जब भी बात शरीर में फैट की आती है तो लोग इसे हेल्थ के लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं मानते हैं। लेकिन इसके परे एक सच्चाई ये भी है कि कुछ तरह के फैट (Fats) हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है। कुछ फैट हमारे शरीर पर बेहद बुरा प्रभाव डालते हैं। अच्छे फैट हमारे डाइजेशन और हार्मोन के स्तर को सही रखते हैं। जबकि अन्य हमारे जीवन के लिए काफी खतरनाक हो सकते हैं (visceral fat, harmful effect)। खराब वसा यानी कि बैड फैट से हमें टाइप 2 डायबिटीज, दिल से जुड़ी बिमारी, हाई ब्लडप्रेशर, कैंसर तक हो सकता है। वहीं गुड फैट शरीर को काम करने की ऊर्जा देता है। जिसमें एस्ट्रोजन, भूख बढने की क्षमता, इंसुलिन, तनाव के हार्मोन से मुक्ति मिलती है। सबसे पहले जानिए विभिन्न प्रकार के फैट्स से संबंधित जानकारी। तो, आइए आज हम सबसे पहले जानते हैं शरीर में फैट के प्रकार (Types of body fat in hindi)
शरीर में फैट के प्रकार (Types of body fat in hindi)
1.कितना जरूरी है वाइट फैट (White Fats)
एक अच्छी हेल्थ के लिए वाइट यानि की गुड फैट का होना सबसे ज्यादा जरूरी है। लेकिन शरीर में इस फैट का ज्यादा स्तर भी हानिकारक होता है। देखा जाए तो एक हेल्दी शरीर के लिए गुड फैट के स्तर का प्रतिशत आपकी फिटनेस या शारीरिक गतिविधि के स्तर पर भी आधारित होता है।
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2.ब्राउन फैट क्या है (Brown Fats)
इस तरह का फैट ज्यादातर बच्चों में पाया जाता है। हालांकि इस फैट की मात्रा एक व्यस्क इंसान के अंदर बहुत ही कम होती है। लेकिन ये फैट शरीर के गर्दन और कंधों में होता है। इस तरह का फैट आपके शरीर को गर्म बनाए रखने के लिए फैटी एसिड्स को बर्न करता है। विशेषज्ञों की मानें तो मोटापे को रोकने में मदद करने के लिए ब्राउन फैट की गतिविधि का शरीर में होना बेहद जरूरी है।
3.बेज या ब्राइट फैट (Mix Fats)
ये फैट शोधकर्ताओं के लिए भी नया है। ये फैटी कोशिकाएं ब्राउन और वाइट फैट कोशिकाओं के बीच काम करती हैं। इसी तरह ब्राउन फैट के लिए बेज कोशिकाएं उन्हें स्टोर करने के बजाय उन्हें बर्न करने में मदद करती हैं। ऐसा माना जाता है कि जब भी आप तनाव में रहते हैं या व्यायाम करते हैं तो, कुछ हार्मोन और एंजाइम रिलीज होते हैं, जो वाइट फैट को बेज वसा में बदलने में मदद कर सकते हैं।
4. जरूरी फैट (Essential)
शरीर को कुछ फैट की जरूरत होती है। जो आपके शरीर को स्वस्थ बनाने में मदद करता है। ये आपके दिमाग, नसों के ऊपर एक पतली झिल्ली के रूप में कार्य करते है। ये हार्मोन कंट्रोल में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं। जिसमें प्रजनन क्षमता, विटामिन अवशोषण और तापमान कंट्रोल शामिल हैं।
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5. आंतों का फैट (Visceral Fat)
किसी भी उम्र के इंसान के शरीर में फैट का ज्यादा होना उसकी हेल्थ को प्रभावित करता है। देखा जाए तो स्किन के नीचे जमा फैट गंभीर बीमारियों को दावत दे सकता है। इस फैट को बैली फैट के रूप में भी जाना जाता है। आंतों का फैट आपके पेट के सभी प्रमुख हिस्सों जैसे कि लिवर, किडनी, आंत और दिल में जमा होता है। इसका मुख्य कारण ज्यादा कैलोरी वाला खाना है। जिस वजह से ये शरीर के कुछ हिस्सों में जमा होने लगता है।
क्यों शरीर के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदेह है विसरल फैट-Why visceral fat is not good for health?
आतों में फैट महिलाओं में सबसे ज्यादा देखा जाता है। पीरियड्स खत्म होने के बाद अक्सर महिलाओं की मांसपेशियों का भार कम होने लगता है और चर्बी बढ़ने लगती है। वहीं पुरुषों में एक उम्र और पीढ़ियों के चलते आंत में फैट जमा होने लगता है। शराब का सेवन करने से पुरुषों के पेट में चर्बी जमा होने लगती है।
- -दिल का दौरा पड़ने का खतरा (Heart Attack)
- -टाइप 2 डायबिटीज का खतरा (Type- 2 Diabetes)
- -हाई ब्लडप्रेशर की समस्या (Hypertension)
- -तनाव का बढ़ना (Anxiety)
- -ब्रेस्ट और कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा (Colorectal Cancer)
- -अल्जाइमर होने खा खतरा (Alzheimer)
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फैट नापे कैसे (How To Measure)
शरीर में एकत्रित हो रहे इस फैट को मापने का सबसे आसान तरीका है कि आप अपनी कमर के साइज को मापें। बढ़ता कमर का साइज आपको संकेत देता है कि शरीर में विसरल फैट की मात्रा बढ़ रही है। हालांकि एमआरआई स्कैन से भी विसरल फैट का पता किया जा सकता है, लेकिन यह एक महंगी प्रक्रिया है।
शरीर में कुछ मात्रा फैट की होना जरूरी है। पर फैट किसी भी तरह का क्यों ना हो, वो तब जानलेवा बन जाता है, विशेषकर विसरल फैट यानी कि आंतों की वसा जब इसकी अधिकता होने लगती है। इससे कई जानलेवा बीमारियों का खतरा भी बढ़ने लगता है। आप इसे संतुलित रखने के लिए कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करें। साथ ही एरोबिक और व्यायाम करने के साथ अपने आहार में प्रोटीन को जरुर शामिल करें।
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