कोरोना के बाद अब मंकीपॉक्स भी नहीं रहा हेल्थ इमरजेंसी, WHO ने की घोषणा

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि मंकीपॉक्स ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी नहीं है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि इससे बचाव की जरूरत भी खत्म हो गई है।
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कोरोना के बाद अब मंकीपॉक्स भी नहीं रहा हेल्थ इमरजेंसी, WHO ने की घोषणा


Monkeypox is Not Public Health Emergency: कोरोना वायरस के बाद मंकीपॉक्स को लेकर राहत भरी खबर आई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ऐलाना किया है कि अब मंकीपॉक्स अब ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी नहीं कहलाएगी। गुरुवार को WHO की कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया है। WHO की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मंकीपॉक्स के मामले दुनियाभर में कम हो रहे हैं। बयान में कहा गया है कि दुनियाभर के 111 देशों में इस वायरस के 87 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। हालांकि अब मामलों में कमी आ रही है और यह वायरस गंभीर खतरे का कारण नहीं है। यही वजह है कि अब मंकीपॉक्स को वैश्विक महामारी नहीं कहा जा सकता है। WHO ने अपने बयान में यह भी कहा है मंकीपॉक्स से सिर्फ ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी का टैग हटाया गया है। इसका मतलब यह नहीं है कि वैश्विक स्तर पर यह बीमारी पूरी तरह खत्म हो गई है। इसलिए अभी भी इस वायरस को लेकर जो नियम लागू किए गए उनका पालन करते रहना है।

मंकीपॉक्स के कारण होने वाली मौतों की संख्या हुई कम

पिछले साल जुलाई में WHO के डीजी टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसुस ने मंकीपॉक्स को हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। उस समय दुनियाभर में मंकीपॉक्स वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे थे। हालांकि पिछले 3 महीनों में इस वायरस के मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही थी। साथ ही, मौतों की संख्या भी कम हो गई थी। यही कारण है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी की सूची से हटाने का फैसला लिया है।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बदला था मंकीपॉक्स का नाम- New Name of Monkeypox Virus

इससे पहले दिसंबर 2022 में WHO ने मंकीपॉक्स वायरस का नाम बदलने की भी घोषणा की थी। WHO ने इस बीमारी का नाम बदलकर मंकीपॉक्स से एमपॉक्स (Mpox) कर दिया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन को पिछले दिनों कई देशों से इस बीमारी का नाम बदलने का सुझाव मिला था जिसके बाद डब्ल्यूएचओ ने इसका नाम बदल था। WHO ने मंकीपॉक्स बीमारी का नाम बदलने को लेकर यह दलील दी थी कि मंकीपॉक्स का प्रकोप शुरू होने पर दुनियाभर के कई देशों इसके लिए आपत्तिजनक, भेदभावपूर्ण और नस्लभेदी भाषा का इस्तेमाल किया था। इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के सामने कई देशों ने अपनी चिंता भी व्यक्त की थी।

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कोरोना भी अब महामारी नहीं

मंकीपॉक्स से पहले WHO ने कोरोना वायरस को वैश्विक महामारी की सूची से हटा दिया था। डब्ल्यूएचओ के अध्यक्ष टेड्रोस अदनोमो घेब्रेयस ने अपने ट्वीट में कहा था, "संगठन की इमरजेंसी समिति की 15वीं बैठक हुई।  मुझे यह बताया गया कि अब पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी के तौर पर कोरोना के खत्म होने का ऐलान कर देना चाहिए।  मैंने उनकी सलाह स्वीकार कर ली।  इसलिए अब बड़ी उम्मीद के साथ मैं ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी के तौर पर कोरोना के खत्म होने का ऐलान करता हूं।  लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोरोना पूरी तरह से खत्म हो गया है। हमें इसे लेकर सावधानी बरतनी चाहिए।"

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