
पलकों का झपकना आंखों के लिए अच्छा माना जाता है लेकिन अगर पलकें बार-बार झपकने लगें तो यह सामान्य नहीं है। यह गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।
कई लोगों की पलकें ज्यादा झपकती हैं, लेकिन हम एक आम समस्या समझकर इसे नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि ये आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है। 1 मिनट में 10 बार पलकें झपकना सामान्य है लेकिन अगर आपकी पलकें 1 मिनट में 10 बार से ज्यादा बार झपकती हैं तो ये सामान्य नहीं है। बार-बार पलकें झपकना या फिर हद से ज्यादा पलकें झपकने का कारण हो सकता है ब्लेफरोस्पाज्म (Blepharospasm) बीमारी के संकेत।
ब्लेफरोस्पाज्म (Blepharospasm) रोग में हद से ज्यादा पलकें झपकती हैं और इसमें आपको आंखों की मांसपेशियां सिकुड़ने लगती है। ऐसे में आपको पलकें ज्यादा उठाने में परेशानी होती है और आपकी पलकें बार-बार झपकती हैं। ब्लेफरोस्पाज्म रोग के कारण आपकी आंखों की रोशनी जाने का खतरा भी बना रहता है। लेकिन अक्सर लोग इस तरह की समस्या को नजरअंदाज कर देते हैं जबकि ये गलत है। आपको इस रोग की पहचान करते ही डॉक्टर से संपर्क कर संबंधित जांचें करवानी चााहिए। ब्लेफरोस्पाज्म रोग को पहचानने के लिए जरूरी है कि आपको इसके लक्षणों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। आइए ब्लेफरोस्पाज्म रोग के कारण, लक्षण और बचाव के तरीके बताते हैं।
ब्लेफरोस्पाज्म का कारण (Cause Of Blepharospasm)
बढ़ती उम्र के साथ ब्लेफरोस्पाज्म की समस्या पैदा होना भी आम है। दरअसल उम्र बढ़ने से लीवेटर टिशू के पलकें उठाए रखने में असक्षम होता है जिसकी वजह से पलकें जल्दी-जल्दी झपकती रहती हैं। इसकी वजह से दोनों आंखों पर काफी प्रभाव पड़ता है। वहीं, बच्चों की आंखों में मांसपेशियों के विकास में समस्या आने से ऊपरी पलक में ब्लेफरोस्पाज्म (Blepharospasm) हो जाता है। अगर पलक झपकने से बच्चे को देखने में परेशानी हो रही है, तो तुरंत आपको सर्जरी करानी चाहिए नहीं तो इससे बच्चे की आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
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ब्लेफरोस्पाज्म के लक्षण (Symptoms Of Blepharospasm)
- आंखों की मांसपेशियां सिकुड़ना।
- ज्यादा पलकें झपकना।
- पलकें झपकानें में भारीपन महसूस होना।
- आंखें सामान्य से ज्यादा छोटी दिखाई देना।
- पलकों में दर्द के कारण सिर में भी दर्द होना।
- आंखों के नीचे की बनावट में बदलाव।
डॉक्टर के पास कब जाएं ? (When to go to the doctor)
पलकें बार-बार झपकना एक गंभीर समस्या है ऐसे में आपको लापरवाही बिलकुल भी नहीं करनी चाहिए, बल्कि आपको तुरंत इस बारे में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- पहलें अपने आप बार-बार बंद हो जाना।
- कई हफ्तों तक ज्यादा पलकें झपकने की समस्या।
- पलकें झपकने के कारण दूसरे हिस्से में भी परेशानी हो रही हो।
- आंखें लाल पड़ना, आंखों में सूजन रहने पर।
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ब्लेफरोस्पाज्म से बचाव (How to prevent Blepharospasm)
- कैफीन का सेवन कम से कम मात्रा में करें।
- रोजाना अपनी नींद अच्छी तरह पूरी करें।
- आंखों में ऐंठन होने पर अपनी आंखों पर किसी गर्म चीज से सेकें।
- शराब और तंबाकू से बनाएं दूरी, ध्यान रहे आपके लिए शराब या अल्कोहल और तंबाकू काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है इसलिए ऐसी चीजों का सेवन न ही करें।
- आंखों की एक्सरसाइज नियमित रूप से करें, इसके लिए आप अपने चेहरे को सामने की ओर स्थिर रखकर आंख की पुतलियों को ज्यादा से ज्यादा ऊपर की ओर ले जाएं। पलकों को बिना झपकाए पुतलियों को तब तक ऊपर रखें, जब तक आंखों में जलन के साथ पानी न निकलने लगे।
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