कई महीनों के लॉकडाउन, लगातार बिगड़ती अर्थव्यवस्था और तरह-तरह के उपायों के बाद दुनिया ने ये जान लिया है कि कोरोना वायरस को रोकने का सिर्फ एक ही हथियार है और वो है इसकी वैक्सीन। दुनिया के अलग-अलग देश कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का दावा कर चुके हैं, मगर वास्तविक सफलता अभी किसी देश को नहीं मिली है। फिलहाल दुनियाभर में 100 से ज्यादा वैक्सीन्स पर प्री-क्लीनिकल ट्रायल जारी है। इनमें से 2 वैक्सीन ऐसी भी हैं, जिन्होंने क्लीनिकल ट्रायल पास कर लिया और अब ह्यूमन ट्रायल तक पहुंच गई हैं। मगर फिर भी WHO के कोरोना वायरस एक्सपर्ट ने एक चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि, "ऐसा संभव है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन कभी न बन पाए।"
अगर आपको लग रहा है कि WHO एक्सपर्ट की चिंता निरर्थक है, तो ये बात याद रखिए कि अभी तक दुनिया एचआईवी, डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों की भी वैक्सीन नहीं बना पाई है।
अगर कभी न बन पाई कोरोना वायरस की वैक्सीन तब?
WHO के कोरोना वायरस एक्सपर्ट और Imperial College London के ग्लोबल हेल्थ के प्रोफेसर डॉ. डेविड नबारो ने सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "कुछ वायरस ऐसे हैं, जिनकी वैक्सीन अभी भी हमारे पास नहीं है। हम यह ठोस रूप से मानकर चल रहे हैं कि वैक्सीन किसी भी तरह से बन ही जाएगी। अगर वैक्सीन बन भी जाती है तो क्या ये सभी तरह के टेस्ट और सुरक्षात्मक मानक को पास कर पाएगी?"
"अब यह भी जरूरी हो गया है हर समाज इस बात के लिए तैयारी कर ले कि कोरोना वायरस के हमारे बीच रहते हुए हम इससे कैसे बच सकते हैं। और इस वायरस को दिमाग में रखते हुए हम अपनी सोशल लाइफ और आर्थिक गतिविधियों को कैसे जारी रख सकते हैं।"
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अगर वैक्सीन बनी भी तो इसमें बहुत समय लगेगा
बहुत सारे एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि हम कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन बनाने में सफलता प्राप्त कर लेंगे, इसका कारण यह है कि एचआईवी और मलेरिया की तरह कोरोना वायरस तेजी से द्विगुणित नहीं होता है। लेकिन अगर ऐसा संभव भी हुआ तो उसमें अभी 1 साल से 18 महीने तक का समय लग सकता है। और फिर वैक्सीन बनने के बाद भी इतनी ज्यादा तादाम में उसका प्रोडक्शन करना और उसे हर व्यक्ति तक पहुंचाने में भी सालों खर्च होंगे। ऐसे में पूरी दुनिया को तब तक के लिए लॉकडाउन में नहीं रखा जा सकता है। इसलिए एक्सपर्ट मान रहे हैं कि फिलहाल नए तरीके से विश्व को दोबारा रोजाना की गतिविधियों को शुरू कर देना चाहिए।
लगातार फैल रहा है कोरोना वायरस, मर रहे हैं लोग
कोरोना वायरस 200 से ज्यादा देशों और यूनियन टेरिटरीज में फैल चुका है। अब तक ये वायरस 37 लाख 27 हजार से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर चुका है। इनमें से 2 लाख 58 हजार से ज्यादा लोग अब तक मर चुके हैं। अच्छी बात ये है कि लगभग 12 लाख लोग अब तक कोरोना वायरस से ठीक हो चुके हैं। मगर कुछ देशों में ठीक हो चुके लोगों के दोबारा कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने की खबर से एक्सपर्ट्स की चिंता बढ़ी है।
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भारत की स्थिति भी बिगड़ती जा रही है
भारत में कोरोना वायरस मरीजों की संख्या लगभग 50,000 पहुंच रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अब भारत में कोरोना वायरस के 49,391 मरीज हो चुके हैं। इनमें से 1694 की मृत्यु हो चुकी है और 14,183 लोग ठीक हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे में ही भारत में 2958 नए पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं और 126 की मौत हुई है।
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