वजन बढ़ने और अन्य कई समस्याओं के लिए हमेशा फुल क्रीम दूध को दोष दिया जाता है, लेकिन क्या ये सही है? क्या फुल क्रीम दूध सच में अस्वस्थ्यकर है? निश्चित रूप से इसका जवाब है...नहीं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि टोंड मिल्क (Skim milk) की तुलना में फुल क्रीम दूध (Full-fat milk) एक स्वस्थ विकल्प के तौर पर उभर रहा है।
हम क्यों टोंड मिल्क (Skim milk) पीने लगे?
1990 के दशक के दौरान, पोषण विशेषज्ञों और स्वास्थ्य पेशेवरों ने लोगों को अपने आहार से वसा (fat) में कटौती करने की सलाह दी जिसमें दूध और अन्य डेयरी उत्पाद शामिल थे। जिसके कारण अधिक से अधिक लोग कम वसा और वसा रहित डेयरी उत्पादों का विकल्प चुनने लगे। इसके बाद डेयरी उत्पाद के निर्माताओं ने अपने उत्पादों में कृत्रिम सामग्री (artificial ingredients) और चीनी (sugar) मिलाना शरू कर दिया, ताकि लोगों को बेहतर स्वाद मिल सके। इसके परिणामस्वरूप हमें फ्लेवर्ड दूध, मीठी दही और अन्य उत्पाद मार्केट में आने लगे।
फैट-फ्री और स्किम मिल्क संतोषजनक नहीं होते हैं और वसा रहित दही अतिरिक्त शर्करा से भरे होते हैं और ये हमें पूर्ण वसा वाले डेयरी उत्पादों से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभों से भी वंचित रखते हैं। जब लोग वसा को कम करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो वे विकल्प के रूप में ज्यादा रिफाइंड कार्ब्स और शुगर खाने लगते हैं, जिसके अपने कई स्वास्थ्य जोखिम होते हैं।
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कुछ हैरान करने वाले तथ्य
फुल-फैट वाले डेयरी उत्पाद वास्तव में आपके वजन घटाने के लक्ष्यों को पूरा करने में आपकी मदद कर सकते हैं, जबकि लोग ऐसा नहीं मानते हैं। 18,000 मिडिल एज की स्वस्थ वजन वाली महिलाओं पर किए गए दस साल के लंबे अध्ययन में पाया गया कि जिन महिलाओं ने अधिक दूध का सेवन किया और पूर्ण वसा वाले डेयरी उत्पादों का सेवन किया, उनमें उन महिलाओं की तुलना में अधिक वजन और मोटापे की संभावना कम थी, जिन्होंने पूर्ण वसा वाले डेयरी का सेवन नहीं किया था।
यूरोपियन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि फुल क्रीम दूध की दैनिक खपत ने प्रतिभागी के एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) के स्तर में वृद्धि की, जबकि टोंड मिल्क पीने वाली महिलाओं ये लाभ नहीं दिखा। कुछ अन्य अध्ययनों में पाया गया कि जो बच्चे फुल क्रीम दूध का सेवन करते हैं, उनमें बाकी बच्चों (जो कम वसा वाले दूध पीते हैं) के मुकाबले विटामिन डी का स्तर बेहतर था। शोधकर्ताओं ने पाया कि दूध में पाई जाने वाली वसा शरीर को अधिक विटामिन डी अवशोषित करने में मदद करती है।
- हमें स्वस्थ वसा से डरने की जरूरत नहीं है। यदि आप उन समूहों में से हैं जो फुल क्रीम वाले डेयरी उत्पादों से बचने में विश्वास करते हैं तो आपको पुनर्विचार करना होगा।
- एक ऑर्गेनिक फुल क्रीम दूध वाले डेयरी उत्पादों में ओमेगा 3 फैटी एसिड के अधिक होने का अतिरिक्त लाभ है, जो वजन प्रबंधन और टाइप 2 डायबिटीज को बेहतर बनाए रखने में मदद करता है।
- किसी अन्य खाद्य पदार्थों की तरह, डेयरी उत्पादों का ओवरडोज ठीक नहीं है। यदि आप डेयरी को अच्छी तरह से पचा सकते हैं, तो आप दूध, दही या पनीर आदि के रूप में इसे दिन में तीन बार सेवन कर सकते हैं।
- दूध और अन्य डेयरी उत्पाद कैल्शियम का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं। और महिलाओं को ये बात पता होनी चाहिए कि उन्हें एक दिन में कम से कम 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है।
- यदि आप दूध में लैक्टोज, प्राकृतिक शर्करा को पचा नहीं सकते हैं, तो लैक्टोज फ्री डेयरी उत्पादों का विकल्प चुन सकते हैं। आप ग्रीक योगर्ट का विकल्प चुन सकते हैं, जो लैक्टोज में बहुत कम है। और पनीर में भी लैक्टोज नहीं है। इसे वे लोग खा सकते हैं जिन्हें लैक्टोज से किसी प्रकार की समस्या है।
निष्कर्ष
यदि आपको लैक्टोज से प्रॉब्लम है, तो फुल क्रीम वाले दूध का सेवन न करें। इसके अलावा यदि आप डायट पर हैं तो भी फुल क्रीम दूध लेने से बचें। इसके अलावा, बाकी लोग आराम से इसका सेवन कर सकते हैं। अध्ययनों में पाया गया है कि पारंपरिक रूप से प्राप्त गाय के दूध में हृदय स्वास्थ्य सबंधी पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड, ओमेगा 3 वसा, विटामिन ई, आयरन होता है।
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