इन 5 कारणों से पुरुषों से कम कमाती हैं महिलायें

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संघ की रिपोर्ट की मानें तो पुरुषों की तुलना में महिलाएं लगभग तीन गुना कम कमाती हैं, क्‍योंकि घर की जिम्‍मेदारी अभी भी महिलाओं के कंधे पर होती है न‍ कि पुरुषों के ऊपर।
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इन 5 कारणों से पुरुषों से कम कमाती हैं महिलायें


पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाली महिलाओं ने सभी क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जहां पर महिलाएं काम न कर रही हों। लेकिन बात अगर कमाने की हो तो पुरुषों से वे अभी भी पीछे हैं। पारिवारिक जिम्‍मेदारियां, पार्ट-टाइम जॉब पर ध्‍यान देना, आदि कई कारण हैं जिसकी वजह से महिलाओं की आमदनी पुरुषों के मुकाबले कम है। इस लेख में विस्‍तार से जानिये क्‍यों पुरुषों से कम कमाती हैं महिलायें।
Women Make Less Money in Hindi

इस रिपोर्ट को पढ़ें

महिलाएं अपने बच्चों का पालन-पोषण करने के साथ काम करती हैं। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संघ की रिपोर्ट की मानें तो पुरुषों की तुलना में महिलाएं लगभग तीन गुना कम कमाती हैं। साथ ही महिलाओं को करियर में आने वाली बाधाओं का सामना भी अधिक करना पड़ता है। इंटरनेशनल ट्रेड यूनियन कनफेडरेशन द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि घर की जिम्मेदारी महिलाओं के करियर को चोट पहुंचाती है। इसके कारण ही वे पुरुषों कम पैसे कमाती हैं।

घर की जिम्‍मेदारी

पुरुषों की तुलना में महिलाएं घर की जिम्‍मेदारी पर अधिक ध्‍यान देती हैं। कम्यूनिटी बिजनेस द्वारा किए जेंडर डाइवर्सिटी बेंचमार्क फॉर एशिया 2011 (2011 एशिया के लिए लिंग विविधता सूचकांक) के सर्वेक्षण की मानें तो महिलाएं “बेटी वाली आत्मग्लानी” के अतिरिक्त दबाव का सामना करती हैं। इसके कारण ही वे घर और परिवार की जिम्‍मेदारी को अपना कर्तव्‍य मानती हैं। भारत जैसे देश में यह एक परंपरा की तरह है, जिसमें पुरुष कमाता है और महिलायें घर की देखभाल करती हैं।


बच्‍चों की जिम्‍मेदारी

शादी के बाद बच्‍चे पैदा होने के बाद उनकी लालन-पालन का ध्‍यान पुरुष नहीं महिलायें करती हैं, जिसके कारण उनको नौकरी छोड़नी पड़ती है। शादीशुदा महिलाएं बच्‍चे पैदा होने के बाद जॉब भी छोड़ देती हैं। इंटरनेशनल ट्रेड यूनियन कनफेडरेशन की रिपोर्ट के मुताबिक जो महिलाएं अपने बच्चों के साथ रहती हैं वह लगभग 68 फीसदी कमाती है। जबकि जिन महिलाओं के बच्चे नहीं होते वे 74 फीसदी कमाती हैं।

संतुष्टि का भाव

एलीट डेली में छपे एक शोध की मानें तो पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में पैसे को लेकर संतुष्टि का भावना अधिक होती है। वे कम पैसे में भी खुद को संतु‍ष्‍ट रखती हैं। इसका यह मतलब भी नहीं है कि महिलायें कम मेहनत कर सकती हैं। महिलायें कार्यालय की बजाय अधिक समय अपने परिवार वालों के साथ बिताने में पसंद करती हैं।

सही माहौल न मिलना

वर्तमान में अधिकतर कं‍पनियों में पुरुष कर्मियों की संख्‍या ज्‍यादा है, अच्‍छे और ऊंचे ओहदे पर पुरुष होते हैं। महिलायें जब इन जगहों पर काम के लिए जाती हैं तब उनको उपयुक्‍त माहौल नहीं मिल पाता है और वे ऐसी जगह पर सहज महसूस नहीं कर पाती हैं। जिसके कारण वे काम छोड़ने का निर्णय लेती हैं।
Women Make Less Money Than Men in Hindi

आत्‍मविश्‍वास की कमी

एलीट डेली द्वारा किये गये शोध में यह बात भी सामने आयी कि, नौकरी के लिए जब किसी पद के लिए महिलायें आवेदन करती हैं तो उनका आत्‍मविश्‍वास कम होता है, और वे यह मानती हैं कि पुरुषों की तुलना में इस जगह के लिए पुरुषों का चयन आसानी से हो जायेगा। ऐसे में जब उसी काम के लिए पैसे की बात आती है तो वे कम पैसे में भी काम करने के लिए राजी हो जाती हैं।

महिलायें पुरुषों से कम कमाती हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि उनमें क्षमता नहीं है, बल्कि सच्‍चाई यह है कि इस पुरुषवादी समाज में घर की जिम्‍मेदारी अब भी महिलाओं के ऊपर ही है, जिससे वे काम पर कम और घर पर अधिक ध्‍यान देती हैं।

 

Image Source - Getty Images

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