How To Get Baby To Start Crawling In Hindi : अपने छोटे बच्चे को घुटनों के बल चलते देखना हर अभिभावक के लिए एक यादगार पल होता है। बच्चे के विकास में ये एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जाता है। आमतौर पर बच्चे 7 से 10 महीने में ही घुटनों के बल चलना शुरू कर देते हैं। जबकि, कुछ बच्चे इससे पहले और कुछ इसके बाद भी घुटनों के बल चलना शुरू कर सकते हैं। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेश गुलाटी ने बताया कि बच्चों को घुटनों के बल चलना शुरू करते हैं और अभिभावक बच्चों की किस तरह से मदद कर सकते हैं।
कुछ माता-पिता बच्चों को समय से पहले ही चलते हुए देखना चाहते हैं। लेकिन, अधिकतर बच्चे 7 माह के दौरान घुटनों के बल पर चलना शुरू करते हैं। जबकि, कुछ बच्चे 10 माह तक भी घुटनों के बल चलना प्रारंभ करते हैं। इस समय तक बच्चा हाथों और घुटनों को हिलाना सीख जाता है। हर बच्चे की अलग-अलग क्षमताएं होती हैं। कुछ बच्चे 6 माह की आयु में भी घुटनों के बल पर चलना शुरू कर देते हैं। वहीं, कुछ बच्चे एक साल बीत जाने के बाद भी चलना शुरू नहीं करते हैं। अगर आपका बच्चा एक साल का होने के बाद भी घुटनों के बल चलना शुरू नहीं करता है, तो ऐसे में अभिभावकों को घबरा नहीं चाहिए। डॉक्टर के अनुसार कुछ बच्चों में साइकोमीटर और कॉन्गनेटिव स्किल्स बेहतर होता है। जिससे वह कई चीजों को तेजी से सीखते हैं।
बच्चों को घुटनों के बल चलने के क्या संकेत होते हैं? Symptoms Of Baby Crawling in Hindi
बच्चों का चलना कई पड़ाव से गुजरता है। इसमें सबसे पहले शिशु बैठना सीखते हैं, गर्दन को स्टेबल रखने के बाद ही बच्चा घुटनों के बल आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं। इस दौरान बच्चे कई बार गिरते भी हैं। शिशु घुटनों के बल चलने से पहले एक ही जगह पर आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं। यह एक मुख्य संकेत होता है कि आपका बच्चा जल्द ही घुटनों के बल चलना शुरू कर देगा। घुटनों के बल चलते समय बच्चा कई चीजों का सहारा लेकर खड़े होने का प्रयास करता है।
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आप घुटनों के बल चलने पर बच्चों की मदद कर सकते हैं? How to Help Your Baby Crawl in Hindi
वैसे, तो बच्चा घुटनों के बल चलना खुद ही शुरु कर देते हैं। लेकिन,अभिभावक भी उनकी चलने में मदद कर सकते हैं। आगे जानते हैं इन उपायों के बारे में।
शिशु का टमी टाइम बढ़ाएं
शिशु घुटनों के बल चलना शुरू करने से पहले पेट के बल लेटकर आगे खिसकने की कोशिश करते हैं। ऐसे में अभिभावक बच्चे को ज्यादा से ज्यादा पेट के बल लेटना चाहिए। ऐसे में बच्चे में हाथों की मदद से खुद को आगे की ओर धकेलने का प्रयास करते हैं। घुटनों के बल चलने से पहले शिशु के हाथों और मांसपेशियों का मजबूत होना बेहद आवश्यक है।
बच्चे को अपने पास बुलाएं
आप शिशु से थोड़ी दूरी पर खड़े होकर उसे अपने पास बुलाएं। इससे बच्चा खुद आगे बढ़कर आपके पास आने की कोशिश करेगा। यदि बच्चा आपके पास आने में समय लेता है, तो आप धैर्य रखें। साथ ही बच्चे को जबदस्ती अपनी पास बुलाने का प्रयास न करें।
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बच्चे को खिलौने की मदद से आगे बढ़ाएं
शिशु को घुटनों के बल चलने के लिए प्रोत्साहित करने लिए आप उसके पसंदीदा खिलौनों की मदद ले सकते हैं। बच्चे के खिलौनों को आप जमीन पर रखकर उसे आगे की ओर बढ़ने के लिए कहें। शिशु खिलौने लेने के लिए आगे बढ़ना शुरू करेगा और कुछ समय के बाद वह घुटनों के बल चलना शुरू कर देगा।
शिशु जब घुटनों के बल चलना शुरु करता है, तो आप घर पर रखीं नुकीली चीजों को किसी कपड़ें से कवर कर दें। क्योंकि बच्चे के घुटनों के बल चलते समय चोट लगने की संभावना अधिक होती है।