हेपेटाइटिस की वजह से रोजाना जा रही हैं 3500 लोगों की जान, WHO ने शेयर की नई रिपोर्ट

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हेपेटाइटिस इंफेक्शन के मामले दुनियाभर में इतने बढ़ गए हैं कि रोजाना इस बीमारी के चलते 3500 लोगों की जान जा रही है।
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हेपेटाइटिस की वजह से रोजाना जा रही हैं 3500 लोगों की जान, WHO ने शेयर की नई रिपोर्ट


हेपेटाइटिस लिवर से जुड़ी एक प्रकार की बीमारी है, जो आमतौर पर वायरल इंफेक्शन होने पर होती है। यह एक गंभीर स्थिति है, जिसे नजरअंदाज करने पर कई बार जान तक जाने का खतरा रहता है। इस बीमारी में लिवर में सूजन आ जाती है, जिससे लिवर की कार्यक्षमता पर भी काफी असर पड़ता है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हेपेटाइटिस के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जाहिर की है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हेपेटाइटिस इंफेक्शन के मामले दुनियाभर में इतने बढ़ गए हैं कि रोजाना इस बीमारी के चलते 3500 लोगों की जान जा रही है। 

रोजाना 3500 लोगों की हो रही है मौत 

हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने हेपेटाइटिस को लेकर एक रिपोर्ट शेयर की है, जिसके मुताबिक हेपेटाइटिस से संक्रमित होने के बाद दुनियाभर में रोजाना 3500 लोगों की मौत हो रही है। 2024 ग्लोबल हेपेटाइटिस रिपोर्ट की मानें तो यह बीमारी दुनियाभर में दूसरे सबसे ज्यादा होने वाले इंफेक्शन का रूप ले चुकी है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक टीबी के बाद हेपेटाइटिस के कारण बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हो रहे हैं। इस बीमारी के चलते हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत हो रही है। 

187 देशों का लिया गया डेटा 

हेपेटाइटिस से प्रभावित होने वाले मरीजों की रिपोर्ट तैयार करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कुल 187 देशों का डेटा लिया गया। डेटा के मुताबिक हेपेटाइटिस के मरीजों की संख्या साल 2019 में 1.1 मिलियन थी, जो साल 2022 में बढ़कर 1.3 मिलियन तक पहुंच चुकी है। इसमें से 83 प्रतिशत मामले हेपेटाइटिस बी के थे बाकी के 17 प्रतिशत हेपेटाइटिस सी के थे। आंकड़ों की मानें तो हेपेटाइटिस बी लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित कर रहा है। आंकड़ों की मानें तो साल 2022 में 254 लोग हेपाटाइटिस बी की चपेट में आए थे। 

इसे भी पढ़ें - हेपेटाइटिस क्या है? जानें क्यों होती है ये बीमारी और लिवर खराब होने की शुरुआत कैसे होती है

हेपेटाइटिस से बचने के तरीके 

  • हेपेटाइटिस से बचने के लिए आपको समय-समय पर हेपेटाइटिस की जांच करानी चाहिए। 
  • इसके लिए ब्लेड और रेजर आदि जैसी चीजें शेयर करने से बचें। 
  • इससे बचने के लिए वैक्सीनेशन कराएं। 
  • ऐसे में किसी का भी इस्तेमाल किए हुए इंजेक्शन लगवाने से बचें। 

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