यह भी पता चला कि जबकि 46 प्रतिशत उत्तरदाता लॉकडाउन से पहले रात 11 बजे से पहले सोते थे, अब उनमें से केवल 39 प्रतिशत ही ऐसा करने का प्रबंधन करते हैं। इसी तरह, पहले 25 प्रतिशत उत्तरदाता लॉकडाउन से पहले आधी रात के बाद बिस्तर पर जाते थे, अब 35 प्रतिशत ने ऐसा करना शुरू कर दिया है। चल रही महामारी, नौकरी की सुरक्षा, वित्त का प्रबंधन और परिवार व दोस्तों के बारे में चिंता करने वाले स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं 49 प्रतिशत लोगों को रात में सोने नहीं देती।

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स्लीप साइकिल को संतुलित रखने के आसान उपाय

  • -शरीरिक गतिविधियां जैसे कि चलना, एक्सरसाइज करना और खेलने जैसी गतिविधियों का बढ़ाएं, इससे आप जब थक जाएंगे तो आपको बेहतर नींद आएगी।
  • -योग और ध्यान की मदद से मन को शांत करने की कोशिश करें।
  • -सोने से पहले हल्दी वाला दूध पिएं। इससे आपको अच्छी नींद आ सकती है।
  • - कुछ लोग सोने से पहले गुनगुने पानी से नहा भी सकते हैं, इससे उनका स्ट्रेस कम होगा और अच्छी नहीं भी आएगी।
  • -फोन बंद करें और कोई अच्छी सी किताब पढ़ें। पढ़ने से आपको जल्दी और अच्छी नींद आएगी।
  • -हर दिन एक ही वक्त पर सोएं और एक ही वक्त पर जागें इससे आपकी स्लीप साइकिल संतुलित हो जाएगी।

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