
ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी समस्या है जिसमें हमारी हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। जब शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है तो यह रोग सीधे तौर पर जन्म ले लेता है। हालांकि इस रोग का प्रमुख कारण कुपोषित आहार है जिसमें कैल्शियम और विटामिन डी का कम होना और व्यायाम की कमी है। यह सच है कि यदि आप एक महिला हैं, तो आप पुरुषों की तुलना में ऑस्टियोपोरोसिस की जल्दी शिकार होंगी। इंटरनेशनल ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन का डाटा बताता है कि दुनिया भर में लगभग 200 मिलियन महिलाएं इस रोग से प्रभावित हैं।
महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस
महिलाएं, पुरुषों की तुलना में जन्म के वक्त से ही कमजोर पैदा होती हैं और वे उम्र के रूप में हड्डी के द्रव्यमान को अधिक तेजी से खो देती हैं, जो बाद में महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या को जन्म देता है। 20 से 80 वर्ष की उम्र के बीच, औसत सफेद महिला पुरुषों में केवल एक-चौथाई की हड्डी घनत्व हानि की तुलना में, उसकी हिप हड्डी घनत्व का एक-तिहाई खो देती है। दरअसल हमारी हड्डियां कैल्शियम, फॉस्फोरस और प्रोटीन के अलावा कई प्रकार के मिनरल्स से बनी होती हैं। लेकिन अनियमित जीवनशैली और बढ़ती उम्र के साथ ये मिनरल नष्ट होने लगते हैं, जिस वजह से हड्डियों का घनत्व कम होने लगता है और वे कमजोर होने लगती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण जल्दी दिखाई नहीं देते हैं। महिलाओं का शरीर अपेक्षाकृत कमजोर होता है इसलिए कई बार मामूली से चोट भी फ्रैक्चर का रूप ले लेती है।
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क्यों होता है आॅस्टियोपोरोसिस?
- आनुवंशिक यानि कि जेनेटिक समस्या भी इसका कारण हो सकती है।
- खानपान में प्रोटीन, विटामिन डी और कैल्शियम की कमी।
- नियमित योग और व्यायाम का अभाव।
- अधिक धूम्रपान, एल्कोहल का सेवन और लेट नाइट पार्टी के चलते दिनचर्या खराब करना।
- बहुत ज्यादा सॉफ्ट ड्रिंक पीना या नमक का अधिक सेवन करना, आदि।
महिलाओं को क्यों होता है जल्दी आॅस्टियोपोरोसिस
पुरुषों की तुलना में महिलाएं अपनी काया और फिगर को लेकर अधिक गंभीर होती हैं। इसलिए डाइटिंग का चलन भी महिलाओं में अधिक देखा जाता है। यानि कि हम कह सकते हैं कि कहीं न कहीं डाइटिंग भी महिलाओं में आॅस्टियोपोरोसिस का कारण बनती है। इसके अलावा खाना कम खाने से या खाने में परहेज करने से शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता, जिसकी वजह से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। जो महिलाएं शराब और सिगरेट पीने की आदि होती हैं उन्हें भी ये रोग जल्दी पकड़ता है।
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क्या हैं इसके बचाव
- कैल्शियम और विटामिन डी युक्त आहार का सेवन करें।
- धूप में सामान्य खुलेपन से शरीर को विटामिन डी के उत्पादन में मदद मिलती है। इसलिए सुबह की धूप में 8 से 10 मिनट बैठें।
- रोजाना नियमित रूप से वजन उठाने वाले व्यायाम करें। इसके अलावा आप दौड़ना, तेज चलना, नृत्य, टेनिस, बैडमिंटन और क्रिकेट आदि भी खेल सकते हैं।
- अत्यधिक कैफीन युक्त पेय पदार्थ, जैसे कॉफी और चाय से बचें।
- कैल्शियमयुक्त आहार जैसे दूध, दही और पनीर का ज्यादा सेवन करें।
- अपनी रोजाना की डाइट में सोयाबीन, टोफू, मछली, दाल, पालक और दूध को शामिल करें।