कोरोना की दूसरी लहर लोगों के लिए कहर बनकर आई है। ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को सामान्य मरीजों के मुकाबले ज्यादा खतरा है। डायटीशियन और न्यूट्रीशनिस्ट का मानना है कि कोरोना डायबिटीज के मरीजों के लिए ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि अगर किसी मधुमेह के मरीज को कोरोना हो जाए तो रिकवरी देरी से होती है। कोरोना की इस महामाीर में डायबिटीज के मरीजों में एक ही सवाल है कि वे इस वक्त में क्या खा सकते हैं, जिससे उनकी इम्युनिटी मजबूत हो और वे कोरोना से बच पाएं। परिवार भी इस समय समझ नहीं पा रहे हैं कि कोरोनाकाल में डायबिटीज के मरीजों का ख्याल कैसे रखें। इन्हीं सवालों को लेकर हमने डाइट मंत्रा की डायटीशियन डॉक्टर कामिनी कुमारी और नमामी लाइफ की न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. शैली तोमर से बात की। उन्होंने कोरोनाकाल में डायबिटीज के मरीजों का डाइट चार्ट क्या हो और वे किन बातों का ख्याल रखें, इस बारे में अहम जानकारी दी है।
कोरोनाकाल में डायबिटीज के मरीजों को ज्यादा खतरा
डॉक्टर कामिनी और डॉक्टर शैली का कहना है कि नमामी लाइफ के साथ जुड़ी न्यूट्रीशनिस्ट शैली तोमर का कहना है कि कोरोना काल में डायबिटिज के मरीज अपना ख्याल रखें, क्योंकि उनकी रिकवरी देरी से हो रही है। डायबिटीज हाई रिस्क की कैटिगरी है। कोमोर्बिडिटी की कंडीशन है। डायबिटीज वाले पहले ही हाई रिस्क में आ जाते हैं। उनको इंसुलिन रेजिस्टेंस होता है। डायबिटीज के मरीजों में इम्युनिटी पहले ही कम होती है। इन दो कारणों से वायरस डायबिटीज वाले मरीजों को ज्यादा प्रभावित करेगा। डॉक्टरों का कहना है कि डायबिटीज के मरीज कोरोना वायरस से ज्यादा प्रभावित हो रहें हैं पर उनकी रिकवरी स्लो हो रही है। तो वहीं, डॉक्टर कामिनी का कहना है कि डायबिटीज कोई बीमारी नहीं बल्कि सिंड्रोम है। इसमें हार्मोनल इंबैलेंस होने लग जाता है। यह परेशानी खराब ईटिंग पैटर्न के कारण होती है।
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कोरोनाकाल में क्या हो डायबिटीज के मरीजों का डाइट चार्ट
मधुमेह के मरीजों के लिए ब्रेकफास्ट
डायटीशियन कामिनी का कहना है कि कोरोनाकाल में डायबिटिक पेशेंट्स को प्रोटीन ज्यादा लेना चाहिए। प्रोटीन इम्युन सिस्टम को मजबूत करता है। इसके अलावा सुबह सोकर उठने के बाद विटामिन डी के लिए घर में खड़े होकर धूप लें। ज्यादा देर खाली पेट न रहें। सुबह शहद की जगह अदरक का पानी पीएं। ज्यादा पानी पीएं। जिन फलों में ज्यादा पानी होता है उन्हें खाएं। ब्रेकफास्ट में स्प्राउट्स खाएं।
मधुमेह के मरीजों का लंच
लंच में दाल दही, गेहूं के आटे की रोटी, रागी के आटे की रोटी खा सकते हैं। बस ध्यान रखना है कि कार्बोहाइड्रेट कम लेना है। क्योंकि ज्यादा कार्बोहाइड्रेट पेशेंट को देंगे तो वो एंटीबॉडिज उसे पचाने में ज्यादा काम करने लगती हैं। जिससे वे शरीर से कम हो जाती है। कार्ब का डाइजेशन हार्ड होता है। मधुमेह के मरीज को हाई प्रोटीन चीजें खानी चाहिए। आपको ज्यादा प्रोटीन लेना है। प्रोटीन से शरीर में लड़ने की क्षमता विकसित होती है।
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मधुमेह के मरीजों का डिनर
रात में खिचड़ी, सब्जियों का दलिया, सब्जियों का उपमा, चावल आदि ले लें। सलाद और सब्जियां खा सकते हैं। सोते समय दूध जरूर लें। प्रोटीन से डाइजेशन स्लो होती है। दूध पीने से स्टैमिना बना रहता है। जिससे सुबह का शुगर कंट्रोल रहेगा। ज्यादा देर भूखे रहने पर शुगर बढ़ जाता है। रात के वक्त में लाइट डिनर करना है।
कोरोनाकाल में मधुमेह के मरीज अपना ऐसे रखें ख्याल
न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. शैली तोमर का कहना है कि डायबिटीज के मरीज अपनी दवाएं समय पर खाएं। अगर उनको थोड़े भी कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो खुद को आइसोलेट कर लें। लैब टेस्ट कराएं। सोशल डिस्टेंसिंग करिए। डायबिटिक पेशेंट इस वक्त घर से बाहर न निकलें। अगर उन्हें वैक्सीनेशन भी करवाना है तो भी 15 मई के बाद ही घर से बाहर निकलें। भारतीय वैज्ञानिकों ने कहा कि 15 मई तक कोरोना का पीक आएगा। उसके बाद ही घर से बाहर निकलें। क्योंकि डायबिटीज के मरीजों को सामान्य मरीजों से ज्यादा खतरा है।
सामान्य लोगों से ज्यादा डायबिटीज के मरीजों को कोरोना का खतरा है। ऐसे में उन्हें सामान्य लोगों से ज्यादा एहतियात बरतनी है। ज्यादा समय खाली पेट न रहें। कोरोना का वायरस उन्हें जल्दी अटैक करता है। फिर रिकवरी भी धीरे-धीरे होती है। इसलिए कोविड नियमों का पालन करें।
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