WHO Changed The Name of Monkeypox: कोरोना वायरस संक्रमण के बाद दुनियाभर में मंकीपॉक्स (Monkeypox in Hindi) एक बड़ी महामारी बनकर सामने आया था। हालांकि अब इस गंभीर संक्रमण का कहर कम हो गया है लेकिन इन सबके बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स का नाम बदल दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स बीमारी का नाम बदलने को लेकर यह दलील दी है कि मंकीपॉक्स का प्रकोप शुरू होने पर दुनियाभर के कई देशों इसके लिए आपत्तिजनक, भेदभावपूर्ण और नस्लभेदी भाषा का इस्तेमाल किया था। इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के सामने कई देशों ने अपनी चिंता भी व्यक्त की थी। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स का नाम बदल दिया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दिया मंकीपॉक्स को नया नाम- New Name of Monkeypox Virus
दुनियाभर में मंकीपॉक्स वायरस को लेकर नस्लवादी और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल होने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बीमारी का नाम बदलकर मंकीपॉक्स से एमपॉक्स (Mpox) कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन को पिछले दिनों कई देशों से इस बीमारी का नाम बदलने का सुझाव मिला था जिसके बाद डब्ल्यूएचओ ने इसका नाम बदल दिया है।
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क्या पड़ा था मंकीपॉक्स नाम- Why Was Monkeypox Named?
साल 1958 में डेनमार्क में शोध के लिए रखे गए बंदरों में इस बीमारी की सबसे पहले पहचान की गयी थी। इसके बाद ब्रिटेन में जब यह बीमारी फैलनी शुरू हुई तो तमाम जगहों पर बंदरों को जहर देकर मारा जाने लगा था। इसके बाद इस बीमारी को मंकीपॉक्स नाम दिया गया था। मंकीपॉक्स को मंकीपॉक्स नाम देने के पीछे यही लॉजिक दिया गया था। हालांकि इस बार मंकीपॉक्स का नाम बदलने से पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रवक्ता मार्गरेट हारिस ने कहा कि मंकीपॉक्स वायरस भले ही जानवरों से इंसानों में फैलता है लेकिन इसके लिए हमें बंदरों को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए।
जानकारी के लिए बता दें कि इस साल मई महीने में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था और इसके बाद यह वायरस दुनियाभर में कहर बरपा चुका है। चूंकि मंकीपॉक्स संक्रमण की वजह से मौतों का आंकडा कोरोना जैसा नहीं है इसलिए लोग इसे हल्के में ले रहे थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक आंकड़े के मुताबिक दुनियाभर में अब तक मंकीपॉक्स के मामले 80 हजार से ज्यादा दर्ज हो चुके हैं और 55 लोग इसकी वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं।
(Image Courtesy: Freepik.com)
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